📍नई दिल्ली | 3 Jan, 2025, 12:10 PM
Explainer Army Day: 15 जनवरी 2025 को भारतीय सेना दिवस का आयोजन पुणे में किया जाएगा। यह पहला मौका है जब पुणे इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम की मेजबानी करेगा। इससे पहले सेना दिवस दिल्ली में आयोजित होता था, लेकिन 2023 से इसे अन्य शहरों में मनाने की परंपरा शुरू की गई। 2023 में बेंगलुरु और 2024 में लखनऊ के बाद पुणे तीसरा शहर है जो इस ऐतिहासिक आयोजन का साक्षी बनेगा। 15 जनवरी को पुणे के बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रुप (BEG) एंड सेंटर में सेना दिवस का आयोजन किया जाएगा।
Explainer Army Day: क्यों चुना गया पुणे?
भारत के रक्षा इतिहास में पुणे का विशेष स्थान है। इसे न केवल “पूर्व का ऑक्सफोर्ड” कहा जाता है, बल्कि यहां राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और दक्षिणी कमान मुख्यालय भी है। पुणे न केवल सैन्य नेतृत्व के प्रशिक्षण का केंद्र है, बल्कि डिफेंस स्ट्रेटेजी को लेकर यहां कई इनोवेशंस भी हुए हैं। वहीं पुणे इस एतिहासिक समारोह के आयोजन का उद्देश्य सेना को जनता के करीब लाना और उन लोगों को सम्मानित करना है जिन्होंने देश की सेना में योगदान दिया है। पुणे को चुनना सेना की ऐतिहासिक जड़ों को वर्तमान समय के साथ जोड़ने की पहल है।
Explainer Army Day: इस बार सेना दिवस पर क्या होगा खास?
पुणे में पहली बार सेना दिवस 2025 का आयोजन किया जाएगा, जिसमें कई नई और अनूठी पहलें देखने को मिलेंगी। इस बार कार्यक्रम तीन प्रमुख विषयों पर केंद्रित होगा: आधुनिकीकरण, समावेशिता और जनभागीदारी। पुणे के सदर्न कमांड परेड ग्राउंड में सेना के अत्याधुनिक हथियारों और टेक्नोलाजी के क्षेत्र में किए गए नए अविष्कारों को दिखाया जाएगा।
“This New Year, witness the military might and the future of the Indian Army! 🇮🇳#ArmyDayParade comes to #Pune!
Get ready for a bigger, grander and unmatched experience on 15 Jan 2025!@adgpi @SpokespersonMoD@PRODefPune #IndianArmy #NationFirst #FutureReady#ArmyDayParadePune… pic.twitter.com/PMKueduKAI
— Southern Command INDIAN ARMY (@IaSouthern) January 1, 2025
इसमें पिनाका मल्टीपल लॉन्चर रॉकेट सिस्टम, अर्जुन Mk-1A टैंक, K9 वज्र होवित्जर और मेक इन इंडिया के तहत विकसित ड्रोन सिस्टम भी शामिल होंगे। बता दें कि यह भारतीय सेना के मॉर्डेनाइजेशन के 2025 रोडमैप का हिस्सा है, जिसमें आधुनिक तकनीकों को अपनाने और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने पर जोर दिया जाएगा।
इसके अलावा इस परेड में सबसे खास हैं आठ क्वाड्रुपेडल अनमैन्ड ग्राउंड व्हीकल्स (Q-UGV) , जिन्हें ‘रोबोटिक म्यूल’ भी कहा जाता है। इन रोबोटिक म्यूल्स को नई दिल्ली स्थित एरोआर्क प्राइवेट लिमिटेड ने विकसित किया है। ये उपकरण टेली-ऑपरेबल और ऑटोनॉमस दोनों ही तरीकों से चलाए जा सकते हैं। खास बात यह है कि ये कठिन इलाकों और विभिन्न मौसम परिस्थितियों में भी काम करने में सक्षम हैं। पहले सेना के अभियानों में पारंपरिक म्यूल (खच्चर) अपनी मज़बूत कद-काठी और दुर्गम इलाकों में पहुंचने की क्षमता के चलते अहम भूमिका निभाते थे, लेकिन भविष्य की युद्ध रणनीति में ये रोबोटिक म्यूल बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं।
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वहीं इस बार सेना दिवस पर महिलाओं की भागीदारी इस आयोजन का एक प्रमुख आकर्षण होगी। सेना महिलाओं की भूमिका को बढ़ाने और उन्हें नेतृत्वकारी भूमिकाओं में शामिल करने के लगातार कोशिश कर रही है। इस पहल के तहत महिला अधिकारियों और सैनिकों की उपलब्धियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे यह संदेश दिया जा सके कि भारतीय सेना सभी को बराबर की निगाह से देखती है।
आम जनता के लिए इस आयोजन को और भी खास बनाने के लिए पैराशूट जंपिंग, युद्धाभ्यास के लाइव प्रदर्शन और सेना बैंड द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन प्रदर्शनों का उद्देश्य युवाओं को सेना में करियर बनाने के लिए प्रेरित करना और जनता में सेना के प्रति गर्व की भावना को बढ़ाना है।
पुणे का चयन इस आयोजन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह शहर भारतीय सेना की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) और सदर्न कमांड हेडक्वार्टर्स जैसी संस्थाओं के साथ पुणे मिलिट्री ट्रेनिंग और स्ट्रेटेजी का एक बड़ा केंद्र है। इस आयोजन के माध्यम से सेना ने जनता के साथ अपने जुड़ाव को और मजबूत करने का प्रयास किया है।
Explainer Army Day: क्यों मनाया जाता है सेना दिवस?
सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है, यह उस दिन की याद दिलाता है जब 1949 में फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर से भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार संभाला था। यह दिन सैनिकों की वीरता और बलिदान को सम्मानित करने के साथ-साथ सेना की राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान को बताता है। इन दिन सेना की वारता औऱ बलिदान को याद किया जाता है। वहीं, इस साल के कार्यक्रम में न केवल भारतीय सेना की ताकत और उपलब्धियों को दिखाया जाएगा, बल्कि इसे जनता के साथ जोड़ने के नए प्रयास भी किए जाएंगे।
ब्रिटिश शासन के दौरान, भारतीय सेना का नेतृत्व ब्रिटिश अधिकारियों के हाथ में रहता था। लेकिन आज़ादी के बाद, करियप्पा के नेतृत्व में सेना ने न सिर्फ अपनी स्वायत्तता हासिल की, बल्कि आधुनिक भारत की सुरक्षा और संरक्षा की नींव भी मजबूत की। 15 जनवरी का दिन इसी महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है।
शुरुआत में यह समारोह मुख्य रूप से दिल्ली में होता था, जहां करियप्पा परेड ग्राउंड (दिल्ली कैंट) में परेड और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते थे। बाद में, सेना दिवस की शोभा को देश के अन्य हिस्सों तक ले जाने के लिए इसे अलग-अलग शहरों में मनाया जाने लगा, ताकि देश की बाकी आम जनता भी सेना की बहादुरी और बलिदान के बारे में जान सके।
सेना दिवस पहली बार साल 2023 में दिल्ली से बाहर आयोजित किया गया। उस वर्ष बेंगलुरु को चुना गया, जहां सेना दिवस का आयोजन बड़े ही भव्य पैमाने पर किया गया। बेंगलुरु के मिलिट्री इंस्टिट्यूशन्स और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) जैसी संस्थाओं ने इस आयोजन को और खास बना दिया।
इसके बाद 2024 में लखनऊ को सेना दिवस की मेजबानी करने का अवसर मिला। उत्तर प्रदेश में पूर्व सैनिकों की एक बड़ी आबादी रहती है। लखनऊ में सेना दिवस मनाने से इन पूर्व सैनिकों को भी सम्मान का अवसर मिला।
क्या है भारतीय सेना का 2025 का रोडमैप
भारतीय सेना ने 2025 के लिए आधुनिकरण और रणनीतिक तैयारियों पर आधारित एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है। यह रोडमैप सेना की युद्धक क्षमता को बढ़ाने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और साइबर क्षमताओं को अपनाने पर जोर दिया गया है। इन तकनीकों का इस्तेमाल भविष्य की जटिल युद्ध स्थितियों में तेजी से निर्णय लेने और संचालन की क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
लद्दाख और पूर्वोत्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन इलाकों में एडवांस सर्विलांस सिस्टम और बेहतर कनेक्टिविटी के जरिए तैनात सैनिकों की क्षमता को बढ़ाने की योजना है।
पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में नई योजनाएं बनाई गई हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य सैनिकों और उनके परिवारों का जीवन स्तर बेहतर बनाना है।
‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत, सेना ने भारतीय स्टार्टअप्स और उद्योगों के साथ मिलकर स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। यह कदम आत्मनिर्भरता को मजबूत करेगा और रक्षा उपकरणों के आयात पर निर्भरता को कम करेगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सेना ने सहयोग को बढ़ाने के लिए संयुक्त अभ्यास और ज्ञान-साझा करने के कार्यक्रमों का आयोजन करने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य वैश्विक सैन्य रणनीतियों को समझना और अपनी क्षमताओं को बेहतर करना है।
भारतीय सेना का यह रोडमैप बदलते समय और मॉर्डन वारफेयर की जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इससे न केवल सेना की युद्धक क्षमता में वृद्धि होगी बल्कि सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण को भी प्राथमिकता मिलेगी।