📍नई दिल्ली | 9 Dec, 2024, 9:12 PM
INS Tushil: भारतीय नौसेना का नवीनतम मल्टी-रोल स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, आईएनएस तुशील (F 70), आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में रूस के कैलिनिनग्राद स्थित यांतर शिपयार्ड में कमीशन किया गया। इस ऐतिहासिक मौके पर रक्षा मंत्री ने इसे भारत की बढ़ती समुद्री ताकत और भारत-रूस के दीर्घकालिक संबंधों में एक नया मील का पत्थर करार दिया।
समुद्री शक्ति में बढ़ोतरी का प्रतीक है INS Tushil
राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा, “आईएनएस तुशील भारत की समुद्री शक्ति में बढ़ोतरी का प्रतीक है। यह जहाज भारत और रूस की गहरी मित्रता, साझे मूल्यों और आपसी विश्वास का प्रमाण है।” उन्होंने इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा कदम बताते हुए कहा कि इसमें ‘मेड इन इंडिया’ के तहत कई महत्वपूर्ण तकनीकों को शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि यह जहाज भारतीय और रूसी उद्योगों की संयुक्त क्षमता का प्रतीक है और भारत के तकनीकी उत्कृष्टता की यात्रा को दर्शाता है।
सुरक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्धता (SAGAR)
राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण ‘SAGAR’ (Security and Growth for All in the Region) का उल्लेख करते हुए इसे भारत की समुद्री नीति की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा, “SAGAR भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो सामूहिक सुरक्षा, समुद्री सहयोग और सतत विकास को बढ़ावा देता है। इस प्रयास में हमें हमेशा रूस का समर्थन मिला है।”
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हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना की भूमिका
राजनाथ सिंह ने बताया कि भारतीय नौसेना ने हमेशा हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में शांति और स्थिरता बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, “हमारी नौसेना ने विभिन्न समुद्री मार्गों पर समुद्री डकैती, हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी, और गैर-राज्यीय गतिविधियों को विफल किया है।”
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय नौसेना क्षेत्र के मित्र देशों को मानवीय सहायता और आपदा राहत प्रदान करने में हमेशा आगे रही है।
आईएनएस तुशील की खासियतें
आईएनएस तुशील, क्रिवाक III क्लास का अपग्रेडेड फ्रिगेट है। यह नौसैनिक युद्ध के चारों आयामों – वायु, सतह, पानी के नीचे और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम में कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
एडवाांस वेपन सिस्टम
- ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें: भारत-रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित।
- सतह से हवा में मार करने वाली श्तिल मिसाइलें।
- एंटी-सबमरीन टॉरपीडो और रॉकेट्स।
- इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और संचार की उन्नत प्रणाली।
हेलीकॉप्टर क्षमता
यह जहाज कामोव 28 एंटी-सबमरीन हेलीकॉप्टर और कामोव 31 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टर को ले जाने में सक्षम है, जो इसकी ताकत को और बढ़ाते हैं।
स्पीड और स्टील्थ तकनीक
- जहाज 30 नॉट्स से अधिक गति प्राप्त करने में सक्षम है।
- उन्नत स्टील्थ विशेषताएं इसे दुश्मनों से छिपने में मदद करती हैं।
यह जहाज अत्याधुनिक गैस टरबाइन प्रणोदन प्रणाली से लैस है, जो उच्च स्तर की स्वचालन क्षमता प्रदान करती है।
निर्माण और परीक्षण
- कील बिछाई गई: 12 जुलाई, 2013
- लॉन्च: अक्टूबर 2021
- पहला समुद्री परीक्षण: 25 जनवरी, 2024
- सभी परीक्षण पूरे: सितंबर 2024
यह जहाज सभी रूसी हथियार प्रणालियों के परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है और युद्ध-तैयार स्थिति में जल्द ही भारत पहुंचेगा।
इस कार्यक्रम में रूसी रक्षा उपमंत्री अलेक्जेंडर वासिलयेविच फोमिन, कैलिनिनग्राद के गवर्नर एलेक्सी बेजप्रोज़्वान्याख, रूसी नौसेना के कमांडर-इन-चीफ एडमिरल अलेक्जेंडर मोइसेव, और भारत के रूस में राजदूत विनय कुमार सहित कई विशिष्ट अतिथि मौजूद थे।
मजबूत होंगे भारत-रूस रिश्ते
रक्षा मंत्री ने भारत-रूस के सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का आह्वान करते हुए कहा कि दोनों देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष अनुसंधान, और आतंकवाद विरोधी अभियान जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे।