📍नई दिल्ली | 10 Mar, 2025, 4:38 PM
Pakistan Nuclear Test: पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण स्थल चागाई को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। चगाई के पास हाल ही में नई गतिविधियां देखी गई हैं। अंदाजा लगाया जा रहा है कि पाकिस्तान कुछ बड़ा करने की तैयारी कर रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, चागाई इलाके में एक सुरंग खोदी गई है, जिसके बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि क्या पाकिस्तान परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है? वहीं जानकारों का कहना है कि पाक अधिकृत कश्मीर को लेकर जिस तरह से भारत की तरफ से दावे किए जा रहे हैं, उसे देखते हुए पाकिस्तान चेतावनी के तौर पर परमाणु परीक्षण जैसे बड़ा कदम उठा सकता है।
Pakistan Nuclear Test: परमाणु परीक्षण के लिए बनाई नई सुरंग!
सैटेलाइज इमेज एक्सपर्ट रिटायर्ड कर्नल विनायक भट्ट के मुताबिक, उन्हें सैटेलाइट इमेज से जानकारी मिली है कि चागाई इलाके में एक नई सुरंग की खुदाई की गई है, जिसका आकार लगभग 8 मीटर x 8 मीटर बताया जा रहा है। यह सुरंग पहले से मौजूद परीक्षण स्थलों के नजदीक स्थित है, जिसके बाद से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि पाकिस्तान ‘हॉट टेस्ट’ की तैयारी कर रहा है।
हालांकि, इन गतिविधियों की आधिकारिक तौर पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन सैटेलाइट और लोकल सोर्सेज के माध्यम से ये जानकारी सामने आई है।
#Pakistan #TerroristNation’s #nuclear weapons hunger is still not satiating.
New activities adjacent to #Chagai site observed.
8mX8m tunnel dug out indicating preparations for much larger hot test.
Pakistan forcing #India into talks.#India shouldn’t accept #nuclear #blackmail. pic.twitter.com/v8O4Nx2g7R— 卫纳夜格.巴特 Col Vinayak Bhat (Retd) @Raj47 (@rajfortyseven) March 9, 2025
पाकिस्तान की परमाणु नीति
पाकिस्तान की परमाणु नीति हमेशा से भारत के साथ शक्ति संतुलन पर केंद्रित रही है। नई सुरंग निर्माण की खबरें ऐसे समय में आई हैं जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं। मेरठ कॉलेज में अंतरराष्ट्रीय मामलों और डिफेंस स्टडीज के प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद रिजवान का मानना है कि पाकिस्तान की यह गतिविधि भारत पर दबाव बनाने और बातचीत के लिए मजबूर करने की रणनीति का हिस्सा हो सकती है। हालांकि, भारत ने हमेशा से परमाणु ब्लैकमेल के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।
प्रोफेसर रिजवान के मुताबिक भारत को अपनी सुरक्षा नीति में सतर्कता बरतते हुए, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए, ताकि वह इस प्रकार की उकसाने वाली गतिविधियों से बाज आए। इसके अलावा, भारत को अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि किसी भी संभावित खतरे का मुकाबला किया जा सके।
Pakistan Nuclear Test: अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
वहीं, पाकिस्तान की इन गतिविधियों पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की नजर है। यदि पाकिस्तान वास्तव में नए परमाणु परीक्षण की योजना बना रहा है, तो यह परमाणु अप्रसार संधि (NPT) और व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) के उद्देश्यों के खिलाफ होगा। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाते हुए, पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए ताकि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति सुनिश्चित की जा सके।
Pakistan Nuclear Test: क्या पीओके पर भारत के दावे से चिढ़ा पाकिस्तान?
