📍नई दिल्ली | 4 months ago
Bangladesh Terrorism: जनवरी 2025 में ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पहले ही पाकिस्तान चाहता है कि बांग्लादेश को आतंकवाद का गढ़ बना कर उसे भारत के खिलाफ इस्तेमाल किया जाए। क्योंकि उसे पता है कि जैसे ही अमेरिका की सत्ता में डॉनल्ड ट्रंप की वापसी होगी, वैसे ही बांग्लादेश में नई सरकार के गठन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और वह चाह कर भी बांग्लादेश की अंदरूनी राजनीति में कुछ ज्यादा हासिल नहीं कर पाएगा। इसलिए उससे पहले ही पाकिस्तान की कोशिश है कि बांग्लादेश को आतंकवाद का अड्डा बना दिया जाए, जिसका बाद में इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जाए। हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पाकिस्तान ने एक मालवाहक जहाज से 70 से ज्यादा प्रशिक्षित आतंकियों को बांग्लादेश भेजा था और ये सभी आतंकी कुछ देर बाद ही रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान, रोहिंग्या शरणार्थियों का इस्तेमाल कर बांग्लादेश में जमात-उल-मुजाहिदीन (JMB) को सक्रिय करने की कोशिशों में भी जुटा है।

खुफिया सूत्रों ने बताया कि 13 नवंबर को कराची से आए एक कार्गो जहाज से 70 “अज्ञात पाकिस्तानी नागरिक” चटगांव बंदरगाह उतारे गए। ये सभी व्यक्ति कुछ ही घंटों में बिना किसी दस्तावेज़ और ट्रेस के गायब हो गए। इस घटना ने न केवल बांग्लादेश के सुरक्षा अधिकारियों, बल्कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को भी चिंतित कर दिया है।
Bangladesh Terrorism: चीनी नाम और पनामा का झंडा
इस जहाज का नाम “युआन जियांग फा झान” था, जो एक चीनी नाम है, और यह पनामा के झंडे के नीचे संचालित हो रहा था। इस जहाज पर 70 “अनजान पाकिस्तानी नागरिक” मौजूद थे, जिनकी मौजूदगी के बारे में न तो बांग्लादेशी सुरक्षा अधिकारियों को पहले से कोई जानकारी दी गई थी और न ही पोर्ट अधिकारियों को।
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Bangladesh Terrorism: पाकिस्तानी मिशन का हाथ
सूत्रों के अनुसार, इन पाकिस्तानी नागरिकों को बांग्लादेश में पाकिस्तानी मिशन के आदेश के बाद गायब किया गया। बांग्लादेशी कस्टम अधिकारियों ने जब इन लोगों से उनके यात्रा दस्तावेज और पहचान पूछने का प्रयास किया, तो उन्हें एक प्रभावशाली सलाहकार के आदेश पर तुरंत दूसरी जगह पर स्थानांतरित कर दिया गया। यह सलाहकार नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस से जुड़े बताए जाते हैं।
सूत्रों ने बताया कि जहाज पर मौजूद सामग्री को पाकिस्तानी कर्मियों की निगरानी में उतारा गया, और बांग्लादेशी अधिकारियों को इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी गई।
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आतंकवादी संगठन और आईएसआई का हाथ
खुफिया सूत्रों के अनुसार, गायब हुए पाकिस्तानी नागरिक विभिन्न आतंकवादी संगठनों से जुड़े हुए थे। उन्हें पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) की देखरेख में प्रशिक्षित किया गया था। इन आतंकवादियों को खासतौर पर भारत में प्रवेश करने और वहां आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बांग्लादेश भेजा गया है।
रोहिंग्या का आतंकवाद में इस्तेमाल
सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान अब रोहिंग्या मुसलमानों का इस्तेमाल करके जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) को सक्रिय करने की योजना बना रहा है। खासकर उत्तर बांग्लादेश में बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी (BJI) के माध्यम से इस साजिश को अंजाम देने की तैयारी है।
इस जहाज के जरिए कराची से चटगांव तक भेजे गए हथियार और आरडीएक्स का उपयोग उत्तर बांग्लादेश में ट्रेनिंग शिविर स्थापित करने के लिए किया जा सकता है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि इन सामग्रियों का इस्तेमाल बांग्लादेश और भारत में बड़े आतंकवादी हमलों के लिए किया जाएगा।
सूत्रों ने यह भी बताया कि पाकिस्तान की आईएसआई ने बांग्लादेश के चटगांव डिवीजन के बंदरबन जिले के नाइकोंगछड़ी में रोहिंग्याओं को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, त्रिपुरा से सटे ब्राह्मणबरिया जिले और मेघालय की सीमा से सटे सिलहट जिले के खादिमनगर नेशनल पार्क के अंदर इस्लामी आतंकी समूहों को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
पत्रकारों और पूर्व एनएसजी अधिकारी को निशाना बनाने की साजिश
खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, अंसारुल बांग्ला टीम के सदस्य भारत में आरएसएस और हिंदू नेताओं, पत्रकारों और सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाकर सीमा-पार “हिट एंड रन” हमलों की योजना बना रहे हैं। लक्ष्यों में पूर्व एनएसजी अधिकारी और रिपब्लिक टीवी, ज़ी न्यूज़, और आज तक के पत्रकार शामिल बताए गए हैं।
इसके अलावा, एबीटी और जेएमबी (जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश) की सेल्स, एक्यूआईएस (अल-कायदा इन इंडियन सबकांटिनेंट) के निर्देश पर, मंदिरों, चर्चों, होटलों और औद्योगिक परियोजनाओं पर हमलों की तैयारी कर रहे हैं। इनमें अदानी समूह की परियोजनाएं भी शामिल हैं। रोहिंग्या जिहादियों की भारत में घुसपैठ इस खतरे को और बढ़ा रही है, जिसमें आईएसआई इन नेटवर्क्स का इस्तेमाल करके क्षेत्रीय अस्थिरता के अपने एजेंडे को लागू कर रहा है।
बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर कट्टरपंथ के केंद्र बन गए हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार, एक्यूआईएस और आईएसआई के ऑपरेटिव इन शिविरों से सक्रिय रूप से भर्ती कर रहे हैं, रोहिंग्या जिहादियों को हथियार और वित्तीय मदद भी दे रहे हैं। इन समूहों पर आरोप है कि वे अराकान आर्मी पर हमले करके क्षेत्र पर फिर से नियंत्रण स्थापित करने की योजना बना रहे हैं।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस घटना से बेहद चिंतित हैं। चटगांव से इन प्रशिक्षित आतंकवादियों का गायब होना, और उनका बिना किसी कागजात के बांग्लादेश में प्रवेश करना, भारत के लिए एक गंभीर सुरक्षा खतरा बन सकता है।पाकिस्तान के आतंकी संगठन अब नए तरीके अपनाकर दक्षिण एशिया में अशांति फैलाने की योजना बना रहे हैं। आतंकवादियों को बांग्लादेश में सक्रिय करके और वहां से भारत में भेजकर, पाकिस्तान भारत की सुरक्षा को चुनौती देना चाहता है।