📍नई दिल्ली | 4 months ago
Army Junior Officers: लोकसभा में शीतकालीन सत्र में सरकार ने स्वीकार किया कि सेना में 2023-24 के दौरान जूनियर अधिकारियों के साथ “अपमान और शारीरिक दबाव” से जुड़े कुछ मामलों की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ से यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार को सेना में वरिष्ठ अधिकारियों, विशेष रूप से कमांडिंग अधिकारियों, द्वारा जूनियर अधिकारियों के साथ इस प्रकार के व्यवहार की जानकारी है, तो उन्होंने इसका सकारात्मक जवाब दिया।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार की “कुछ शिकायतें” सरकार को मिली हैं और सेना में अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक “अच्छी तरह से स्थापित तंत्र” मौजूद है।
Army Junior Officers: लोकसभा में क्या पूछा गया?
सांसदों ने सरकार से सवाल किया था कि क्या सेना में 2023-24 के दौरान जूनियर अधिकारियों के साथ अपमान और शारीरिक दबाव के मामले सामने आए हैं? यदि हां, तो क्या यह यूनिट के माहौल को प्रभावित कर सकता है? इसके अलावा, ऐसे मामलों को रोकने और जिम्मेदार अधिकारियों को जवाबदेह बनाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?
सरकार का जवाब
रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने जवाब में कहा, “हां, महोदय। इस अवधि के दौरान कुछ शिकायतें प्राप्त हुई हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि सेना में शिकायतों का समाधान करने और आवश्यक अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत और स्थापित तंत्र मौजूद है।
उन्होंने स्पष्ट किया, “यह तंत्र सुनिश्चित करता है कि सैन्य कर्मियों का मनोबल और एकता प्रभावित न हो।”
सरकार द्वारा स्वीकार किए गए इन मामलों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सेना में शिकायत निवारण प्रणाली और अनुशासनात्मक तंत्र के बावजूद, सुधार की गुंजाइश बनी हुई है। यह मुद्दा केवल कुछ शिकायतों तक सीमित हो सकता है, लेकिन यह सेना के संगठनात्मक ढांचे और यूनिट की एकता को प्रभावित कर सकता है।
सेना में अनुशासन और आपसी तालमेल का विशेष महत्व है, और इस प्रकार के मामलों से निपटने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करनी होगी।
Army Junior Officers: सेना का दृष्टिकोण
विशेषज्ञ मानते हैं कि सेना में उच्चतम स्तर पर अनुशासन और सम्मान बनाए रखना अनिवार्य है। वरिष्ठ अधिकारियों का व्यवहार न केवल इकाई के माहौल को प्रभावित करता है, बल्कि इससे जूनियर अधिकारियों का मनोबल भी गिर सकता है।
शिकायत निवारण तंत्र
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सेना में शिकायत निवारण तंत्र को बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर समीक्षा की जाती है। इसमें शिकायतों की पारदर्शी जांच और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई शामिल है।
सेना की पारंपरिक प्रणाली और अनुशासन के साथ-साथ, ऐसी घटनाओं से बचने के लिए आधुनिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। वरिष्ठ अधिकारियों को संवेदनशील और जिम्मेदार बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि सेना को न केवल शिकायत निवारण तंत्र को और मजबूत बनाना होगा, बल्कि अंदरूनी संवाद को भी बढ़ावा देना होगा।
- सख्त निगरानी: सेना में वरिष्ठ अधिकारियों के व्यवहार की नियमित समीक्षा की जानी चाहिए।
- शिक्षा और प्रशिक्षण: वरिष्ठ अधिकारियों को अपने जूनियर सहयोगियों के साथ सहानुभूतिपूर्ण और पेशेवर व्यवहार के लिए प्रशिक्षित करना होगा।
- पारदर्शी कार्रवाई: शिकायतों की जांच और कार्रवाई में पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
- मनोवैज्ञानिक समर्थन: अधिकारियों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल के माहौल को बेहतर बनाने के लिए मनोवैज्ञानिक सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।