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान अपनी रणनीति में परमाणु परीक्षण का सहारा लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर सकता है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर भारत की ओर से किए जा रहे मजबूत दावों और हालिया बयानों को देखते हुए, पाकिस्तान परमाणु परीक्षण जैसी उकसाऊ कार्रवाई कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम भारत को चेतावनी देने के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने की रणनीति हो सकती है।
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विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि पाकिस्तान की ओर से परमाणु परीक्षण जैसी कोशिश क्षेत्रीय शांति को खतरे में डाल सकती है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर गंभीरता से नजर रखनी चाहिए।
विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री ने कही थी ये बात
बता दें कि लंदन के चैथम हाउस थिंक टैंक में जयशंकर ने कहा था कि कश्मीर से जुड़े बहुत से मुद्दों का हल निकाल लिया गया है। अनुच्छेद 370 को हटाना उनमें से एक है। एस. जयशंकर ने पीओके को लेकर कहा कि पीओके को खाली करवाने के बाद कश्मीर का मसला हल हो जाएगा।
वहीं उसके बाद भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था, “मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान हमें पीओके लौटाएगा। मुझे विश्वास है कि पीओके के लोग खुद ही भारत में विलय की मांग करेंगे। भारत की तेज आर्थिक प्रगति और बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा को देखकर पीओके के लोगों को एहसास हो रहा है कि उनका असली विकास भारत का हिस्सा बनने में ही है। पाकिस्तान को इसे स्वीकार करना ही पड़ेगा।”
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Pakistan Nuclear Test: पाकिस्तान में पीओके को लेकर मचा बवाल
पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक और विशेषज्ञ इसे भारत की ओर से ‘पीओके पर हमले की धमकी’ के तौर पर देख रहे हैं। वहीं, कुछ का मानना है कि यह बयान केवल एक राजनीतिक बयानबाजी है, जिसका उद्देश्य आंतरिक राजनीति को साधना हो सकता है। पाकिस्तान मामलों के जानकारों का मानना है कि भारत की तरफ से पीओके को लेकर आए दिन दिए जा रहे बयानों से पाकिस्तान में चिंता बढ़ गई है। पाकिस्तान अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करने और भारत को रोकने के लिए परमाणु परीक्षण जैसे बड़े कदम भी उठा सकता है।
पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने जब इस मुद्दे पर पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक कमर चीमा से चर्चा की तो उन्होंने सवाल किया कि क्या भारत की सरकार ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि पीओके पर भारत अब निर्णायक कार्रवाई कर सकता है? उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि भारत की आधिकारिक नीति इस तरह की है कि पाकिस्तान से बातचीत में पीओके को छोड़ने की मांग सीधे रखी जाएगी। जयशंकर का बयान गंभीर नहीं लगता। भाजपा ने हमेशा से पीओके को चुनावी मुद्दा बनाकर पेश किया है, लेकिन कभी इसे अपने घोषणापत्र में प्रमुखता से शामिल नहीं किया।”
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चीमा ने आगे कहा, “इस बयान के जरिए भाजपा ने एक बार फिर मजबूत सरकार का संदेश देने की कोशिश की है। भाजपा का उद्देश्य जनता के बीच यह संदेश देना है कि केंद्र सरकार पीओके पर भी निर्णायक कदम उठाने की स्थिति में है।”
क्या भारत वाकई पीओके पर पर हमला करेगा? इस सवाल पर कमर चीमा ने कहा, “कश्मीर का इलाका भौगोलिक रूप से काफी कठिन है। पहाड़, नदियां और दुर्गम इलाके युद्ध को और मुश्किल बनाते हैं। पाकिस्तान भी एक सैन्य शक्ति है, ऐसे में भारत सीधे युद्ध का विकल्प नहीं चुनेगा। हालांकि, भारत ने बार-बार कहा है कि पीओके भारत का अभिन्न हिस्सा है।”
चीमा ने आगे कहा, “पाकिस्तान ने भी कई बार पीओके को लेकर बड़े-बड़े दावे किए हैं, लेकिन इन दावों का परिणाम कभी सामने नहीं आया। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि भारत इस दिशा में कोई बड़ा सैन्य कदम उठाएगा। जयशंकर का बयान एक राजनीतिक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जाना चाहिए।”
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क्या है चागाई परीक्षण स्थल?
चागाई-1 पाकिस्तान का पहला सार्वजनिक परमाणु परीक्षण था, जो 28 मई 1998 को चागाई परीक्षण स्थल पर किया गया था। पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग ने उस दिन पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण किए थे। इन परीक्षणों के बाद पाकिस्तान ने खुद को एक परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित किया, जिससे दक्षिण एशिया में सामरिक संतुलन में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया।
वहीं, चागाई क्षेत्र में नई सुरंग निर्माण की खबरें पाकिस्तान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं की ओर इशारा कर रही हैं। यह गतिविधियां न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए चुनौती हैं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चिंता का विषय हैं। ऐसे में, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सतर्क रहकर इन गतिविधियों पर निगरानी रखनी होगी और संबंधित पक्षों के साथ मिलकर स्थायी समाधान की दिशा में प्रयास करने होंगे।