LCA Tejas MK1: तेजस फाइटर जेट को इंजन सप्लाई में हो रही देरी को देखते हुए HAL चलाएगा ‘जुगाड़’ से काम, बनाया ये खास प्लान

By हरेंद्र चौधरी

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📍नई दिल्ली | 11 Nov, 2024, 5:28 PM

LCA Tejas MK1: भारत के स्वदेशी हल्के फाइटर एयरक्राफट एलसीए तेजस को अमेरिकी कंपनी जीई की तरफ से इंजन सप्लाई में हो रही देरी को देखते हुए इसे बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बड़ा फैसला किया है। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने अपने तेजस Mk1A फाइटर एयरक्राफ्ट के उत्पादन में GE F-404 इंजन की आपूर्ति में और देरी को देखते हुए खास इमरजेंसी प्लान बनाया है। पहले इस इंजन की डिलीवरी अप्रैल 2024 से शुरू होनी थी, लेकिन अब इसकी आपूर्ति में और देरी के कारण HAL को एक आपातकालीन योजना लागू करनी पड़ी है, जिसके तहत तेजस Mk1A के शुरुआती प्रोडक्शन मॉडल के लिए Category B F-404 इंजन का उपयोग किया जाएगा।

LCA Tejas Mk1A Project- HAL Adopts Contingency Plan Amid Engine Delays to Ensure Timely Production
File Photo

तेजस Mk1A भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जिसमें एडवांस एवियोनिक्स और रडार सिस्टम शामिल हैं, जो इसकी फ्लोट क्षमता को और बढ़ाते हैं। हालांकि, इन इंजन की आपूर्ति में हो रही देरी से IAF के भीतर इसकी ऑपरेशनल रेडीनेस को लेकर चिंता बढ़ गई है।

हालांकि, प्रोडक्शन को बनाए रखने के लिए HAL ने Category B इंजन का सिलेक्शन किया है, जो प्री डिलीवरी फ्लाइट टेस्ट और गुणवत्ता जांच के लिए काफी हैं। यह इंजन परीक्षणों के दौरान विमान को उड़ान योग्य बनाए रखेंगे, जब तक कि GE F-404 इंजन नहीं मिल जाते।

HAL के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “हमारा उद्देश्य उत्पादन या रेडीनेस में कोई कमी नहीं होने देना है। Category B इंजन का उपयोग हमें आवश्यक उड़ान परीक्षण करने की अनुमति देता है और हम अपने उत्पादन लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं। जैसे ही GE इंजन उपलब्ध होंगे, हम उन्हें विमान में पूरी तरह से समाहित कर लेंगे।”

इंजन की आपूर्ति में देरी को आपूर्ति श्रृंखला में हो रही अड़चनों के साथ जोड़ा जा रहा है। हालांकि, HAL का यह रणनीतिक निर्णय इसके उत्पादन शेड्यूल को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि तेजस Mk1A IAF को समय पर सौंपा जा सके।

एक बार GE F-404 इंजन उपलब्ध हो जाने के बाद, HAL IAF के साथ मिलकर 2-3 प्री-डिलीवरी फलाइट टेस्ट करेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विमान सभी प्रदर्शन मानकों को पूरा करता है।

एचएएल के इस कदम तेजस Mk1A के रोलआउट में हो रहे वर्तमान बाधाओं को हल करने के लिए एक व्यावहारिक समाधान के रूप में देखा जा रहा है, ताकि इस विमान की समय पर डिलीवरी हो सके। यह परियोजना भारत की वायु सेना को स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकियों के साथ आधुनिक बनाने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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