📍नई दिल्ली | 4 months ago
Combat Training: भारतीय नौसेना ने कर्नाटक के समुद्र तटीय शहर कारवार में एक अत्याधुनिक कॉम्बैट ट्रेनिंग सेंटर (सीटीसी) बनाने की तैयारी कर ररही है। यह ट्रेनिंग सेंटर विशेष रूप से नौसेना के जवानों, मार्कोस कमांडो और मित्र देशों की स्पेशल फोर्सेज को आतंकवाद और समुद्री लुटेरों से निपटने के लिए ट्रेनिंग देने के लिए तैयार किया जाएगा।
Combat Training: 75 एकड़ भूमि पर होगा निर्माण
यह केंद्र 75 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा , जो आधुनिक सुविधाओंसे लैस होगा। यह भारतीय नौसेना की स्पेशवल फोर्सेज की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम है। इस ट्रेनिंग सेंटर में ऐसे उपकरण और सुविधाएं होंगी, जो असली जिंदगी में होती हैं।
क्या-क्या होगा Combat Training सेंटर में?
इस अत्याधुनिक ट्रेनिंग सेंटर में कई खास सुविधाएं होंगी, जो इसे भारत का सबसे एडवांस ट्रेनिंग सेंटर बनाएंगी।
- थ्री-स्टोरी मल्टीलेवल किल हाउस
यह तीन मंजिला इमारत होगी, जिसमें होटल लॉबी, कमरे, कॉन्फ्रेंस हॉल, कार्यालय, जहाज के उपकरण और रहने की जगह जैसे कई स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे। इसमें स्नाइपर हथियारों सहित विभिन्न हथियारों से फायरिंग के लिए बैलिस्टिक सुरक्षा भी होगी। इसके अलावा, बंधकों को छुड़ाने जैसे हालात के दौरान पैदा होने वाली परिस्थितयों में भी अभ्यास करने की सुविधा होगी।
- मैरिटाइम वर्कअप स्टेशन
इसमें ऑयल रिग का नकली मॉडल, जहाज का मॉडल, विभिन्न समुद्री परिस्थितियों को दिखाने के लिए वेव जनरेशन पूल और ऑब्स्टेकल-कम-जंगल फायरिंग रेंज शामिल होगी। ऑयल रिग मॉडल को असली ऑयल रिग प्लेटफॉर्म के पैमाने पर तैयार किया जाएगा, जिसमें जैकेट डेक, मेन डेक, लिविंग क्वार्टर और टॉप डेक (हेलीपैड) जैसे स्ट्रक्चर होंगे।
- मिलिट्री ऑपरेशंस इन अर्बन टेरेन कॉम्प्लेक्स
यह एक आधुनिक ट्रेनिंग फैसिलिटी होगी, जो शहरी क्षेत्रों में मिलिट्री ऑपरेशनों के लिए तैयार की जाएगी। इसमें दो कंपाउंड होंगे—एक शहरी सेटअप और दूसरा ग्रामीण सेटअप।
- शहरी सेटअप: यह एक छोटे शहर या कस्बे जैसा होगा, जिसमें कम से कम 10 बहुमंजिला इमारतें और 50 कमरे होंगे। इसमें अस्पताल, पुलिस स्टेशन, रेडियो स्टेशन, फैक्ट्री, बैंक, होटल, सिनेमा हॉल, स्कूल, गोदाम और प्रशासनिक भवन शामिल होंगे। इन इमारतों पर हेलीकॉप्टर से स्लिदरिंग और रैपलिंग जैसे विशेष अभियानों का अभ्यास किया जा सकेगा।
- ग्रामीण सेटअप: यह एक भारतीय गांव का नक्शा होगा, जिसमें गोशाला, मंदिर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मिट्टी के घर, फसल भंडारण सुविधा और एक खुला मैदान या हेलीपैड होगा। यह सेटअप विशेष हेलीकॉप्टर अभियान के लिए तैयार किया जाएगा।
MARCOS कमांडो और मित्र देशों की स्पेशल फोर्सेज की ट्रेनिंग
यह ट्रेनिंग सेंटर विशेष रूप से भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडो के लिए तैयार किया जा रहा है, जो आतंकवाद विरोधी अभियानों में विशेषज्ञ हैं। इसके अलावा, इसे मित्र देशों के विशेष बलों को प्रशिक्षित करने और नए उपकरणों के परीक्षण के लिए भी उपयोग किया जाएगा।
इस सेंटर में अत्याधुनिक सिमुलेटर और मॉड्यूलर बिल्डिंग्स होंगी, जो वास्तविक परिस्थितियों का अनुभव कराएंगी। नौसेना के दस्तावेजों के अनुसार, यह परियोजना नई चुनौतियों से निपटने के लिए विशेष बलों को तैयार करने में मददगार साबित होगी। भारतीय नौसेना ने इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने के लिए एक सलाहकार को शामिल किया है। यह ट्रेनिंग सेंटर भारत की समुद्री सुरक्षा को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। स्पेशल फोर्सेज की क्षमताओं को बढ़ाकर, यह केंद्र आतंकवाद और समुद्री लुटेरों के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।