Archer-NG UAV: भारत का स्वदेशी आर्म्ड ड्रोन ‘आर्चर-NG’ जल्द उड़ान भरने को तैयार, 34 घंटे तक लगातार भर सकता है उड़ान

By हरेंद्र चौधरी

Kindly Promote Us:

📍नई दिल्ली | 11 Feb, 2025, 2:23 PM

Archer-NG UAV: मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस ड्रोन अर्चर एनजी (Archer NG) को लेकर अच्छी खबर सामने आई है। स्वदेश में ही बने अनमैंड एरियल व्हीकल (UAV) अर्चर एनजी को न केवल सर्विलांस बल्कि स्ट्राइक मिशनों के लिए तैयार किया गया है। वहीं, इसे जल्द ही भारतीय सेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। एरो इंडिया 2025 के दौरान इस लेटेस्ट ड्रोन की क्षमताओं और भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई।

Archer-NG UAV: India Indigenous Armed Drone Ready for Takeoff, First Sortie Next Month!

Archer-NG UAV के फीचर्स 

यह UAV मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (MALE) श्रेणी में आता है, जिसका मुख्य कार्य इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनसेंस (ISR) है। हालांकि, यह केवल निगरानी तक सीमित नहीं है; अर्चर एनजी स्ट्राइक मिशन भी अंजाम दे सकता है। यह UAV 300 किलोग्राम तक हथियार ले जाने में सक्षम है।

यह ड्रोन सिंगल इंजन ट्विन बूम कॉन्फ़िगरेशन में तैयार किया गया है, जिससे यह वजन में हल्का और बढ़िया परफॉरमेंस भी देता है। इस UAV में कई तरह के पेलोड्स लगाए जा सकते हैं, जिनमें इलेक्ट्रो-ऑप्टिक सेंसर, रडार पेलोड और सिचुएशनल अवेयरनेस इक्विपमेंट्स शामिल हैं। यह दिन और रात दोनों समय, किसी भी मौसम में मिशन को अंजाम देने में सक्षम है।

Archer-NG UAV: नेटवर्क-सेंट्रिक युद्ध के लिए तैयार

अर्चर एनजी को आधुनिक नेटवर्क-सेंट्रिक वारफेयर के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह मैन-यून्मैन्ड टीमिंग (MUM-T) के तहत काम कर सकता है, जिसमें मानव संचालित लड़ाकू विमानों के साथ मिलकर मिशन को अंजाम दिया जाता है। इसके अतिरिक्त, यह UAV डीप पेनेट्रेशन (Deep Penetration) मिशन में भी कारगर है, जिससे यह दुश्मन के इलाके में जाकर सटीक हमले कर सकता है।

Archer-NG UAV: कितनी है इसकी रेंज

अर्चर एनजी की उड़ान चौंकाने वाली है। इसकी रेंज 1,000 किलोमीटर से अधिक हो सकती है, बशर्ते सेटेलाइट कम्युनिकेशन (Satcom) कवरेज उपलब्ध हो। इसकी ऑपरेशनल ऊंचाई 30,000 फीट तक है और यह 34 घंटे तक लगातार उड़ान भरने में सक्षम है। सामान्यत: यह 24 घंटे तक इलेक्ट्रो-ऑप्टिक पेलोड के साथ उड़ान भरता है।

अर्चर एनजी अपने डेवलपमेंट के एडवांस फेज में है। इसके टैक्सी ट्रायल (जमीन पर दौड़ने के ट्रायल) पहले ही शुरू हो चुके हैं, और पहला फ्लाइट ट्रायल जल्द ही अगले महीने तक शुरू होने की उम्मीद है। वर्तमान में, सर्टिफिकेशन की मंजरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। वहीं, इसका पूर्ण रूप से हथियार ढोने वाले वर्जन अगले तीन सालों में बन कर तैयार हो जाएगा।

तपस या RUSTOM-II से ज्यादा एडवांस

अर्चर एनजी को भारत के मौजूदा UAVs, जैसे कि तपस या RUSTOM-II से ज्यादा एडवांस माना जा रहा है, क्योंकि इसमें हथियार ले जाने की क्षमता है। जबकि दुनियाभर में मशहूर Hermes 900 UAV की टक्कर का यूएवी है। हालांकि, MQ-9 Reaper जैसे UAVs High Altitude Long Endurance (HALE) श्रेणी में आते हैं, जो अर्चर एनजी से अलग हैं।

अर्चर एनजी में डीजल इंजन का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि अन्य हाई कैटेगरी के UAVs में गैस टर्बाइन इंजन लगाए जाते हैं। इस वजह से यह एक सस्ता विकल्प है।

Aero India 2025: बेंगलुरु के आसमान में आमने-सामने रूस और अमेरिका के स्टील्थ फाइटर्स, भारत किस पर लगाएगा दांव, 2028 तक आएगा AMCA

भारतीय सेना और वायुसेना अर्चर एनजी के डेवलपमेंट में सक्रिय भागीदारी रही है। वे लगातार जरूरतों के अनुसार सुझाव दे रही हैं और ट्रायल्स में भी हिस्सा ले रही हैं। सेना के सूत्रों को कहना है कि यह ड्रोन रियल-टाइम सर्विलांस, लॉजिस्टिक सपोर्ट और सटीक हमलों के लिए बेहद कारगर है।

मिग-21 और जगुआर जैसे पुराने लड़ाकू विमानों के रिटायर होने के बाद सेना को ऐसे प्लेटफार्मों की जरूरत है, जिन्हें कम लागत में तेजी से डिप्लॉय किया जा सके। आर्चर-NG इन सभी जरूरतों  को पूरा करता है।

आर्चर-NG जैसे ताकतवर यूएवी बनाने के बाद भारत अब उन देशों की सूची में शामिल हो गया है, जो अपने आर्म्ड ड्रोन का प्रोजक्शन और डिप्लॉयमेंट खुद कर सकते हैं।

Kindly Promote Us:

Leave a Comment Cancel reply

Share on WhatsApp
Exit mobile version