📍नई दिल्ली | 6 Feb, 2025, 4:41 PM
Su-57 Fighter Jet: रूस ने अपने अत्याधुनिक फिफ्थ-जेनरेशन फाइटर जेट Su-57 को भारत को निर्यात करने का औपचारिक प्रस्ताव दिया है। Su-57 (जिसे Cy-57 भी कहा जाता है) को लेकर दी गई इस पेशकश में केवल जेट की सप्लाई ही नहीं, बल्कि भारत में इसका संयुक्त उत्पादन और भारत के AMCA के डेवलपमेंट में भी मदद करेगा। रूस की सरकारी रक्षा कंपनी Rostec और हथियार निर्यातक Rosoboronexport ने इस प्रस्ताव की पुष्टि की है।
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यह एलान ऐसे समय में हुआ है जब बैंगलुरु में आयोजित होने वाले एयरो इंडिया 2025 शो में Su-57E लड़ाकू विमान को प्रदर्शित किया जाएगा। 10 से 14 फरवरी तक बेंगलुरु के येलहंका एयर फोर्स बेस पर होने वाले इस एयर शो में रूस अपने इस एडवांस फाइटर जेट को दुनिया के सामने लाएगा। इस शो में रूस के पवेलियन में विज़िटर्स को वर्चुअल रियलिटी (VR) फ्लाइट सिम्युलेटर के जरिए Su-57 उड़ाने का भी मौका मिलेगा, जिससे लोग इसके तकनीकी पहलुओं और क्षमताओं को करीब से जान सकेंगे।
Su-57 Fighter Jet: पैट्रियट, NASAMS एयर डिफेंस सिस्टम को दे सकता है चकमा
रूसी रक्षा निर्यातक कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (Rosoboronexport) के डायरेक्टर जनरल अलेक्जेंडर मिखेव ने बताया कि Su-57 एक अत्याधुनिक फिफ्थ-जेनरेशन फाइटर है, जो दुश्मन के रडार से बचने में सक्षम है और यह अपने साथ हाई-प्रिसिजन गाइडेड वेपन्स का एक विशाल जखीरा ले जा सकता है। मिखेव ने बताया कि Su-57 ने यूक्रेन में पश्चिमी देशों के एयर डिफेंस सिस्टम जैसे पैट्रियट, NASAMS और IRIS-T के खिलाफ अपनी अपनी उपयोगिता साबित की है।
जहां एक ओर अमेरिका का F-35 फाइटर जेट लंबी दूरी के टारगेट्स को नहीं भेद पाता, तो वहीं Su-57 सभी रेंज के खतरों से निपटने में सक्षम है। इस विमान की मल्टिफंक्शनल कैपेबिलिटी इसे मौजूदा वक्त का सबसे घातक लड़ाकू विमानों में से एक बनाती है।
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Su-57 Fighter Jet: भारत के लिए दिया ये विशेष प्रस्ताव
अलेक्जेंडर मिखेव ने कहा, “हम भारत को न केवल Su-57E की डिलीवरी की पेशकश कर रहे हैं, बल्कि इसका जॉइंट प्रोडक्शन भारत में स्थापित करने और भारत के अपने फिफ्थ-जेनरेशन फाइटर जेट के विकास में भी मदद करने का प्रस्ताव दे रहे हैं।” भारत के पास पहले से ही हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) जैसी कंपनियां हैं, जो फाइटर जेट्स बना रही हैं। वहीं, अगर Su-57 के जॉइंट प्रोडक्शन का यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है, तो इससे भारत के रक्षा उत्पादन को मजबूती मिलेगी।
दुनियाभर में बढ़ रही Su-57 की मांग
रूसी रक्षा कंपनी रोस्तेक ने एक बयान में कहा कि Su-57 की वैश्विक मांग में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, और इसी को देखते हुए यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (UAC) के विशेषज्ञ इसकी प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। कंपनी ने कहा, “Su-57 एक एडवांस फिफ्थ-जेनरेशन फाइटर जेट है और हमें बेंगलुरु में एयर शो के दौरान इस लड़ाकू विमान में बड़ी दिलचस्पी की उम्मीद है। विमान को बेहतर बनाने और नए बाजारों में प्रचारित करने के साथ-साथ, हम इसकी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं।”
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इससे पहले भी भारत और रूस ने कई रक्षा परियोजनाओं में मिलकर काम किया है, जिनमें ब्रह्मोस मिसाइल सिस्टम प्रमुख हैं। लेकिन भारत के लिए यह प्रस्ताव कई मायनों में अहम है। सबसे पहले, यह भारत को चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के बढ़ते सैन्य खतरे के मुकाबले एक बड़ी बढ़त दे सकता है। चीन के पास पहले से ही पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान Chengdu J-20 और Shenyang J-35A हैं, जबकि पाकिस्तान भी चीनी मदद से अपनी वायुसेना को एडवांस बना रहा है।
इसके अलावा, भारत के स्वदेशी पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) का डेवलपमेंट अभी शुरुआती चरण में है। यदि रूस के साथ Su-57 के संयुक्त उत्पादन और तकनीकी सहयोग की संभावना बनती है, तो इससे भारत के अपने स्वदेशी AMCA यानी एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को बनाने में भी मदद मिलेगी।
क्या है Su-57 की खासियतें?
Su-57 को इसकी अत्याधुनिक स्टील्थ तकनीक, सुपरक्रूज़ क्षमताओं और मल्टीरोल खूबियों के लिए जाना जाता है। यह विमान हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियारों से लैस है और लंबी दूरी तक दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकता है। इसकी तेज रफ्तार और ए़डवांस एवियोनिक्स सिस्टम जबरदस्त है।
इस विमान की एक और बड़ी खासियत है इसकी मल्टी-रोल कैपेबिलिटी। यह न केवल वायु बल्कि जमीनी हमलों, समुद्री निगरानी और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर जैसी भूमिकाओं में भी शानदार प्रदर्शन करता है। इसके रडार क्रॉस सेक्शन को कम करने के लिए विशेष डिजाइन और मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है, जिससे यह रडार की पकड़ में नहीं आता।