📍नई दिल्ली | 2 months ago
Yashas: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के प्रमुख जेट ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट हिंदुस्तान जेट ट्रेनर (HJT-36) को अब ‘यशस’ के नाम से जाना जाएगा। इस विमान में व्यापक सुधार और तकनीकी बदलाव किए गए हैं ताकि इसकी उड़ान को और बेहतर बनाया जा सके। ये सुधार मॉडर्न मिलिट्री ट्रेनिंग को देखते हुए किए गए हैं।
एयरो इंडिया 2025 के दौरान आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार ने इस नए नाम का एलान किया। इस मौके पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. डी. के. सुनील भी मौजूद थे। डॉ. डी. के. सुनील ने कहा, “HJT-36 में बड़े स्तर पर किए गए तकनीकी सुधारों से इसकी क्षमताओं में शानदार बदलाव हुए हैं। इन सुधारों के चलते इसे एक नया नाम दिया जाना उचित था। उन्होंने उम्मीद जताई कि यशस से मॉडर्न मिलिट्री ट्रेनिंग में जबरदस्त सुधार देखने को मिलेगा।
बेंगलुरु के येलहंका एयर फोर्स स्टेशन पर आयोजित एरो इंडिया 2025 में यशस (Yashas) को लेकर लोगों की खास दिलचस्पी दिखी। देश और विदेश से आए डिफेंस एक्सपर्ट्स और रिप्रेंजेंटेटिव्स ने इस विमान की एडवांस टेक्नोलॉजी और ट्रेनिंग कैपेबिलिटीज की जमकर सराहना की।
आधुनिक तकनीकों से लैस ‘Yashas’
HAL के बनाए इस विमान Yashas को अब ए़डवांस एवियोनिक्स और अल्ट्रा-मॉडर्न कॉकपिट के साथ अपग्रेड किया गया है। इन सुधारों से न केवल ट्रेनिंग में फायदा मिलेगा, बल्कि ऑपरेटिंग एफिशिएंसी में भी बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा, विमान के वजन में कमी की गई है और विदेशी उपकरणों के स्थान पर भारतीय उपकरण लगाए गए हैं। अब इसमें भारतीय Line Replaceable Units (LRUs) का उपयोग किया गया है, जिसे स्वदेश में ही बनाया गया है।
यशस् को अब स्टेज II पायलट ट्रेनिंग, काउंटर इंसर्जेंसी और काउंटर सरफेस फोर्स ऑपरेशंस, आर्मामेंट ट्रेनिंग और एरोबेटिक्स के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें FADEC कंट्रोल्ड AL55I जेट इंजन का उपयोग किया गया है, जो इसे बेहतरीन थ्रस्ट-टू-वेट रेशियो देता है। यशस में सिंगल पॉइंट ग्राउंड रिफ्यूलिंग और डीफ्यूलिंग की सुविधा है, जिससे इसे जल्दी से रेडी किया जा सकता है। इसके अलावा यशस् में एरोबेटिक्स (हवाई करतब) और वेपन्स ट्रेनिंग की भी सुविधा है। यह विमान 1000 किलोग्राम तक के हथियार ले जाने में सक्षम है।
इस विमान के डिजाइन में भी महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इसका ड्रूप नोज डिजाइन और एडवांस ग्लास कॉकपिट (जिसमें मल्टी-फंक्शन डिस्प्ले और हेड-अप डिस्प्ले शामिल हैं) से पायलट को बेहतर विजिबिलिटी मिलती है। State-of-the-Art Glass Cockpit में Multi-Function Displays (MFDs) और Head-Up Display (HUD) की सुविधा भी जोड़ी गई है, जिससे पायलट की situational awareness और भी बेहतर हो गई है।
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इस विमान के सेवा में शामिल होने से भारतीय वायुसेना के ट्रेनिंग फ़्रेमवर्क्स को नई मजबूती मिलेगी। HAL का मानना है कि ‘यशस्’ न केवल ट्रेनिंग में बल्कि रियल टाइम कॉम्बैट सिचुएशन्स में भी अपनी उपयोगिता साबित करेगा।