📍नई दिल्ली | 4 months ago
Army Sports Conclave 2024: भारतीय सेना ने खेल क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका को और मजबूत करते हुए 30 दिसंबर 2024 को दिल्ली कैंट स्थित मानेकशॉ सेंटर में ‘आर्मी स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव 2024’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 200 से अधिक गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया, जिनमें एथलीट, खेल महासंघों के प्रतिनिधि और भारतीय खेल जगत के प्रमुख संस्थाओं के लोग शामिल थे। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य भारत के खेल क्षेत्र को वैश्विक मंच पर मजबूत करना और 2036 ओलंपिक्स की मेजबानी के लिए देश की तैयारियों को दिशा देना था।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में युवा मामलों और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया और राजस्थान सरकार के मंत्री कर्नल (सेवानिवृत्त) राज्यवर्धन सिंह राठौड़ मौजूद थे। इनके अलावा, थलसेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे।
Army Sports Conclave 2024: मिशन ओलंपिक्स विंग की उपलब्धियां
2024 में भारतीय सेना के मिशन ओलंपिक्स विंग ने शानदार प्रदर्शन किया है। एथलीटों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते।
- तीरंदाजी: 13 राष्ट्रीय और 8 अंतरराष्ट्रीय पदक
- एथलेटिक्स: 104 पदक
- मुक्केबाजी: 74 पदक
- डाइविंग: 11 पदक
- कुश्ती: 45 पदक
- वेटलिफ्टिंग: 49 पदक
Army Sports Conclave 2024: पेरिस ओलंपिक्स और पैरालंपिक्स 2024
पेरिस ओलंपिक्स और पैरालंपिक्स 2024 में भारतीय सेना ने देश की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सेना के 13 खिलाड़ियों ने ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इनमें सूबेदार नीरज चोपड़ा का ऐतिहासिक सिल्वर मेडल (भाला फेंक में 89.45 मीटर) विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इसके अलावा, सूबेदार अविनाश साबले ने 3000 मीटर स्टीपलचेज में दूसरा स्थान हासिल किया।
वहीं, पैरालंपिक्स में, सेना के पैरा-एथलीटों ने भी अपनी शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन किया और दो कांस्य पदक जीते। इनमें नायब सूबेदार होकातो सेमा (सीटेड शॉट पुट F-57) और नाइक गजेंद्र सिंह की पत्नी सिमरन (T-12 200 मीटर) ने अपने-अपने इवेंट में पदक हासिल किए। ये प्रदर्शन भारतीय सेना की खेल उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
2036 ओलंपिक्स की तैयारी
भारत 2036 ओलंपिक्स की मेजबानी की तैयारी कर रहा है, और इस दिशा में भारतीय सेना अग्रणी भूमिका निभा रही है। 2001 में स्थापित मिशन ओलंपिक्स विंग ने अब तक राष्ट्रमंडल खेल 2022, एशियाई खेल 2022 और पेरिस ओलंपिक्स 2024 जैसे प्रतिष्ठित इवेंट्स में भारत के लिए पदक जीते हैं।
2036 ओलंपिक्स के लिए सेना ने एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है। इसके तहत जिन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सेना के प्रशिक्षण में शारीरिक और मानसिक सहनशक्ति को प्रमुखता दी जाती है। अनुशासन, धैर्य और मानसिक मजबूती पर आधारित यह प्रशिक्षण खिलाड़ियों को वैश्विक चुनौतियों के लिए तैयार करता है। साथ ही, खेल विज्ञान का समावेश एक बड़ा कदम है, जिसमें खेल चिकित्सा विशेषज्ञ, पोषण विशेषज्ञ और खेल वैज्ञानिकों की मदद से खिलाड़ियों की फिटनेस और प्रदर्शन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
सेना ने महिला खेलों को बढ़ावा देने के लिए ‘आर्मी गर्ल्स स्पोर्ट्स कंपनी’ को बेहतरीन सुविधाओं और विशेषज्ञ कोचिंग के साथ सशक्त बनाया है। पैरालंपिक खेलों के लिए पुणे में ‘आर्मी पैरालंपिक नोड’ को ‘पैरास्पोर्ट्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ में परिवर्तित किया जा रहा है, जो दिव्यांग खिलाड़ियों के विकास को नई ऊंचाई देगा।
इसके अलावा, पूर्व ओलंपियनों और खेल पेशेवरों की मदद से कोचिंग और मेंटरशिप को सशक्त किया जा रहा है, ताकि युवा प्रतिभाएं अपने सपनों को साकार कर सकें। सेना देश में एक खेल-केंद्रित समाज की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
‘आर्मी स्पोर्ट्स कॉन्क्लेव 2024’ ने भारतीय खेल जगत के विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाकर चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा करने का मौका दिया। इसमें मुख्य जोर यह सुनिश्चित करने पर था कि भारतीय एथलीट अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार हों।