Illegal Indian Migrants: अमेरिका ने वापस भेजे 205 अवैध भारतीय प्रवासी, अमृतसर में लैंड करेगा यूएस का C-17 मिलिट्री प्लेन!

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By News Desk

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📍नई दिल्ली | 3 months ago

Illegal Indian Migrants: अमेरिका ने एक बार फिर अपनी कठोर इमीग्रेशन पॉलिसी के तहत अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेजने की प्रक्रिया तेज कर दी है। हाल ही में, 205 भारतीय नागरिकों को एक अमेरिकी मिलिट्री प्लेन के जरिए अमृतसर भेजा गया है। अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों की संख्या लाखों में है। प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में करीब 7.25 लाख भारतीय अवैध प्रवासी हैं, जो मेक्सिको और एल साल्वाडोर के बाद तीसरा सबसे बड़ा अवैध प्रवासी समूह है। इनमें से कई नागरिक दशकों से वहां रह रहे हैं और रोज़गार एवं बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका पहुंचे थे। लेकिन ट्रंप प्रशासन की सख्त नीतियों के चलते अब उन्हें जबरन वापस भेजा जा रहा है।

Illegal Indian Migrants: US Deports 205 Indians, C-17 Military Plane to Land in Amritsar
सांकेतिक फोटो
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अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ये अवैध प्रवासी उनकी सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं और अमेरिका अब अपनी इमीग्रेशन पॉलिसी को और सख्त बनाने की योजना बना रहा है। यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) ने करीब 18,000 अवैध भारतीय प्रवासियों को प्राथमिकता के आधार पर अमेरिका से निकालने की लिस्ट में डाला है।

Illegal Indian Migrants: भारतीय नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया हुई तेज

रिपोर्ट्स के मुताबिक, C-17 मिलिट्री प्लेन ने सैन एंटोनियो, टेक्सास से उड़ान भरी और अमृतसर के लिए रवाना हो गया। इस दौरान विमान ने ईंधन भरने के लिए जर्मनी के रामस्टीन एयरबेस पर अस्थायी तौर पर रुका भी। हालांकि दिल्ली स्थित यूएस एंबेसी ने इस कार्रवाई की पुष्टि नहीं की, लेकिन एक प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिका अपनी सीमाओं को कड़ाई से लागू कर रहा है, इमीग्रेशन पॉलिसी को सख्त कर रहा है और अवैध प्रवासियों को वापस भेज रहा है। ये कदम स्पष्ट संदेश देते हैं कि अवैध रूप से अमेरिका में रहना अब जोखिम भरा है।”

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Illegal Indian Migrants: क्या कहते हैं विदेश मंत्री एस. जयशंकर

भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत केवल उन्हीं प्रवासियों को स्वीकार करेगा जिनकी नागरिकता सत्यापित होगी। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, “अगर कोई भारतीय नागरिक अमेरिका में अवैध रूप से रह रहा है और हमें उनकी नागरिकता की पुष्टि हो जाती है, तो हम उनके कानूनी प्रत्यावर्तन (deportation) के लिए तैयार हैं।”

जयशंकर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका से अवैध प्रवासियों को वापस भेजने की प्रक्रिया तेज हो गई है। भारत ने पहले भी कहा था कि वह ऐसे मामलों में सहयोग करेगा, लेकिन बिना उचित जांच के किसी को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

Illegal Indian Migrants: ट्रंप प्रशासन का दबाव

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका ने अवैध प्रवासियों पर कड़ी कार्रवाई शुरू की है। ट्रंप ने अपने हालिया बयान में कहा था कि “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सही फैसला लेंगे और अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले भारतीयों को वापस लेने के लिए कदम उठाएंगे।”

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इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने 5,000 से अधिक अवैध प्रवासियों को ग्वाटेमाला, पेरू और होंडुरास भेजने के लिए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के मिलिट्री एयरक्राफ्ट्स का इस्तेमाल किया है। मिलिट्री एयरक्राफ्ट्स के जरिए लोगों को वापस भेजना काफी महंगा पड़ता है। एक अनुमान के मुताबिक, पिछले हफ्ते ग्वाटेमाला भेजे गए अवैध प्रवासियों पर प्रति व्यक्ति $4,675 (लगभग 3.9 लाख रुपये) का खर्च आया था।

Illegal Indian Migrants: US Deports 205 Indians, C-17 Military Plane to Land in Amritsar

Illegal Indian Migrants: अमेरिका से बदले में क्या लेकर लौटेंगे मोदी?

अंतराष्ट्रीय मामलों के जानकार, ब्रह्मा चेलानी का कहना है, “एक तरफ ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगले हफ्ते व्हाइट हाउस आने का न्योता दिया है, तो दूसरी तरफ अमेरिका ने भारतीय प्रवासियों का पहला बैच सैन्य विमान के जरिए भारत भेज दिया। यह साफ संकेत देता है कि ट्रंप अपने फैसलों को लेकर बेहद गंभीर हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि ट्रंप इस मुलाकात में भारत से क्या रियायतें हासिल करेंगे और बदले में मोदी क्या लेकर लौटेंगे?”

चेलानी ने यह भी इशारा किया कि अमेरिका द्वारा अवैध भारतीय प्रवासियों को सैन्य विमान से भारत भेजना यह दर्शाता है कि इस पर भारत की सहमति है। यह भारत के लिए भी फायदे का सौदा हो सकता है, क्योंकि अमेरिका अगर खुद प्रवासियों को भेजता है, तो भारत को विशेष विमान किराए पर लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

क्या होगा अवैध प्रवासियों का भविष्य

जो प्रवासी दशकों से अमेरिका में रह रहे थे, उनके लिए अब घर लौटने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है। इनमें से कई लोगों ने अमेरिका में नौकरी, परिवार और घर तक बना लिए थे। लेकिन अब जबरन निर्वासन ने उनके भविष्य अंधकार में है। क्योंकि भारत लौटने के बाद, इन लोगों के सामने नई चुनौतियां खड़ी होंगी। रोजगार का संकट, सामाजिक पुनर्वास (reintegration) और कानूनी समस्याएं इन प्रवासियों के लिए बड़ी परेशानियां बन सकती हैं। इनमें से कुछ लोग अमेरिका में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ सकते हैं, लेकिन अधिकतर प्रवासियों को अपने देश लौटकर नए सिरे से जीवन की शुरुआत करनी होगी।

भारत-अमेरिका संबंधों पर असर

भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक संबंध मजबूत होते जा रहे हैं, लेकिन अवैध प्रवासियों का मुद्दा एक संवेदनशील विषय है। अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मामले में कोई नरमी नहीं बरतेगा, और भारत को अवैध प्रवासियों को वापस लेने के लिए मजबूर किया जा सकता है।

हालांकि, भारत अपनी शर्तों पर प्रत्यावर्तन प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहता है और बिना नागरिकता सत्यापन के किसी भी व्यक्ति को स्वीकार नहीं करने की नीति पर कायम है।

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