📍नई दिल्ली | 5 months ago
Veterans Achievers Award: हाल ही में लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने दो सेवानिवृत्त सैनिकों को ‘वेटरन्स अचीवर्स अवार्ड’ से सम्मानित किया। यह पुरस्कार कर्नल एमजेडयू सिद्दीकी (सेवानिवृत्त) और सूबेदार (मानद कैप्टन) उदय राज सिंह (सेवानिवृत्त) को दिया गया। इस पुरस्कार ‘कैपेबिलिटी डेवलपमेंट कॉन्फ्रेंस’ के दौरान दिए गए थे। दोनों वेटरन्स ने अपने पूरे करियर में न केवल सेना में सेवा दी, बल्कि समाज की भलाई के लिए भी काफी काम किया।
कर्नल सिद्दीकी का योगदान
कर्नल एमजेडयू सिद्दीकी का नाम आज समाज में उनके अद्वितीय सामाजिक कार्यों के लिए जाना जाता है। उन्होंने 2009 में ‘हुसना महिला और बाल विकास एवं शिक्षा समाज’ (Husna Women and Child Development and Education Society) नामक एक गैर-सरकारी संस्था की स्थापना की थी। यह संस्था मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं और बच्चों के लिए काम करती है। कर्नल सिद्दीकी की संस्था ने हजारों महिलाओं और बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। उनका मानना है कि समाज के सबसे कमजोर वर्ग की मदद करने से ही असल बदलाव आता है।
कर्नल सिद्दीकी न केवल एक समाजसेवी हैं, बल्कि एक लेखक, मीडिया योगदानकर्ता और यूट्यूब होस्ट भी हैं। उन्होंने कई किताबें लिखी हैं और समाज को जागरूक करने के लिए कई मीडिया प्लेटफार्मों पर योगदान दिया है। कर्नल सिद्दीकी न केवल अपनी पूरी पेंशन दान में दे देते हैं, बल्कि इस राशि का उपयोग जरूरतमंदों को कंबल देने में भी करते हैं। यह उनकी निस्वार्थ सेवा भावना का प्रतीक है। उनका यह प्रयास विशेष रूप से उत्तर प्रदेश राज्य में काफी सराहा गया है, जहां उनकी संस्था ने कई लोगों की ज़िंदगी को बेहतर किया है।
सूबेदार उदय राज सिंह का योगदान
वहीं, सूबेदार (मानद कैप्टन) उदय राज सिंह ने भी समाज सेवा में अपने योगदान से एक नया मानक स्थापित किया है। वे वेटरन्स और उनके परिवारों की सहायता के लिए निरंतर काम करते रहते हैं। सूबेदार सिंह जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के साथ मिलकर काम करते हैं, जिससे वे वीर नारियों (जिनके पति युद्ध में शहीद हो गए) और विधवाओं को वित्तीय सहायता और रोजगार के अवसर दिलवाते हैं।
सूबेदार सिंह की एक और महत्वपूर्ण भूमिका यह है कि वे वरिष्ठ वेटरन्स को उनके पेंशन और बकाए के मामलों में मदद करते हैं। बहुत से वेटरन्स को पेंशन और अन्य लाभों में देरी होती है, और सूबेदार सिंह इस समस्या को हल करने में उनकी मदद करते हैं। इसके अलावा, सूबेदार सिंह अस्योर डीसेंट लास्ट राइट्स स्कीम (ADLRS) के तहत शहीद सैनिकों के अंतिम संस्कार में भी सहायता प्रदान करते हैं, ताकि उन सैनिकों को एक सम्मानजनक विदाई मिल सके।
सेवा का संदेश
कर्नल सिद्दीकी और सूबेदार सिंह दोनों ने अपनी पूरी जिंदगी समाज सेवा और वेटरन्स की मदद करने में बिताई है। उनका यह योगदान न केवल उनके साथियों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है। वे दोनों ही यह मानते हैं कि सेना में सेवा करने का कार्य सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि एक जीवनभर की जिम्मेदारी है। सेवा का यह सफर एक मजबूत और एकजुट भारत के निर्माण में योगदान करता है।
संस्कार और सम्मान
इन दोनों वीरों ने यह साबित किया है कि सेवा का कोई अंत नहीं होता। भले ही वे सेना से सेवानिवृत्त हो गए हैं, लेकिन उनका समाज के प्रति योगदान अभी भी जारी है। उनका उद्देश्य केवल अपने साथियों की मदद करना नहीं है, बल्कि समाज के हर वर्ग तक मदद पहुंचाना है। उनका यह अवार्ड न केवल उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना है, बल्कि यह हम सभी को प्रेरित करता है कि हम भी अपने देश और समाज के लिए कुछ अच्छा करें।
समाज में बदलाव लाने का काम
कर्नल सिद्दीकी और सूबेदार सिंह की तरह हर एक व्यक्ति को अपने स्तर पर समाज के लिए कुछ करने का प्रयास करना चाहिए। उनके जैसे वेटरन्स हमारे समाज के असली नायक हैं, जो बिना किसी दिखावे के अपनी सेवा करते हैं। उनके कार्यों से यह सीख मिलती है कि सेवा और सम्मान का रास्ता सबसे कठिन होता है, लेकिन वही रास्ता समाज में सच्चा बदलाव ला सकता है।
कर्नल सिद्दीकी और सूबेदार सिंह के योगदान को देखते हुए हमें यह समझना चाहिए कि सच्ची सेवा कभी थमती नहीं है, और यह हमारे देश को एक मजबूत और बेहतर राष्ट्र बनाने की दिशा में एक कदम और बढ़ाती है।