VSHORADS: DRDO का यह नया एयर डिफेंस सिस्टम कम ऊंचाई पर उड़ने वाले टारगेट को पलक झपकते ही कर देगा तबाह, ये हैं खूबियां

By News Desk

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📍नई दिल्ली | 2 Feb, 2025, 12:57 PM

भारत ने अपने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने शनिवार को ओडिशा के चांदीपुर तट से वेरी शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) के तीन सफल परीक्षण किए। इस अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम को खासतौर पर कम ऊंचाई पर तेज़ी से उड़ने वाले टारगेट्स को नष्ट करने के लिए तैयार किया गया है। VSHORADS का मुख्य उद्देश्य कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हाई-स्पीड टारगेट्स को बेअसर करना है, खासतौर पर ड्रोन और दुश्मन के एयरक्राफ्ट को।

VSHORADS: DRDO's New Air Defense System Can Eliminate Low-Flying Threats Instantly – Key Features Revealed

इस परीक्षण में मिसाइल को विभिन्न ऊंचाइयों और परिस्थितियों में तेज़ गति से उड़ रहे लक्ष्यों पर दागा गया, और हर बार यह अपने टारगेट को पूरी तरह से ध्वस्त करने में सफल रही। यह भारत के वायु रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO और भारतीय सशस्त्र बलों को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, “VSHORADS मिसाइल प्रणाली भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करेगी और हमें आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी।” वहीं, रक्षा अनुसंधान सचिव और DRDO के चेयरमैन डॉ. समीर वी. कामत ने भी इस सफलता पर DRDO वैज्ञानिकों, सेना के अधिकारियों और इंडस्ट्री पार्टनर्स को बधाई दी।

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तीन उड़ान परीक्षणों में साबित हुई मिसाइल की ताकत

DRDO द्वारा विकसित इस मिसाइल प्रणाली का ट्रायल तेज रफ्तार से कम ऊंचाई पर उड़ने वाले ड्रोनों पर किया गया। DRDO अधिकारियों ने बताया कि 100% सटीकता के साथ तीनों फ्लाइट-टेस्ट्स में मिसाइल ने अपने टारगेट को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। खास बात यह है कि इस मिसाइल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह कम ऊंचाई पर उड़ रहे ड्रोन और अन्य हवाई खतरों को प्रभावी तरीके से बेअसर कर सके।

एक रक्षा अधिकारी के मुताबिक, “इन परीक्षणों के दौरान मिसाइल ने कम ऊंचाई पर उड़ रहे हाई-स्पीड टारगेट्स को नष्ट कर दिया, जिनके थर्मल सिग्नेचर काफी कम थे।” यह क्षमता इसे ड्रोन और अन्य एरियल थ्रेट्स को बेअसर करने में बेहद कारगर बनाती है।

इस ट्रायल के दौरान दो फील्ड ऑपरेटर्स ने मिसाइल सिस्टम ऑपरेट किया, जिसमें उन्होंने टारगेट की पहचान, ट्रैकिंग और मिसाइल लॉन्चिंग की प्रक्रिया को अंजाम दिया।

VSHORADS सिस्टम की विशेषताएं:

  • यह मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS) है, जिसे सैनिक अपने साथ आसानी से ले जा सकते हैं।
  • यह दोहरे-चरण वाले ठोस ईंधन इंजन (Dual-Thrust Solid Motor) से संचालित होता है, जिससे यह अधिकतम 6 किलोमीटर की दूरी तक लक्ष्य भेद सकता है।
  • इसे भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के लिए खासतौर पर डिजाइन किया गया है, ताकि यह कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हवाई खतरों को नष्ट कर सके।
  • यह हिमालयी इलाकों जैसे पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में तैनाती के लिए पूरी तरह उपयुक्त है, जहां चीन के बढ़ते हवाई खतरों का मुकाबला करना जरूरी है।
  • यह सिस्टम एडवांस इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री उपकरणों से लैस है, जिससे यह हवा में उड़ रहे छोटे से छोटे लक्ष्य का भी सटीकता से पीछा कर उसे नष्ट कर सकता है।

भारतीय सेना को मिलेगा बड़ा फायदा

भारतीय सेना पिछले कुछ सालों से रूसी मूल के इगला (Igla) एयर डिफेंस सिस्टम को बदलने के लिए एक नए वेरी शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम की तलाश में थी। इगला सिस्टम के पुराने हो जाने और सीमित स्टॉक के चलते, सेना को हाल के वर्षों में इगला-S मिसाइलें इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट के तहत खरीदनी पड़ीं।

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अब VSHORADS के सफल परीक्षण के बाद भारतीय सेना को एक मजबूत स्वदेशी विकल्प मिल गया है, जो न केवल तकनीकी रूप से एडवांस है, बल्कि रणनीतिक रूप से भी बेहद महत्वपूर्ण है। खास तौर पर लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय इलाकों में, जहां चीन की ओर से ड्रोन और फाइटर जेट्स का खतरा लगातार बना रहता है, वहां इस मिसाइल की तैनाती से भारतीय सेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।

पहले भी हो चुके हैं सफल परीक्षण

यह पहली बार नहीं है जब VSHORADS मिसाइल को सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया हो। इससे पहले अक्टूबर 2024 में राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में भी इसके तीन सफल परीक्षण किए गए थे। इसके बाद DRDO ने इस मिसाइल का डेवलपमेंट वर्क पूरा कर लिया। इस नई मिसाइल प्रणाली का उत्पादन भारत में ही किया जाएगा। DRDO ने इसके लिए Development cum Production Partner (DcPP) मॉडल के तहत दो प्रमुख भारतीय कंपनियों को प्रोडक्शन के लिए चुना है।

भारत ने पिछले कुछ सालों में अपने एयर डिफेंस सिस्टम को लगातार मजबूत किया है। हाल ही में भारतीय वायु सेना और नौसेना को मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) सिस्टम भी मिला था, जिसे इजरायली तकनीक के साथ मिलकर विकसित किया गया था। अब, VSHORADS मिसाइल प्रणाली के जुड़ने से भारत की छोटी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली और अधिक मजबूत हो जाएगी।

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