Illegal Indian Migrants: अमेरिका से बेड़ियों में लौटाए गए भारतीय नागरिक! क्या पीएम मोदी अब भी कहेंगे ‘माय डियर फ्रेंड ट्रंप’?

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📍नई दिल्ली | 2 months ago

Illegal Indian Migrants: अमेरिका से 104 भारतीय नागरिकों को जबरन एक अमेरिकी मिलिट्री एयरक्राफ्ट सी-17 ग्लोबमास्टर के जरिए हाल ही में अमृतसर भेजा गया। अमेरिका के इस तरह वापस भेजे जाने को लेकर सोशल मीडिया पर नई बहस छिड़ गई है कि जिस तरह से अमेरिका ने इन्हें वापस भेजा है क्या यह अमेरिका का रवैया सही है। ये नागरिक अवैध प्रवासी थे, जो अच्छे जीवन और बेहतर रोजगार की तलाश में डंकी रूट से अमेरिका में घुसे थे। इन्हें अमेरिकी सेना के विमान में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां डालकर भारत भेजा गया। यह घटना तब घटी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13-14 फरवरी को अमेरिकी दौरे पर जा रहे हैं, जहां उनकी मुलाकात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होने वाली है। सवाल यह उठता है कि क्या ट्रंप अब भी भारत के ‘फ्रेंड’ हैं?

Indian Illegal Migrants: Indians Deported in Shackles from the US! Will PM Modi Still Call Trump 'My Dear Friend'?

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इस घटना के फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। सोशल मीडिया पर लोग भारत सरकार की चुप्पी पर हैरान हैं। सबसे पहला सवाल तो यही है कि क्या अमेरिका ने अपने सैन्य विमान में भारतीय नागरिकों को अपराधियों की तरह भेजकर भारत का अपमान किया है? और अगर ऐसा है, तो भारत सरकार ने इसका विरोध क्यों नहीं किया? कोलंबिया और मेक्सिको जैसे देशों ने जब अमेरिकी सेना के विमानों में उनके नागरिकों को हथकड़ियों में भेजा गया, तो उन्होंने विरोध जताया और अपने नागरिकों को सम्मान के साथ वापस लाने के लिए अपने विमान भेजे। लेकिन भारत ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया।

Illegal Indian Migrants: कैसे हुआ यह सब?

सूत्रों के अनुसार, इन भारतीयों को अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने और रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अमेरिका की इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) एजेंसी ने इन्हें डिपोर्ट करने का फैसला कियाया। हालांकि, जिस तरीके से यह डिपोर्टेशन किया गया, उसने ह्यूमन राइट्स एंड डिप्लोमेटिक एटिकेट्स पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Illegal Indian Migrants: अमेरिका ने वापस भेजे 104 अवैध भारतीय प्रवासी, अमृतसर में लैंड करेगा यूएस का C-17 मिलिट्री प्लेन!

हाथों में हथकड़ी, पैरों में बेड़ियां और कमर में जंजीरें बांधकर इन लोगों को अमेरिका के सैन्य विमान में बैठाया गया। यह वही तरीका है, जिसे आमतौर पर खतरनाक अपराधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इन अवैध भारतीयों में 25 महिलाएं और 12 नाबालिग बच्चे भी शामिल थे।

Illegal Indian Migrants: अमृतसर एयरपोर्ट पर गुप्त तरीके से लैंडिंग

इस सैन्य विमान की लैंडिंग के समय मीडिया को एयरपोर्ट तक पहुंचने की अनुमति नहीं दी गई। किसी भी पत्रकार या फोटोग्राफर को विमान की तस्वीरें लेने या प्रवासियों से बातचीत करने की इजाजत नहीं दी गई। हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों ने विमान के उतरने का वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

सरकार की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया, जिससे यह सवाल उठता है कि आखिर सरकार ने इस शर्मनाक स्थिति पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी?

