Aero India 2025: पहली बार भारत के आसमान में गरजेगा रूस का फिफ्थ-जनरेशन फाइटर जेट Su-57, अमेरिकी F-35 भी रहेगा स्टेटिक डिस्प्ले में

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By हरेंद्र चौधरी

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📍नई दिल्ली | 3 months ago

Aero India 2025: बेंगलुरु में होने वाले एयरो इंडिया 2025 में रूस और अमेरिका के सबसे आधुनिक लड़ाकू विमानों का जलवा देखने को मिलेगा। रूस का Su-57 फिफ्थ-जनरेशन फाइटर जेट पहली बार भारत में प्रदर्शित किया जाएगा, जबकि अमेरिका के F-35 को स्टेटिक डिस्प्ले में रखा जाएगा।

Aero India 2025: Russia’s Su-57 to Soar Over India for the First Time, US F-35 on Static Display
SU-57
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भारतीय वायुसेना (IAF) के सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी लड़ाकू विमान शायद आसमान में उड़ान नहीं भरेंगे, लेकिन रूस का Su-57 अपने एरोबैटिक करतबों से दर्शकों को रोमांचित करेगा। यह शो 10 से 14 फरवरी 2025 तक आयोजित होगा और इसमें दुनिया भर की प्रमुख डिफेंस कंपनियां हिस्सा लेंगी। इस कार्यक्रम के पहले तीन दिन बिजनेस डेज़ होंगे, जबकि अंतिम दो दिन आम जनता के लिए खुले रहेंगे।

रूसी Su-57: पहली बार भारत में प्रदर्शन

रूसी एयरोस्पेस कंपनी सुखोई (Sukhoi) के बनाए Su-57 फाइटर जेट पहली बार भारत में सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। यह विमान पहले ही रूसी वायुसेना में शामिल किया जा चुका है और नवंबर 2024 में इसे एयरशो चाइना (Zhuhai) में भी प्रदर्शित किया गया था। यह विमान रूस की लेटेस्ट स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस है और पहले ही रूसी वायुसेना में शामिल हो चुका है।

सूत्रों के अनुसार, Su-57 इस शो में हवाई करतब दिखाएगा, जिससे दर्शकों को इसकी सुपरक्रूज़, सुपर-मेन्युवरिबिलिटी और अन्य क्षमताओं का प्रदर्शन देखने को मिलेगा।

इस लड़ाकू विमान को पहली बार भारत में दिखाने की टाइमिंग खास है, क्योंकि इस साल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की भी संभावना है। गौरतलब है कि 2007 में भारत और रूस ने मिलकर Su-57 का को-डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किया था, लेकिन 2018 में भारत ने इस प्रोजेक्ट से अपना हाथ खींच लिया था।

Aero India 2025: Russia’s Su-57 to Soar Over India for the First Time, US F-35 on Static Display
US F-35

अमेरिकी F-35 और F-16 भी होंगे शामिल

पिछले साल Aero India 2023 में अमेरिका ने पहली बार F-35 स्टील्थ फाइटर जेट को केवल डिस्प्ले के लिए रखा था। हालांकि, इस बार यह विमान सिर्फ स्टेटिक डिस्प्ले में रहेगा और उड़ान नहीं भरेगा।

इसके अलावा, अमेरिका की ओर से B-1 लॉन्ग रेंज बॉम्बर और F-16 फाइटर्स भी इस शो में हिस्सा लेंगे। B-1 बॉम्बर ने पिछले एयरो इंडिया शो में फ्लाई-पास्ट किया था, और इस बार भी इसके प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।

इसके अलावा, अमेरिकी बोइंग (Boeing) कंपनी का KC-135 Stratotanker (एक रीफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट) और ब्राजील की एम्ब्रायर (Embraer) कंपनी का C-390 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट भी इस शो का हिस्सा होंगे।

Aero India 2025: Russia’s Su-57 to Soar Over India for the First Time, US F-35 on Static Display

Su-57 बनाम F-35: कौन है ज्यादा ताकतवर?

फिफ्थ-जनरेशन फाइटर जेट्स को आधुनिक सुपर-सोनिक गति, स्टील्थ तकनीक, सुपर-मेन्युवरिबिलिटी और हाई-सिचुएशनल अवेयरनेस जैसी विशेषताओं के लिए जाना जाता है।

Su-57:

  • ट्विन-इंजन स्टील्थ फाइटर
  • हाइपर-सोनिक मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता
  • सुपरक्रूज़ और सुपर-मेन्युवरिबिलिटी से लैस
  • रडार से बचने की क्षमता
Aero India 2025: भारत के सबसे बड़े एरो शो में हिस्सा नहीं लेंगे अमेरिकी वायुसेना के F-35 और F-16 फाइटर जेट, ये है बड़ी वजह

F-35:

  • सिंगल-इंजन स्टील्थ फाइटर
  • नेटवर्क-सेंट्रिक वारफेयर के लिए डिज़ाइन किया गया
  • इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमताओं से लैस
  • वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग (F-35B)

भारत भी अब अपनी फिफ्थ-जनरेशन फाइटर जेट बनाने की तैयारी में जुट गया है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) “एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA)” नामक स्वदेशी फाइटर जेट पर काम कर रहा है।

मार्च 2024 में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी थी। वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास 31 फाइटर स्क्वाड्रन हैं, जबकि इसे 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है। ऐसे में AMCA का निर्माण भारत की सैन्य क्षमताओं को मजबूत करेगा।

Aero India हर दो साल में आयोजित होने वाला भारत का सबसे बड़ा एयरोस्पेस और डिफेंस शो है। इसमें दुनिया भर की डिफेंस कंपनियां, MSMEs और स्टार्टअप्स अपनी नई तकनीकों और डिफेंस प्रोडक्ट्स को प्रदर्शित करते हैं। वहीं, एयरो इंडिया 2025 ऐसे समय में हो रहा है, जब भारतीय वायुसेना (IAF) गंभीर संकट से गुजर रही है। फाइटर जेट्स की नई खरीद में देरी और स्वदेशी फिफ्थ-जेनरेशन फाइटर जेट AMCA का विकास अभी कम से कम 10 साल दूर है।

IAF के पास वर्तमान में 31 स्क्वाड्रन हैं, जबकि उसे 42 स्क्वाड्रन की आवश्यकता है। आने वाले वर्षों में MiG-21 बाइसन की अंतिम दो स्क्वाड्रन भी सेवा से बाहर हो जाएंगी, जिससे वायुसेना की ताकत और कमजोर हो सकती है।

यह शो भारत को अपनी स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने और डिफेंस एक्सपोर्ट को बढ़ाने का बेहतरीन मौका देता है। इससे “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” अभियान को भी मजबूती मिलेगी।

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