📍नई दिल्ली | 4 months ago
Mountain Artillery: भारतीय सेना ने अपनी ऐतिहासिक और बहादुर पशु परिवहन (माउंटेन आर्टिलरी) यूनिट्स को श्रद्धांजलि देने के लिए एक खास डाक कवर जारी किया है। यह आयोजन सेना की उन यूनिट्स को याद करने के लिए किया गया, जिन्होंने दुर्गम पहाड़ों और कठिन हालात में सेना का साथ दिया। इस मौके पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी (क्वार्टर मास्टर जनरल), लेफ्टिनेंट जनरल प्रीत मोहिंद्रा सिंह (निदेशालय आपूर्ति एवं परिवहन), और वरिष्ठ कर्नल कमांडेंट के साथ मेजर जनरल एमके खान (सहायक निदेशालय सेना डाक सेवा) और सेना सेवा कोर के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
Mountain Artillery: खच्चरों का सेना के साथ पुराना रिश्ता
भारतीय सेना का खच्चरों के साथ एक गहरा और ऐतिहासिक रिश्ता रहा है। 250 से ज्यादा सालों तक ये पशु, कठिन इलाकों में सेना के अभियानों की रीढ़ रहे। चाहे वह हिमालय की बर्फीली चोटियां हों या दुर्गम पहाड़ी इलाके, खच्चरों ने हर चुनौती को पार करते हुए रसद, हथियार और अन्य जरूरी सामान सैनिकों तक पहुंचाया। खच्चरों की खासियत उनकी ताकत, सहनशक्ति और कठिन हालात में काम करने की क्षमता रही। इन्हीं गुणों ने उन्हें सेना के लिए अनमोल साथी बना दिया।
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ये खच्चर वहां तक पहुंच जाते हैं, आधुनिक वाहन और तकनीक भी बेकार साबित हो जाती हैं, म्यूल (खच्चर) और उनके देखभालकर्ता, जिन्हें ‘म्यूलटियर’ कहा जाता है, हमेशा से भरोसेमंद साथी रहे हैं।
इस मोके पर लेफ्टिनेंट जनरल वीएमबी कृष्णन ने कहा, “यह कदम हमारे पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखने का एक प्रतीक है। यह दिखाता है कि भारतीय सेना अपने हर साथी की सेवा को महत्व देती है।”
मेजर जनरल एमके खान ने कहा, “यह कवर म्यूल और उनके म्यूलटियर्स की कहानियों को जीवित रखने का एक प्रयास है। उनके योगदान को याद करना हमारा कर्तव्य है।”
Mountain Artillery: तकनीक ने ली खच्चरों की जगह
अब समय बदल गया है। जहां पहले खच्चरों ने रसद पहुंचाने का काम किया, वहीं अब ड्रोन, ऑल-टेरेन व्हीकल्स और रोबोटिक म्यूल्स ने उनकी जगह ले ली है। सेना आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपनी कार्यक्षमता को और मजबूत कर रही है। इन्हीं परिवर्तनों के चलते सेना की ‘एनिमल ट्रांसपोर्ट’ यूनिट्स को अब सक्रिय सेवा से हटाया जा रहा है। यह कदम सेना की बढ़ती आधुनिकता और भविष्य की सैन्य जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
भारतीय सेना का आर्मी सर्विस कॉर्प्स (ASC) उन सेवाओं में से एक है, जो सेना की लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति का आधार है। इसकी शुरुआत लगभग 250 साल पहले हुई थी और शुरू में इसका फोकस एनिमल ट्रांसपोर्ट पर था। समय के साथ, ASC ने अपने दायरे का विस्तार करते हुए आधुनिक लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति प्रबंधन में भी महारत हासिल की।
ASC की ‘एनिमल ट्रांसपोर्ट’ यूनिट्स, जो माउंटेन आर्टिलरी का हिस्सा थीं, भारत के हर युद्ध क्षेत्र में सक्रिय रही हैं। ये यूनिट्स युद्ध के दौरान, खासकर 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1999 के कारगिल संघर्ष के दौरान, महत्वपूर्ण साबित हुईं।
खास डाक कवर का क्या है मतलब
जारी किया गया डाक कवर इन यूनिट्स के योगदान को सहेजने और आने वाली पीढ़ियों को उनकी कहानियां सुनाने का एक प्रयास है। यह उन खच्चरों और उनके संचालकों को सलाम करता है, जिन्होंने अपनी मेहनत और ताकत से भारतीय सेना को हर मुश्किल को पार करने में मदद की।
पशु परिवहन यूनिट्स का योगदान सिर्फ सामान ढोने तक सीमित नहीं था। ये इकाइयां सैनिकों की जान बचाने और दुश्मन के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाती थीं। कारगिल युद्ध और अन्य अभियानों में उनकी भूमिका आज भी प्रेरणादायक है। स्वतंत्रता के बाद, पशु परिवहन का उपयोग सीमावर्ती क्षेत्रों में और ज्यादा बढ़ गया। 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध के दौरान म्यूलटियर्स ने हिमालय की ऊंची चोटियों पर रसद पहुंचाई। इसी तरह, 1999 के कारगिल युद्ध में, जब टोलोलिंग और टाइगर हिल जैसे क्षेत्रों में सड़कें नहीं थीं, म्यूल ही सेना का एकमात्र सहारा थे।
आज, जब सेना आधुनिक तकनीकों को अपनाकर खुद को भविष्य के लिए तैयार कर रही है, तब भी यह कदम दिखाता है कि परंपरा और इतिहास को भूला नहीं जा सकता। म्यूलटियर्स और उनके पशु, जो भारतीय सेना की पहचान का हिस्सा रहे हैं, हमेशा याद किए जाएंगे।
भारतीय सेना का यह कदम दिखाता है कि तकनीकी प्रगति के बावजूद सेना अपनी जड़ों को सम्मान देती है और उन्हें सहेजने की हर संभव कोशिश करती है।
यह खास डाक कवर सेना की माउंटेड हेरिटेज को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाने का एक जरिया है। यह हमें याद दिलाता है कि कैसे खच्चरों और उनके संचालकों ने सेना को हर चुनौती में मजबूती दी। उनकी यह कहानी हमेशा भारतीय सेना की गौरवशाली यात्रा का हिस्सा बनी रहेगी।
The Mountain Artillery is an essential component of modern military operations. Its specialized skills and equipment enable it to operate effectively in rugged and difficult terrain. The Mountain Artillery’s ability to provide precision firepower in challenging environments significantly enhances its tactical capabilities. With its expertise in mountain warfare, this unit plays a crucial role in maintaining military readiness and securing strategic objectives.