HAL ALH Crash: ध्रुव हेलीकॉप्टर हादसे पर HAL की सफाई, सोशल मीडिया पर फैली ‘झूठी खबरों’ को बताया भ्रामक और एकतरफा

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By News Desk

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📍नई दिल्ली | 1 week ago

HAL ALH Crash: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने शुक्रवार को एक अहम बयान जारी कर उन तमाम रिपोर्ट्स को “भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण” बताया जो जनवरी में इंडियन कोस्ट गार्ड के एक एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर ध्रुव (ALH) के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद से लगातार सोशल मीडिया, ब्लॉग्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर सामने आ रही हैं। कंपनी ने कहा है कि कुछ लोग बिना सच्चाई जाने उनकी छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

HAL ALH Crash: Hindustan Aeronautics Slams False Reports, Clarifies on Dhruv Helicopter Accident

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HAL ALH Crash: हाल के हालात नहीं हैं ठीक

पिछले कुछ महीनों से एचएएल के लिए हालात थोड़े मुश्किल रहे हैं। जनवरी में तटरक्षक बल का एक ध्रुव हेलीकॉप्टर पोरबंदर के पास क्रैश (HAL ALH Crash) हो गया था। यह हेलीकॉप्टर एचएएल ने बनाया था, और इसके बाद से ही कंपनी पर सवाल उठने शुरू हो गए। कुछ लोग, जो खुद को रक्षा विशेषज्ञ या पुराने सैन्य अधिकारी बताते हैं, उन्होंने बिना पूरी जानकारी के लेख और ब्लॉग लिखे। इनमें कहा गया कि एचएएल के हेलीकॉप्टरों में खामियां हैं, और पुरानी समस्याएं अभी तक ठीक नहीं हुईं।

एचएल का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब कई पूर्व पायलट, रिटायर्ड सैन्य अधिकारी और कथित रक्षा विश्लेषक हादसे को लेकर अलग-अलग तरह के दावे कर रहे हैं। कंपनी का कहना है कि ये दावे न केवल तथ्यहीन हैं, बल्कि एचएएल का पक्ष लिए बिना एकतरफा लिखे जा रहे हैं। एचएएल के अनुसार, इन रिपोर्टों में कई पुरानी और सुलझ चुकी तकनीकी बातों को फिर से उछाला जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि इन समस्याओं को पहले ही हल किया जा चुका है।

HAL ALH Crash: कंपनी ने दिया स्पष्टीकरण

कंपनी ने अपने स्पष्टीकरण में लिखा है, “ALH दुर्घटना के बाद कुछ प्लेटफॉर्म्स पर HAL को लेकर जो कहानियां गढ़ी गई हैं, वे पूरी तरह से अनुमान और दुर्भावनापूर्ण इरादों पर आधारित हैं। इन लेखों में हमारे नजरिए को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। लेखन एकतरफा है और तथ्यों की बजाय राय आधारित है। कई मुद्दे जो अब पुराने हो चुके हैं, उन्हें फिर से उठाकर HAL को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।”

HAL ने यह भी स्पष्ट किया कि वह हर एक रिपोर्ट का व्यक्तिगत तौर पर जवाब नहीं दे सकती क्योंकि रक्षा क्षेत्र से जुड़े मामलों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए जवाबदेही सीमित होती है। लेकिन कंपनी ने भरोसा दिलाया कि वह भारतीय वायुसेना समेत सभी ग्राहकों के साथ मिलकर हर तकनीकी और रणनीतिक चुनौती का समाधान निकाल रही है। HAL ने दोहराया कि वह देश की रक्षा जरूरतों को समझती है और आधुनिक एविएशन प्लेटफॉर्म्स को लेकर उसकी जिम्मेदारियां स्पष्ट हैं।

एचएएल के प्रमुख डीके सुनील ने पहले बताया था कि पोरबंदर में हुए हादसे की वजह हेलीकॉप्टर का एक खास हिस्सा, जिसे स्वाशप्लेट कहते हैं, टूटना था। यह हिस्सा हेलीकॉप्टर को हवा में स्थिर रखने में मदद करता है। हादसे के बाद एहतियात के तौर पर ध्रुव हेलीकॉप्टरों ALH के पूरे बेड़े, जिसमें करीब 330 हेलिकॉप्टर शामिल हैं, को कुछ समय के लिए ग्राउंड किया गया था। यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि कोई और हादसा न हो और सारी मशीनों की अच्छे से जांच हो सके। लेकिन कुछ लोगों ने इस मौके का फायदा उठाकर एचएएल पर निशाना साधना शुरू कर दिया। कंपनी का कहना है कि रक्षा से जुड़े मामले बहुत संवेदनशील होते हैं, इसलिए वह हर छोटी-मोटी खबर का जवाब नहीं दे सकती। फिर भी, वह अपने काम पर पूरा भरोसा रखती है और अपने हेलीकॉप्टरों की गुणवत्ता को लेकर आश्वस्त है।

एचएएल ने यह भी साफ किया कि वह भारतीय वायुसेना और अन्य बलों के साथ मिलकर काम कर रही है। कंपनी का कहना है कि हेलीकॉप्टर जैसी जटिल मशीनें बनाना आसान नहीं है। इनमें कई बार छोटी-मोटी दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पूरी मशीन खराब है। एचएएल ने अपने बयान में सभी से अपील की है कि बिना पुख्ता जानकारी के कोई भी खबर न फैलाएं। कंपनी ने यह भी कहा कि वह अपने हेलीकॉप्टरों को और बेहतर बनाने के लिए दिन-रात काम कर रही है ताकि हमारे सैनिकों को सबसे सुरक्षित और आधुनिक उपकरण मिल सकें।

इस हादसे और उसके बाद की खबरों का असर सिर्फ कंपनी की छवि पर ही नहीं, बल्कि इसके कारोबार पर भी पड़ा। पिछले छह महीनों में एचएएल के शेयरों में करीब 7 फीसदी की गिरावट देखी गई। लेकिन शुक्रवार को कंपनी के बयान के बाद शेयर बाजार में थोड़ी राहत दिखी। दोपहर तक एचएएल के शेयर 2.22 फीसदी की बढ़त के साथ 4,120 रुपये के आसपास कारोबार कर रहे थे। बाजार के जानकारों का कहना है कि यह बढ़त निवेशकों के भरोसे को दर्शाती है। फिर भी, शेयर अभी भी कुछ खास औसत कीमतों से नीचे हैं, जिसका मतलब है कि बाजार में अभी भी थोड़ी सावधानी बरती जा रही है।

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एचएएल भारत की सबसे बड़ी रक्षा कंपनियों में से एक है, और इसका ज्यादातर मालिकाना हक सरकार के पास है। दिसंबर 2024 तक सरकार की कंपनी में 71.64 फीसदी हिस्सेदारी थी। यह कंपनी न सिर्फ हेलीकॉप्टर बनाती है, बल्कि लड़ाकू विमान, इंजन और अन्य रक्षा उपकरण भी तैयार करती है। ध्रुव हेलीकॉप्टर को सेना, वायुसेना और तटरक्षक बल इस्तेमाल करते हैं। यह हेलीकॉप्टर ऊंचे पहाड़ों से लेकर समुद्र तक हर तरह के मौसम में काम कर सकता है।

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