AGNI WARRIOR-2024: सिंगापुर और भारतीय सेना के बीच समाप्त हुआ संयुक्त सैन्य अभ्यास, देवलाली फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना ने दिखाई अपनी फायर पावर

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By हरेंद्र चौधरी

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📍नई दिल्ली | 5 months ago

AGNI WARRIOR-2024: महाराष्ट्र के देवलाली स्थित फील्ड फायरिंग रेंज में 30 नवंबर 2024 को भारतीय सेना और सिंगापुर सशस्त्र बलों के बीच 13वां संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘अग्नि वॉरियर-2024’ (XAW-2024) का समापन हुआ। यह तीन दिवसीय अभ्यास 28 से 30 नवंबर 2024 तक आयोजित किया गया, जिसमें सिंगापुर आर्टिलरी के 182 और भारतीय सेना के रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी के 114 सैनिकों ने भाग लिया।

AGNI WARRIOR-2024: Joint Military Exercise Between Singapore and Indian Army Concludes, Indian Army Demonstrates Firepower at Devlali Field Firing Ranges

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AGNI WARRIOR-2024: अभ्यास का उद्देश्य और महत्व

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत एक बहुराष्ट्रीय बल के रूप में संयुक्त संचालन के लिए आपसी समझ, तालमेल और प्रक्रियाओं को अधिकतम करना था। इसमें दोनों सेनाओं की तोपखाना इकाइयों द्वारा नई पीढ़ी के उपकरणों का उपयोग, संयुक्त फायर पावर की योजना और निष्पादन का प्रदर्शन किया गया।

इस अवसर पर आर्टिलरी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल आदोश कुमार, आर्टिलरी स्कूल के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एनएस सरना, और सिंगापुर सशस्त्र बलों के चीफ आर्टिलरी ऑफिसर कर्नल ओंग चियू पर्न मौजूद थे। उन्होंने दोनों सेनाओं के जवानों की पेशेवर दक्षता और उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की।

AGNI WARRIOR-2024: Joint Military Exercise Between Singapore and Indian Army Concludes, Indian Army Demonstrates Firepower at Devlali Field Firing Ranges

संयुक्त अभ्यास की विशेषताएं

‘अग्नि वॉरियर-2024’ में दोनों सेनाओं ने अपने अनुभव, कौशल और तकनीकी क्षमताओं का आदान-प्रदान किया। इस दौरान:

  1. संयुक्त योजना और समन्वय: दोनों सेनाओं ने एक-दूसरे की प्रक्रियाओं को समझने और सामंजस्य स्थापित करने पर काम किया।
  2. आधुनिक तकनीकों का उपयोग: तोपखाना इकाइयों ने उन्नत उपकरणों और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करते हुए रणनीतियों को साझा किया।
  3. बेहतरीन संचालन: फायर पावर प्लानिंग के जटिल पहलुओं को प्रदर्शित करते हुए, दोनों सेनाओं ने एकीकृत संचालन के लिए अपने दृष्टिकोण का विकास किया।
  4. बेहतर तैयारी: सिंगापुर सशस्त्र बलों के जवानों को भारतीय सेना के साथ मिलकर फायर पावर प्लानिंग और निष्पादन की बारीकियों को समझने का मौका मिला।

अभ्यास के समापन समारोह में मौजूद अधिकारियों ने जवानों का उत्साहवर्धन किया। लेफ्टिनेंट जनरल आदोश कुमार ने कहा कि इस तरह के अभ्यास दोनों देशों के सैन्य सहयोग को मजबूत करते हैं और आपसी विश्वास बढ़ाते हैं। कर्नल ओंग चियू पर्न ने कहा कि सिंगापुर और भारत के बीच रक्षा साझेदारी समय के साथ और मजबूत हो रही है।

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दोनों सेनाओं की साझेदारी का महत्व

सिंगापुर और भारतीय सेनाओं के बीच यह संयुक्त सैन्य अभ्यास दर्शाता है कि कैसे दो अलग-अलग देशों की सेनाएं साझा उद्देश्यों और मूल्यों के लिए एक मंच पर आ सकती हैं। यह अभ्यास न केवल सैन्य कौशल को बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है, बल्कि दोनों देशों के बीच मित्रता और सहयोग को भी बढ़ावा देता है।

संयुक्त अभ्यास का भविष्य

‘अग्नि वॉरियर-2024’ इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सेना और सिंगापुर सशस्त्र बल उन्नत तकनीक, पेशेवर प्रशिक्षण और सामरिक सहयोग में नए आयाम स्थापित कर रहे हैं। इस अभ्यास ने दोनों देशों को अपनी सैन्य प्रक्रियाओं को साझा करने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार होने का मौका दिया।

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ऊंचा हुआ सैनिकों का मनोबल

अभ्यास के दौरान जवानों ने कठिन परिस्थितियों में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। भारतीय और सिंगापुर के सैनिकों ने अपनी उत्कृष्ट क्षमता और सामरिक कौशल का परिचय देते हुए दिखाया कि वे किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

अंतरराष्ट्रीय रक्षा सहयोग का प्रतीक

‘अग्नि वॉरियर’ जैसा अभ्यास यह दर्शाता है कि भारत वैश्विक स्तर पर अपने रक्षा साझेदारों के साथ सहयोग को प्राथमिकता देता है। यह अभ्यास न केवल भारत और सिंगापुर के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए भी एक संदेश है।

‘अग्नि वॉरियर-2024’ भारतीय सेना और सिंगापुर सशस्त्र बलों के बीच गहरे सैन्य संबंधों का प्रतीक है। यह दोनों देशों के जवानों को नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करने के साथ-साथ एक मजबूत साझेदारी का निर्माण भी करता है। इस तरह के अभ्यास भविष्य में और भी व्यापक और प्रभावी होंगे, जो दोनों देशों की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।

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