Illegal Indian Migrants: कोलंबिया और मेक्सिको का रुख

जहां कोलंबिया और मेक्सिको जैसे देशों ने अमेरिका के इस कदम का विरोध किया, वहीं भारत ने इस मामले में चुप्पी साध ली। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्ताव पेट्रो ने अमेरिकी सैन्य विमान को अपने देश में उतरने की अनुमति नहीं दी थी। उन्होंने अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए खुद का विमान भेजा और यह सुनिश्चित किया कि उन्हें सम्मानजनक तरीके से वापस लाया जाए।

कोलंबिया के राष्ट्रपति ने कहा, “प्रवासियों को हथकड़ी पहनाना और अपराधियों जैसा व्यवहार करना उनकी गरिमा का अपमान है।”

इसके विपरीत, भारत सरकार ने न केवल अमेरिकी सैन्य विमान को अपने एयरपोर्ट पर उतरने दिया, बल्कि इस मुद्दे पर कोई विरोध भी दर्ज नहीं कराया। इस पर सवाल उठ रहे हैं कि भारत ने अपने नागरिकों की गरिमा की रक्षा के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया?

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भारतीयों को क्यों नहीं मिला सम्मानजनक वापसी का अधिकार?

इस घटना के बाद सवाल उठता है कि क्या भारत सरकार को अपने नागरिकों के सम्मान की परवाह नहीं है? क्या भारत की विदेश नीति में इतनी मजबूती नहीं है कि वह अपने नागरिकों के लिए आवाज उठा सके? वहीं, विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक संक्षिप्त बयान में कहा गया कि, “भारत अवैध प्रवास के खिलाफ है और अमेरिका के साथ इस मुद्दे पर सहयोग जारी रखेगा।” हालांकि, मंत्रालय ने हथकड़ी और बेड़ियों में लाए गए भारतीय नागरिकों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि क्या भारत ने अमेरिका से इस अमानवीय व्यवहार पर स्पष्टीकरण मांगा है या नहीं।

लेकिन सवाल यह है कि इस सहयोग का मतलब क्या है? क्या इसका मतलब यह है कि भारत अपने नागरिकों के साथ हो रहे अपमानजनक व्यवहार को भी नजरअंदाज कर देगा?

Illegal Indian Migrants: भारत को करना चाहिए था विरोध

अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी है। अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी कहते हैं, मेक्सिको और कोलंबिया ने हथकड़ी लगे प्रवासियों को ले जाने वाली अमेरिकी सैन्य उड़ानों को रोक दिया। जबकि कोलंबिया ने निर्वासितों को “अमानवीय व्यवहार” के बिना लाने के लिए अपना खुद का विमान भेजा। लेकिन भारत ने न केवल हथकड़ी लगे निर्वासितों के साथ एक अमेरिकी जहाज को लैंड करने दिया, बल्कि यह भी दावा किया कि अवैध प्रवास का मुकाबला करने में “भारत और अमेरिका के बीच सहयोग मजबूत और प्रभावी है”। उनका कहना है कि जब अमेरिकी विमान भारतीयों को ला रहा था, तो भारत को इस बात पर जोर देना चाहिए था कि निर्वासितों के साथ मानवीय व्यवहार किया जाए, न कि उनके हाथों और पैरों को अपराधियों की तरह बेड़ियों से बांधा जाए।

Explained: What does Indian law says about Illegal Indian Immigrants, will they prosecute in India after return?

क्या मोदी सरकार ने जानबूझकर चुप्पी साधी?

इस घटना के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज में गंगा स्नान कर रहे थे। कई लोगों का मानना है कि यह समय जानबूझकर चुना गया, ताकि मीडिया का ध्यान कहीं और लगा रहे और इस मुद्दे पर ज्यादा हंगामा न हो।

सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर सरकार की चुप्पी की आलोचना हो रही है। कई यूजर्स ने सवाल उठाया है कि अगर यह घटना किसी अन्य सरकार के कार्यकाल में हुई होती, तो क्या मोदी सरकार और समर्थक इतने चुप रहते?

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क्या बदल रहे हैं भारत-अमेरिका संबंध?

यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना भारत-अमेरिका संबंधों में संभावित तनाव का संकेत हो सकती है।

डोनाल्ड ट्रंप के फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में बदलाव आ सकता है। ट्रंप के कार्यकाल में भारत को अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी में प्राथमिकता दी गई थी, लेकिन अब ऐसा लगता है कि अमेरिका का रुख बदल रहा है।

विदेश और रक्षा मामलों के एक दूसरे जानकार प्रवीण साहनी कहते हैं, अमेरिका ने जिस तरह से 100 से अधिक भारतीय अवैध प्रवासियों, जिनमें महिलाएं और नाबालिग भी शामिल थे, को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर सैन्य विमान के जरिए भारत वापस भेजा। यह सिर्फ अवैध प्रवासियों को वापस भेजने का मामला नहीं है, बल्कि इससे पता चलता है कि भारत-अमेरिका संबंधों में एक गंभीर दरार पैदा हो गई है। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे कई राजनीतिक और कूटनीतिक कारण छिपे हुए हैं।

वह कहते हैं, यह घटना बताती है कि ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अमेरिका अपनी ताकत को बढ़ाने पर जोर देगा और भारत को ज्यादा प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि चीन के खिलाफ हिंद महासागर क्षेत्र में अमेरिका के सहयोगी के रूप में भारत की भूमिका अब अमेरिका की प्राथमिकता नहीं होगी। वह आगे कहते हैं कि मोदी 2024 में अमेरपिका दौरे पर आए थे, लेकिन उन्होंने ट्रंप की चुनावी रैली में हिस्सा नहीं लिया। जबकि ट्रंप ने रैली में एलान किया था कि उनके मित्र मोदी आएंगे। साहनी के मुताबिक, ट्रंप व्यक्तिगत अपमान को गंभीरता से लेते हैं।

वह आगे कहते हैं कि ट्रंप जानते हैं कि मोदी विश्व नेता के रूप में अपनी छवि को पेश करने में मदद के लिए अमेरिका के समर्थन पर बहुत अधिक निर्भर हैं। प्रवीण के मुताबिक यह बेहद दुख की बात है कि ट्रंप के इतना करने के बावजूद मोदी ‘व्यक्तिगत संबंध’ की खातिर ट्रंप से मिलने के लिए अमेरिका जाएंगे। वह कहते हैं कि ट्रंप ने जिस तरह से देश का अपमान किया है, कोई भी स्वाभिमानी देश ट्रंप के नखरे और अपमान को सहन नहीं करेगा।

सरकार की चुप्पी और मीडिया का रवैया

इस घटना पर भारत सरकार की चुप्पी और मीडिया की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। जब ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन से भारतीय छात्रों को लाया गया था, तब मीडिया ने इसे बड़े जोर-शोर से दिखाया था। लेकिन इस बार जब भारतीय नागरिकों को बेड़ियों में जकड़कर लाया गया, तो मीडिया ने इसे नजरअंदाज कर दिया। क्या यह सरकार की नाकामी को छिपाने की कोशिश थी?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात से भी कई नागरिक इस विमान में थे। सवाल यह है कि जब गुजरात को विकास का मॉडल बताया जाता है, तो वहां के लोग क्यों अवैध तरीके से अमेरिका जाने की कोशिश कर रहे हैं? क्या यह विकास के दावों पर सवाल नहीं उठाता?

अवैध प्रवासियों के बढ़ते मामले और भारत की चुनौती

यह पहली बार नहीं है जब भारतीय नागरिकों को अवैध प्रवास के आरोप में गिरफ्तार कर वापस भेजा गया है। पिछले कुछ वर्षों में अवैध रूप से अमेरिका और कनाडा जाने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।

कनाडा में भी हजारों भारतीय छात्रों के लापता होने की खबरें आई हैं, जिन पर अवैध प्रवास का शक जताया गया है। गुजरात और पंजाब के युवा विशेष रूप से अमेरिका और कनाडा में बसने के लिए अवैध रास्ते अपनाते हैं।

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