📍नई दिल्ली | 2 months ago
Commander Purnendu Tiwari: कतर में गिरफ्तार किए गए आठ भारतीय नेवल वेटरन्स में से सात अब भारत लौट चुके हैं, लेकिन कमांडर पूर्णेंदु तिवारी अब भी वहां की जेल में बंद हैं। उनकी कानूनी लड़ाई अभी भी जारी है और भारत सरकार लगातार उनके रिहाई की कोशिशें कर रही है। कतर अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के भारत दौरे से पहले भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की थी कि वे कमांडर पूर्णेंदु तिवारी को भारत वापस लाने में मदद करें।
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी पिछले दिनों दो दिन के भारत पर आए हुए थे। उससे पहले नौसेना के रिटायर्ड अधिकारियों ने कतर के अमीर और प्रधानमंत्री मोदी से अपील की थी कि वे इस मामले का शीघ्र समाधान निकालें। उनकी यात्रा पर लगे प्रतिबंधों को हटाकर तिवारी को भारत लौटने दिया जाए ताकि वे अपनी बूढ़ी मां और परिवार के साथ फिर से मिल सकें।
Qatar Amir’s India Visit: भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों की अपील; कतर में फंसे साथी को भारत वापस लाने की गुहार
विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि कमांडर पूर्णेंदु तिवारी अभी भी कतर में कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। सरकार इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए है और उनकी जल्द से जल्द सुरक्षित वापसी के लिए राजनयिक स्तर पर प्रयास कर रही है। बता दें कि कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी दो दिवसीय भारत दौरे पर थे।
Commander Purnendu Tiwari: क्या है मामला?
ये आठों अधिकारी कतर की निजी कंपनी अल-दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज में कार्यरत थे, जो कतर की सेना और सुरक्षा एजेंसियों को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती थी। अगस्त 2022 में कतर की सुरक्षा एजेंसियों ने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। कतर की कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टेंस ने अक्टूबर 2023 में सभी आठों भारतीय अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, भारत सरकार के उच्च स्तरीय कूटनीतिक प्रयासों के चलते दिसंबर 2023 में उनकी सजा को घटाकर तीन से 25 साल के कारावास में बदल दिया गया। बाद में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के चलते फरवरी 2024 में सात अधिकारियों को रिहा कर भारत लाया गया, लेकिन कमांडर पूर्णेंदु तिवारी की रिहाई नहीं हो सकी। उस समय खबरें आईं थीं कि उन्हें जासूसी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह मामला भारत और कतर के बीच एक बड़ा कूटनीतिक मुद्दा बन गया था।
इसके बाद फरवरी 2024 में सात अधिकारियों को भारत लाया गया, लेकिन रिटायर्ड कमांडर पूर्णेंदु तिवारी की रिहाई नहीं हो सकी। उन पर उनकी एक कंपनी के मामले में अलग वित्तीय जांच चल रही है, जिसके कारण उन्हें कतर में ही रहना पड रहा है। विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी अरुण चटर्जी ने बताया कि उनकी कानूनी प्रक्रिया अभी जारी है और सरकार लगातार कतर प्रशासन से संपर्क में है।
तिवारी को 2019 में नवाजा था प्रवासी भारतीय सम्मान से
भारत लौटने वाले पूर्व नौसेना अधिकारियों में कैप्टन नवतेज गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर बीके वर्मा, कमांडर सुगुणाकर पकाला और नाविक रागेश शामिल थे। कमांडर संजीव गुप्ता और कमांडर सुगुणाकर पकाला ने एक साझा बयान में कहा था, “एक साल हो गया जब कतर ने भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को रिहा किया, लेकिन उनमें से एक साथी अब भी वहीं फंसा हुआ है। उनका कहना था कि कमांडर तिवारी को 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान से नवाजा गया था। उनके साथियों का कहना है कि उनकी गिरफ्तारी और यात्रा प्रतिबंध को जल्द से जल्द हटाया जाना चाहिए।
बता दें कि विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, फिलहाल कतर की जेलों में 600 भारतीय नागरिक बंद हैं, जबकि 2024 में 85 भारतीयों को कतर सरकार ने माफी देकर रिहा किया था।