📍नई दिल्ली | 25 Jan, 2025, 4:07 PM
Indo-Bangladesh border: बांग्लादेश ने भारत-बांग्लादेश सीमा के पास रह रहे नागरिकों को हथियारों की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश ने सीमा से सटे क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है, जिससे सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों के लिए खतरा पैदा हो गया है। वहीं, बांग्लादेश के इस कदम के बाद सुरक्षा विशेषज्ञों ने गैर-घातक संधि (Non-Lethal Treaty) की समीक्षा की मांग उठाई है। विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) को अधिक स्वतंत्रता देकर सीमा पर बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
Indo-Bangladesh border: बड़े टकराव की तैयारी
सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश ने सीमा पर रहने वाले नागरिकों को छोटे हथियारों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है। यह आशंका जताई जा रही है कि इन नागरिकों को सीमा पर टकराव या भारत के सीमा बलों के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सीमा क्षेत्र में बांग्लादेश का दबदबा स्थापित करने और बांग्लादेश की तरफ से चलाई जा रहीं अवैध गतिविधियों जैसे तस्करी पर भारतीय जवानों की कार्रवाई को रोकने के लिए उठाया गया हो सकता है।
BSF को जवाबी कार्रवाई में हो सकती है दिक्कत
सूत्रों के मुताबिक भारत-बांग्लादेश सीमा बेहद संवेदनशील है और यहां तस्करी, मानव तस्करी और अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों बेहद आम हैं। वहीं, नागरिकों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने से बड़ी समस्या पैदा हो सकती है। क्योंकि दोनों देशों के बीच पहले से एक गैर-घातक संधि (Non-Lethal Treaty) लागू है, जिसके तहत सीमा पर हथियारों का इस्तेमाल कम करने, सीमा पर शांति बनाए रखने और वहां रहने वाले लोगों की जानमाल की हानि न हो, इसलिए लागू की गई थी। हालांकि, बांग्लादेश के इस कथित कदम के बाद सुरक्षा विश्लेषकों का मानना है कि इस संधि से BSF को आगे जवाबी कार्रवाई करने में दिक्कत हो सकती है, जिससे बीएसएफ कर्मियों और नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
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Indo-Bangladesh border: BSF को मिलें ज्यादा अधिकार
सुरक्षा विशेषज्ञों और पूर्व सैन्य अधिकारी अब गैर-घातक संधि की समीक्षा की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि मौजूदा हालात में BSF को अधिक अधिकार मिलने चाहिए। यदि बांग्लादेश हथियारबंद नागरिकों को सीमा के पास तैनात कर रहा है, तो भारतीय सुरक्षा बलों को प्रभावी तरीके से जवाब देने के लिए पर्याप्त संसाधन और अधिकार मिलने चाहिए।
बता दें कि पिछले साल अगस्त में शेख हसीना सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी है। अंतरिम सरकार द्वारा लगातार भारत विरोधी बयान दिए जा रहे हैं, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में खटास बढ़ी है।
बांग्लादेशी सैनिक बना रहे बंकर
इससे पहले पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के सुखदेवपुर गांव के पास भारत-बांग्लादेश सीमा पर तनाव बढ़ने की खबरें सामने आईं थीं। भारतीय किसानों ने बांग्लादेश पर आरोप लगाया है कि उसने सीमा पर बंकर बनाया है, जिसमें बांग्लादेशी सैनिक हथियारों के साथ तैनात हैं।
सुखदेवपुर के किसानों का दावा है कि बांग्लादेशी सैनिक न केवल सीमा पर बंकर बना रहे हैं, बल्कि भारतीय जमीन पर घुसपैठ करने वालों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। किसानों ने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी सैनिक सीमा पर बाड़ लगाने के काम में भी बाधा डालते हैं और भारतीय किसानों को गोली मारने की धमकी देते हैं।
भारत और बांग्लादेश के बीच 4096 किलोमीटर की सीमा है, जिसमें पश्चिम बंगाल का बड़ा हिस्सा शामिल है। हाल ही में बांग्लादेश ने इस बात पर आपत्ति जताई कि भारत सीमा पर बाड़ या कटीले तार लगा रहा है।
बांग्लादेशी सीमा रक्षक (BGB) द्वारा भारतीय किसानों को धमकाने और बाड़ लगाने के काम को रोकने की कोशिशों ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
गैर-घातक हथियारों का इस्तेमाल
इस बीच, बांग्लादेश सरकार ने अपने सीमा रक्षकों को साउंड ग्रेनेड और आंसू गैस जैसे गैर-घातक हथियार देने का फैसला किया है। बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) जहांगीर आलम चौधरी ने एक प्रेस ब्रीफिंग में इस फैसले की पुष्टि की।
चौधरी ने कहा, “हमने बांग्लादेश सीमा रक्षक बल (BGB) के लिए साउंड ग्रेनेड और आंसू गैस के गोले खरीदने की मंजूरी दे दी है।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत को इस कदम पर नकारात्मक प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि भारत पहले से ही अपनी सीमा पर इसी तरह के गैर-घातक हथियारों का इस्तेमाल करता है।
हाल ही में बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को सीमा विवाद पर तलब किया। बांग्लादेश ने आरोप लगाया कि भारत पांच स्थानों पर सीमा पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है, जो एक द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है। इसके जवाब में, भारत के विदेश मंत्रालय ने भी बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त नुरल इस्लाम को तलब किया और सीमा पर बढ़ते तनाव पर चर्चा की।
BSF का ‘ऑप्स अलर्ट’ अभियान शुरू
वहीं, भारत ने 76वें गणतंत्र दिवस समारोह को देखते हुए बांग्लादेश सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है और सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने 10 दिन का ‘ऑप्स अलर्ट’ अभियान शुरू किया है। यह अभियान 22 जनवरी से 31 जनवरी, 2025 तक चलेगा। BSF ने जानकारी दी है कि यह अभियान भारत-बांग्लादेश सीमा के सभी फील्ड फॉर्मेशनों में चलाया जा रहा है। संवेदनशील इलाकों, विशेष रूप से नदी किनारे और बिना बाड़ वाले क्षेत्रों में गश्त और निगरानी बढ़ा दी गई है। इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य सीमा की सुरक्षा को पुख्ता करना और किसी भी संभावित चुनौती का सामना करने के लिए तत्पर रहना है।