Indian Amry Aviation Wings: कौंन हैं कैप्टन रिया श्रीधरन? पिता के पद्चिन्हों पर चल कर भारतीय सेना की एविएशन विंग्स में बनीं अफसर

By हरेंद्र चौधरी

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📍नई दिल्ली | 29 Nov, 2024, 5:40 AM

Indian Amry Aviation Wings: सेना में सेवा करने का सपना और परंपरा, यह शब्द केवल एक वाक्य नहीं, बल्कि एक शानदार विरासत का हिस्सा बन जाते हैं, जब हम कैप्टन रिया के श्रीधरन (Capt Rheeya K Sreedharan) जैसे लोगों की कहानियां सुर्खियों में आती हैं। रिया के लिए यह सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि उनके परिवार की गौरवमयी सेना के प्रति निष्ठा का प्रतीक है। रिया ने अपने पिता, ब्रिगेडियर कौशल श्रीधरन की परंपरा को अपनाते हुए, भारतीय सेना एविएशन कोर में एविएशन विंग्स प्राप्त किए हैं।

Indian Army Aviation Wings: Who is Captain Riya Sreedharan? Becomes an Officer in Indian Army Aviation Wings, Following in Her Father's Footsteps

नासिक स्थित कंबाइंड आर्म्ड ट्रेनिंग स्कूल (CATS) में आयोजित विदाई समारोह में कैप्टन रिया के श्रीधरन को यह सम्मान प्राप्त हुआ, जिसमें 11 महीने की कठिन ट्रेनिंग के बाद उन्होंने यह सम्मान हासिल किया। इस उपलब्धि के साथ ही वह भारतीय सेना के एविएशन कोर में पहली दूसरी पीढ़ी की महिला अधिकारी बनीं हैं, जो अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए एविएशन विंग्स की हकदार बनीं हैं।

Indian Amry Aviation Wings: कठिन ट्रेनिंग का सफर

कैप्टन रिया ने इस सम्मान को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण से भरपूर प्रशिक्षण लिया। भारतीय सेना की एविएशन कोर में शामिल होने के बाद, उन्हें अत्यधिक शारीरिक और मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 11 महीने की ट्रेनिंग में उन्हें पायलट के तौर पर अपने स्किल्स को निखारने के साथ-साथ एविएशन से जुड़े कई अन्य कठिन चुनौतियों को भी पार किया। इन 11 महीनों के दौरान उन्हें कठिन मौसम की परिस्थितियों, लंबी उड़ान से लेकर शारीरिक फिटनेस की सीमा तक खुद को साबित करना पड़ा।

रिया के लिए यह यात्रा बेहद प्रेरणादायक रही है। यह सिर्फ एक सामान्य ट्रेनिंग नहीं थी, बल्कि यह उनके जीवन का सबसे चुनौतीपूर्ण और संघर्षपूर्ण समय था। हालांकि, उन्होंने हर मुश्किल को अपने आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति से पार किया।

पिता का मार्गदर्शन और प्रेरणा

रिया के पिता, ब्रिगेडियर कौशल श्रीधरन, भारतीय सेना में एक उच्च रैंक वाले अधिकारी हैं और उन्होंने खुद भारतीय सेना के एविएशन कोर में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं। उनके मार्गदर्शन में रिया ने एविएशन कोर में अपनी यात्रा की शुरुआत की और उनके अनुभव और सलाह ने रिया को हमेशा प्रेरित किया। ब्रिगेडियर श्रीधरन का हमेशा मानना ​​रहा है कि महिला अधिकारियों का सेना में योगदान बराबरी का है, और उन्होंने हमेशा रिया को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया।

ब्रिगेडियर श्रीधरन के लिए यह गर्व का क्षण था जब उन्होंने अपनी बेटी को एविएशन विंग्स प्राप्त करते हुए देखा। उनका कहना था, “यह एक पिता के लिए गर्व का क्षण है कि मेरी बेटी ने उस पेशे में कदम रखा, जो मैंने चुना था और उसने इसे अपनी मेहनत और समर्पण से हासिल किया। यह केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारतीय सेना के लिए भी गर्व की बात है।”

महिला सशक्तिकरण का प्रतीक

कैप्टन रिया के श्रीधरन की यह उपलब्धि सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि यह पूरे देश के लिए महिला सशक्तिकरण का प्रतीक भी है। भारतीय सेना में महिलाओं के लिए एक लंबा सफर तय किया गया है, और रिया जैसी अधिकारी इस बदलाव को आगे बढ़ा रही हैं। उनकी सफलता न केवल महिलाओं को प्रेरित करती है, बल्कि यह साबित करती है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के बराबर काम कर सकती हैं, और किसी भी चुनौती को पार कर सकती हैं।

उनका कहना है, “मैं हमेशा अपने पिता को अपना आदर्श मानती रही हूं, लेकिन मेरे लिए यह सिर्फ उनका मार्गदर्शन नहीं था, बल्कि हर महिला के लिए एक संदेश था कि यदि आप ईमानदारी से मेहनत करते हैं, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।”

भविष्य की ओर कदम

अब जब रिया ने एविएशन विंग्स हासिल कर लिया है, उनका ध्यान भविष्य की ओर है। भारतीय सेना में एविएशन कोर का हिस्सा बनना एक सम्मानजनक कार्य है, और रिया ने इसे साबित भी किया है। उनका सपना अब और ऊंचा है, और वह चाहती हैं कि वह अपनी विशेषज्ञता को और बढ़ाएं और भारतीय सेना के लिए एक सफल एविएशन अधिकारी बनें।

रिया का कहना है, “अब मैं और ऊंचे लक्ष्य के साथ काम करूंगी, और मुझे उम्मीद है कि भविष्य में मैं अपने योगदान से भारतीय सेना को और भी ज्यादा गर्व महसूस कराऊंगी।” उनके लिए अब यह यात्रा नहीं रुकने वाली है, बल्कि और ज्यादा मेहनत और समर्पण के साथ आगे बढ़ने का समय है।

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