📍नई दिल्ली | 4 months ago
Nepal Army chief India visit: नेपाल सेना के प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल 11 से 14 दिसंबर के बीच भारत के आधिकारिक दौरे पर होंगे। यह दौरा भारत-नेपाल के रक्षा संबंधों को मजबूती देने और गोरखा भर्ती प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की संभावनाओं पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पहले भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी नेपाल दौरे पर गए थे।
Nepal Army chief India visit: गोरखा भर्ती पर चर्चा
गोरखा सैनिक भारतीय सेना की रीढ़ माने जाते हैं। लंबे समय से भारतीय सेना में गोरखा सैनिकों की भूमिका न केवल सामरिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण रही है। हालांकि, अग्निवीर योजना के लागू होने के बाद, नेपाल ने इस भर्ती प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लगा दी थी। नेपाल सरकार ने इस योजना की कुछ शर्तों पर अपनी चिंताओं का ज़िक्र किया था।
Chief of the Army Staff #NepaliArmy visits #India
Suprabal Janasewashree General Ashok Raj Sigdel, Chief of the Army Staff, #COAS, #NepaliArmy arrived today on a four day official visit to #India. The visit aims at strengthening mutual understanding, exchanging views on aspects… pic.twitter.com/iyzxaBVvxS
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) December 10, 2024
जनरल सिग्देल का यह दौरा गोरखा भर्ती को फिर से शुरू करने के लिए दोनों देशों के बीच संवाद का एक अहम मौका प्रदान करेगा। यदि यह प्रक्रिया पुनः शुरू होती है, तो यह न केवल दोनों देशों के बीच के रिश्तों को मजबूत बनाएगी, बल्कि नेपाल को आर्थिक लाभ भी पहुंचाएगी।
रक्षा सहयोग में नई संभावनाएं
जनरल सिग्देल की भारत यात्रा के दौरान कई उच्चस्तरीय बैठकों का आयोजन होगा। वे भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, वे देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में कैडेट्स की पासिंग आउट परेड में निरीक्षण अधिकारी के रूप में भी शामिल होंगे।
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भारत के राष्ट्रपति द्वारा जनरल सिग्देल को भारतीय सेना के मानद जनरल की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। यह परंपरा भारत और नेपाल के बीच 1950 से चली आ रही है, जिसमें दोनों देशों के सेना प्रमुखों को एक-दूसरे की सेना का मानद जनरल नियुक्त किया जाता है।
दौरे का रणनीतिक महत्व
यह दौरा तब हो रहा है, जब भारत और नेपाल दोनों ही अपने रणनीतिक और रक्षा संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। नवंबर 2024 में भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने नेपाल का दौरा किया था। उनके दौरे के दौरान, प्रशिक्षण कार्यक्रम, संयुक्त अभ्यास और गोरखा भर्ती से जुड़े विषयों पर चर्चा हुई थी।
नेपाल और भारत की सेनाओं के बीच मजबूत संबंध गोरखा रेजिमेंट के माध्यम से और गहरे हुए हैं। वर्तमान में, भारतीय सेना में 30,000 से अधिक गोरखा सैनिक सेवा दे रहे हैं। यह रिश्ता न केवल सैन्य स्तर पर बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच भी एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव है।
नेपाल-भारत के मजबूत संबंधों का प्रतीक
भारत और नेपाल के बीच सैन्य संबंधों को ऐतिहासिक रूप से मजबूत बनाने में कई परंपराओं और उच्चस्तरीय दौरों का बड़ा योगदान है। भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ जनरल केएम करिअप्पा को 1950 में नेपाली सेना के मानद जनरल का खिताब दिया गया था। यह परंपरा दोनों देशों के बीच विश्वास और सम्मान का प्रतीक है।
जनरल सिग्देल का यह दौरा दोनों देशों के नेतृत्व को एक बार फिर अपने रक्षा संबंधों की समीक्षा करने और भविष्य की रणनीतियों पर विचार करने का मौका देगा।
द्विपक्षीय सहयोग को नई दिशा
नेपाल और भारत के बीच नियमित उच्चस्तरीय बैठकों और आदान-प्रदान से द्विपक्षीय साझेदारी को नई गति मिली है। सेना प्रमुखों के दौरे न केवल औपचारिकता हैं, बल्कि वे रक्षा सहयोग को नई दिशा देने का महत्वपूर्ण जरिया भी हैं।
इस दौरे के दौरान, रक्षा तकनीकों और संयुक्त अभ्यासों पर भी चर्चा की संभावना है, जो क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने में मदद करेंगे।