📍नई दिल्ली | 3 months ago
Pakistan Army: 12 लाख से ज्यादा जवानों वाली भारतीय सेना दुनिया की सबसे बड़ी सेनाओं में शुमार है। वहीं भारतीय सेना के मुकाबले पाकिस्तान की सेना आधी है। पाकिस्तान की सेना में लगभग 6,54,000 सक्रिय सैनिक हैं। लेकिन यह सवाल अक्सर उठता है कि कंगाली के हाल में जी रहा पाकिस्तान अपने जवानों को कितनी सेलरी देता है। पाकिस्तानी सेना के जनरलों-अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने की खबरें अक्सर आती हैं। खुद पाकिस्तानी भी सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी सेना के हुक्मरानों को भ्रष्टाचार के लिए कोसते रहते हैं, जिन्होंने पाकिस्तान को भुखमरी के कगार पर ला कर खड़ दिया। आइए जानते हैं कि पाकिस्तानी सेना में काम करने वाले सैनिकों और अधिकारियों को कितनी सैलरी मिलती है?
Pakistan Army का सेलरी स्ट्रक्चर
पाकिस्तानी सेना के सेलरी स्ट्रक्चर की बात करें, तो वहां की सरकार के अन्य विभागों की तरह बेसिक पे स्केल (BPS) सिस्टम के तहत तय किया जाता है। सेना के हर रैंक के लिए अलग-अलग बीपीएस ग्रेड निर्धारित किए गए हैं, जिनके आधार पर वेतन तय होता है। इसके अलावा, सेना के अधिकारियों और कर्मचारियों को अन्य भत्ते और सुविधाएं भी मिलती हैं, जो उनकी आय में इजाफा करती हैं।
जेसीओ की सैलरी
पाकिस्तानी सेना में शुरुआती स्तर के अधिकारियों, जैसे जूनियर कमीशन ऑफिसर्स (JCOs), की मासिक सैलरी उनके अनुभव और जिम्मेदारियों के आधार पर तय होती है। जेसीओ की सैलरी बीपीएस 7 श्रेणी में आती है, और वे 20,000 से 40,000 पाकिस्तानी रुपये (भारतीय रुपयों में 6,000 से 12,000 रुपये) तक प्रति माह कमाते हैं।
इसके अलावा, नॉन-कमीशन ऑफिसर्स (NCOs) जैसे लांस नायक और नायक रैंक वाले अधिकारियों की सैलरी बीपीएस 5 और बीपीएस 6 श्रेणियों में आती है। इनकी मासिक सैलरी 18,000 से 30,000 पाकिस्तानी रुपये (भारतीय रुपये में 450 से 7500 रुपये) के बीच होती है।
मेजर-कैप्टन की सेलरी
मध्य स्तर के अधिकारियों, जैसे कि सेना के कैप्टन और मेजर रैंक के अधिकारी, की सैलरी बीपीएस 17 और बीपीएस 18 श्रेणियों में आती है। एक कैप्टन का मासिक वेतन 50,000 से 90,000 पाकिस्तानी रुपये (14000 से 25200 भारतीय रुपये) के बीच होता है, जबकि मेजर रैंक के अधिकारी की सैलरी 60,000 से 100,000 पाकिस्तानी रुपये (17400 से 29000 भारतीय रुपये) तक होती है।
इसके अलावा मध्य स्तर के अधिकारियों को बेसिक सैलरी के अलावा आवास, परिवहन, और उपयोगिताओं जैसे अतिरिक्त भत्ते भी दिए जाते हैं।
कर्नल और ब्रिगेडियर की सैलरी
जैसे-जैसे रैंक बढ़ता है, सैलरी भी बढ़ती है। पाकिस्तानी सेना के कर्नल और ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारियों की सैलरी बीपीएस 19 और बीपीएस 20 श्रेणियों में आती है। कर्नल रैंक के अधिकारी 80,000 से 150,000 पाकिस्तानी रुपये (20,000 से 37,500 भारतीय रुपये) प्रति माह कमाते हैं। ब्रिगेडियर का मासिक वेतन इसी रेंज में होता है, लेकिन इसमें अन्य भत्ते और लाभ भी शामिल होते हैं।
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इन वरिष्ठ अधिकारियों को सैलरी के अलावा फर्निश्ड आवास, परिवहन की सुविधा, और उनके परिवारों के लिए उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं भी प्रदान की जाती हैं। उनके बच्चे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई करते हैं और अधिकारियों को विशेष सामाजिक क्लबों में प्रवेश का भी अधिकार मिलता है।
कितनी होती है जनरलों की सैलरी
पाकिस्तानी सेना के जनरल्स, जो सेना के सबसे ऊंचे पदों पर होते हैं, अन्य रैंकों की तुलना में सबसे अधिक सैलरी और सुविधाएं प्राप्त करते हैं। जनरल रैंक के अधिकारी बीपीएस 21 और उससे ऊपर की श्रेणियों में आते हैं। इनकी मासिक सैलरी 200,000 पाकिस्तानी रुपये (57,999 भारतीय रुपये) से शुरू होती है और अनुभव और सेवा के वर्षों के आधार पर बढ़ती जाती है।
जनरल्स को आलीशान आवास, उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं, और विशेष आर्मी क्लबों में प्रवेश जैसी अनन्य सुविधाएं भी मिलती हैं। इसके अलावा, उन्हें सेना के भीतर कई अन्य विशेषाधिकार प्राप्त होते हैं, जो निचले रैंकों के अधिकारियों को नहीं मिलते।
विशेषज्ञों और अन्य कर्मियों की सैलरी
पाकिस्तानी सेना में केवल लड़ाकू सैनिक ही नहीं, बल्कि विशेषज्ञ, जैसे कि चिकित्सा अधिकारी और इंजीनियर भी शामिल होते हैं। इनकी सैलरी आमतौर पर बीपीएस 18 से 19 श्रेणियों में होती है। ये अधिकारी 60,000 से 120,000 पाकिस्तानी रुपये (17,400 से 34,800 भारतीय रुपये) प्रति माह कमाते हैं। इनके अलावा, आईटी विशेषज्ञ, तकनीकी स्टाफ, और अन्य सहायक कर्मी को भी उनकी विशेषज्ञता के आधार पर तनख्वाह मिलती है।
सैलरी के अलावा, पाकिस्तानी सेना के जवानों और अधिकारियों को कई भत्ते और सुविधाएं दी जाती हैं। इनमें बच्चों की शिक्षा भत्ता, आवासीय भत्ता, स्वास्थ्य भत्ता, और यात्रा भत्ता शामिल हैं। उच्च रैंक के अधिकारियों को वाहन और ड्राइवर जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं।
पाकिस्तानी सेना के सैलरी स्ट्रक्चर से यह स्पष्ट है कि हर रैंक के अनुसार वेतन और सुविधाओं में अंतर होता है। सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को न केवल ऊंची सैलरी मिलती है, बल्कि उनके पास कई विशेष सुविधाएं भी होती हैं। दूसरी ओर, निचले स्तर के अधिकारियों और सैनिकों को सीमित वेतन के साथ कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ता है।