Year of Reforms: साल 2025 भारतीय सेनाओं के लिए होगा खास, रक्षा मंत्रालय इस साल मनाएगा ‘ईयर ऑफ रिफॉर्म्स’

By News Desk

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📍नई दिल्ली | 1 Jan, 2025, 2:50 PM

Year of Reforms: 2025 भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2025 को ‘ईयर ऑफ रिफॉर्म्स’ ‘Year of Reforms’ घोषित किया है, जिसका उद्देश्य सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से एडवांस बनाना और युद्ध के लिए रेडी फोर्स में बदलना है। यह घोषणा नए साल की पूर्व संध्या पर रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद की गई।

Year of Reforms: 2025 to Mark a Transformative Year for Indian Armed Forces

रक्षा मंत्री ने कहा, “यह कदम देश की रक्षा तैयारियों में अभूतपूर्व प्रगति का आधार बनेगा और 21वीं सदी की चुनौतियों के बीच भारत की सुरक्षा और संप्रभुता सुनिश्चित करेगा।”

Year of Reforms: क्या होगा मुख्य फोकस?

‘सुधार वर्ष’ के तहत कई बड़े बदलावों और परियोजनाओं पर काम किया जाएगा। इनका उद्देश्य सशस्त्र बलों के विभिन्न क्षेत्रों में सुधार करना और उन्हें आधुनिक युद्ध के लिए तैयार करना है। रक्षा मंत्रालय ने 2025 में जिन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया है, उनमें शामिल हैं:

1. जॉइंटनेस और इंटीग्रेशन:

तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल के लिए संयुक्त संचालन को बढ़ावा देना। इसके तहत इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड्स की स्थापना की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।

2. नए डोमेन में सुधार:

सशस्त्र बलों को साइबर, अंतरिक्ष, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, हाइपरसोनिक तकनीक, और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में महारत दिलाने की योजना बनाई गई है। भविष्य के युद्धों में इन तकनीकों के महत्व को ध्यान में रखते हुए नए टैक्टिक्स और प्रक्रियाएं विकसित की जाएंगी।

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3. अधिग्रहण प्रक्रिया में सुधार:

सैन्य साजोसामान खरीद की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाया जाएगा, ताकि भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना को जल्द से जल्द उन्नत क्षमताएं मिल सकें।

4. सार्वजनिक-निजी भागीदारी:

रक्षा क्षेत्र और नागरिक उद्योगों के बीच प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और ज्ञान साझा करने को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें मेक इन इंडिया पहल के तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी को और मजबूत किया जाएगा।

5. वैश्विक रक्षा निर्यातक के रूप में भारत:

भारत को एक विश्वसनीय रक्षा उत्पाद निर्यातक के रूप में स्थापित करने के लिए अनुसंधान और विकास (R&D) तथा विदेशी रक्षा निर्माताओं के साथ साझेदारी की जाएगी। इससे भारतीय कंपनियों को वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा।

6. सेवानिवृत्त सैनिकों का कल्याण:

सुधार योजनाओं में पूर्व सैनिकों के कल्याण को प्राथमिकता दी जाएगी। उनके अनुभवों का उपयोग कर सशस्त्र बलों की क्षमताओं को और उन्नत किया जाएगा।

7. भारतीय संस्कृति और आत्मनिर्भरता पर जोर:

सुधार प्रक्रिया में भारतीय संस्कृति और स्वदेशी क्षमताओं को शामिल करते हुए आधुनिक सैन्य रणनीतियों से सीख ली जाएगी। इसका उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मजबूती से बढ़ना है।

भारतीय सशस्त्र बलों में सुधार की प्रक्रिया नई नहीं है। 1999 के कारगिल युद्ध के बाद कारगिल समीक्षा समिति ने कई सुधारों की सिफारिश की थी। उसी के बाद मुख्य रक्षा अध्यक्ष (CDS) पद का गठन और थिएटर कमांड्स का विचार शुरू हुआ। हालांकि, इन सुधारों को पूरी तरह लागू करने में समय लगा।

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2020 में चीन के साथ सीमा तनाव के दौरान भारत ने देखा कि युद्ध के नए स्वरूपों के लिए तत्काल बदलाव की जरूरत है। तब से, मेक इन इंडिया , आत्मनिर्भर भारत, और उन्नत हथियार प्रणालियों के विकास पर जोर दिया जा रहा है।

2024 था Year of Tech Absorption

पिछला वर्ष, यानी 2024, भारतीय रक्षा मंत्रालय द्वारा ‘प्रौद्योगिकी अवशोषण का वर्ष’ (Year of Tech Absorption) के रूप में मनाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय सशस्त्र बलों में उन्नत तकनीकों को शामिल करना और भविष्य की चुनौतियों के लिए उन्हें तकनीकी रूप से मजबूत बनाना था।

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI): सेना ने दुश्मन की गतिविधियों पर नज़र रखने और रणनीतिक निर्णय लेने में AI आधारित उपकरणों का इस्तेमाल किया।
  • ड्रोन और सैटेलाइट: असम बाढ़ के दौरान ड्रोन और सैटेलाइट इमेजिंग से सैकड़ों लोगों को बचाया गया।
  • स्वदेशी निर्माण: DRDO ने उन्नत रडार और हथियार प्रणालियों का सफल परीक्षण किया, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम था।
  • डिजिटल इंटरऑपरेबिलिटी: सेना, नौसेना और वायुसेना ने साझा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम शुरू किया, जिससे तेज़ और संगठित संचालन संभव हुआ।

2024 ने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की नींव रखी, जो 2025 के ‘ईयर ऑफ रिफॉर्म्स’ की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ।

The Year of Reforms marked a significant turning point in our society. These reforms have brought about fundamental changes in various sectors, reshaping our economy, education system, and legal framework. The impact of the Year of Reforms will continue to be felt for years to come, as we strive towards a more progressive and equitable society.

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