📍नई दिल्ली | 4 months ago
Nimisha Priya Update: यमन में हत्या के आरोप में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया में नया मोड़ आया है। अब इस मामले में ईरान ने मदद का भरोसा दिया है। ईरान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम इस नर्स के मामले को उठाएंगे और जो कुछ भी कर सकते हैं, करेंगे।” वहीं ईरान के इस बयान से निमिषा प्रिया के परिवार और उसकी फांसी की सजा टालने के लिए लड़ाई लड़ रहे लोगों में उम्मीद की नई किरण जगी है।
Nimisha Priya Update: ईरान का सहयोग क्यों है महत्वपूर्ण?
यमन में ईरान का प्रभाव और हूथी विद्रोहियों के साथ उसके करीबी संबंधों को देखते हुए, ईरान का समर्थन इस मामले में निर्णायक भूमिका निभा सकता है। ईरानी अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि वह इस मामले में माफी पाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
भारत सरकार की कोशिशें
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सरकार इस मामले में सभी विकल्पों पर विचार कर रही है। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बयान में कहा, “हम निमिषा प्रिया की सजा से अवगत हैं। परिवार इस मामले में जरूरी विकल्प तलाश रहा है, और सरकार हर संभव मदद कर रही है।” विदेश मंत्रालय (MEA) के आधिकारिक प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, “हम यमन में निमिषा प्रिया को दी गई सजा से अवगत हैं। हमें जानकारी है कि प्रिया का परिवार इस मामले में प्रासंगिक विकल्पों की तलाश कर रहा है।
Explainer Nimisha Priya: कौन हैं निमिषा प्रिया और क्यों हो रही है उनकी फांसी की सजा पर चर्चा? क्या ब्लड मनी से बचेगी उनकी जान?
क्या है Nimisha Priya का मामला?
केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया को 2017 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। यह मामला यमन के उन इलाकों में चल रहा है, जो हूथी विद्रोहियों के नियंत्रण में हैं। हूथी नेतृत्व ने हाल ही में उनकी सजा की पुष्टि कर दी है।
निमिषा प्रिया 2008 में यमन गई थीं और एक नर्स के रूप में काम कर रही थीं। वहां उन्होंने महदी के साथ साझेदारी में एक क्लिनिक खोला। लेकिन जल्द ही उनके रिश्ते खराब हो गए। महदी ने निमिषा के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया, उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया और उन्हें प्रताड़ित किया।
ब्लड मनी: माफी का रास्ता
2020 में सना की अदालत ने निमिषा प्रिया को फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि, उनके परिवार और वकीलों ने इस सजा के खिलाफ अपील की, लेकिन नवंबर 2023 में यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने उनकी अपील खारिज कर दी। इसके बावजूद, यमन के शरिया कानून के तहत “ब्लड मनी” (खून बहाने का मुआवजा) के जरिए माफी की संभावना अब भी बनी हुई है।
यमन में ब्लड मनी, जिसे अरबी में “दीया” कहा जाता है, एक पुरानी परंपरा है। इसके तहत आरोपी मृतक के परिवार को आर्थिक मुआवजा देकर अपनी सजा से राहत पा सकता है। इसी विकल्प के तहत निमिषा प्रिया का परिवार और उनके समर्थक अब महदी के परिवार को मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि यदि महदी का परिवार ब्लड मनी स्वीकार कर लेता है, तो निमिषा की फांसी टल सकती है। हालांकि, इस प्रक्रिया में कई चुनौतियां हैं, जिनमें समय और धन जुटाना सबसे बड़ी बाधा है।
निमिषा के परिवार ने ब्लड मनी के रूप में 70 लाख रुपये की धनराशि जुटाने की पहल शुरू की है। यह प्रयास न केवल समय के खिलाफ है, बल्कि यह दर्शाता है कि मानवता और न्याय की उम्मीदें अभी भी जिंदा हैं।
समर्थन जुटाने की पहल
निमिषा प्रिया के समर्थन में भारत और विदेश में कई लोग सक्रिय हैं। धन जुटाने के लिए कैंपेन चलाए जा रहे हैं और इस मामले में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव बनाने की कोशिशें जारी हैं। निमिषा के परिवार ने भारतीय नागरिकों और सरकार से मदद की अपील की है। उनकी मां ने कहा, “तलाल ने मेरी बेटी को झूठे कागजातों और बंदूक के दम पर प्रताड़ित किया। अगर उसे न्याय नहीं मिला, तो उसकी जान चली जाएगी।”
परिवार का दावा है कि निमिषा ने अपनी जान बचाने के लिए यह कदम उठाया। उनकी मां ने कहा, “महदी ने हमारी बेटी को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया। उसने हमारी बेटी को कैद कर रखा था और हमारे परिवार को तोड़ने की कोशिश की।”
परिवार का यह भी कहना है कि निमिषा ने महदी के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन महदी के प्रभाव और यमन की व्यवस्था के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई। परिवार ने भारतीय समाज से अपील की है कि वे ब्लड मनी जुटाने और न्याय दिलाने के इस संघर्ष में साथ खड़े हों।
सोशल मीडिया पर #SaveNimishaPriya अभियान
निमिषा प्रिया की कहानी सामने आने के बाद, यह मामला पूरे देश में चर्चा का केंद्र बन गया। उनकी फांसी की सजा ने कई सवाल खड़े कर दिए, जिससे मानवाधिकार संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम जनता ने उनकी रिहाई के लिए आवाज बुलंद की।
सोशल मीडिया पर #SaveNimishaPriya नाम से एक बड़ा अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत लोगों से ब्लड मनी के लिए धन जुटाने की अपील की जा रही है। इस अभियान को पूरे देश से समर्थन मिल रहा है, और हजारों लोग इसे शेयर कर अपनी एकजुटता दिखा रहे हैं।
कई मानवाधिकार संगठनों ने भी निमिषा को माफी देने और उनकी सजा पर पुनर्विचार करने की मांग की है। वहीं, केरल के कई सामाजिक संगठनों ने राज्य और केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और निमिषा की जान बचाने के लिए हरसंभव कदम उठाएं।
लोगों का मानना है कि निमिषा ने जो किया, वह आत्मरक्षा का प्रयास था। उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए ताकि वे अपने जीवन को नई दिशा दे सकें। इस अभियान ने सामाजिक और कानूनी समर्थन जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।