📍नई दिल्ली | 4 months ago
UPDIC: उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) ने रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में बड़ी प्रगति की है। उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (यूपीडीआईसी) ने देश की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती देने के लिए छह प्रमुख नोड्स—कानपुर, झांसी, लखनऊ, अलीगढ़, आगरा और चित्रकूट बनाए हैं। इनमें से, अलीगढ़ नोड अब 3421 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों के साथ एक प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है।

UPDIC: डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में अलीगढ़ की महत्वपूर्ण भूमिका
अलीगढ़ में 86.87 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिसमें से 64.01 हेक्टेयर भूमि विभिन्न रक्षा कंपनियों को आवंटित की जा चुकी है। यह स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
इस क्षेत्र ने कई बड़ी रक्षा कंपनियों को आकर्षित किया है, जो आधुनिक तकनीक और उपकरणों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। एंकर रिसर्च लैब्स जैसी कंपनियां ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सेंसर और रेडियो डायरेक्शन फाइंडर जैसे एडवांस सिस्टम का उत्पादन कर रही हैं।
UPDIC: कानपुर बना उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर का हब, मिले 12,800 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव
एंकर रिसर्च लैब्स: यह कंपनी 550 करोड़ रुपये के निवेश से ड्रोन, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सेंसर, रेडियो डायरेक्शन फाइंडर और परीक्षण परिसर का निर्माण कर रही है। यह परियोजना आधुनिक तकनीक और स्वदेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
एमीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड: यह अग्रणी कंपनी 330 करोड़ रुपये के निवेश से इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, सैटेलाइट स्पेसपोर्ट और टैक्टिकल कम्युनिकेशन सिस्टम का उत्पादन कर रही है। कंपनी ने उत्पादन शुरू कर दिया है और यह रक्षा क्षेत्र में बड़ा योगदान दे रही है।
ओशो कॉर्प ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड: इस कंपनी ने 250 करोड़ रुपये का निवेश कर एडवांस टेक सॉल्यूशन यूनिट स्थापित की है। यह यूनिट आधुनिक रक्षा तकनीक और समाधान प्रदान करने के लिए काम कर रही है।
प्रशांत एंटरप्राइजेज: 200 करोड़ रुपये के निवेश से यह कंपनी मीडियम-कैलिबर गोला-बारूद के लिए उपकरणों और शैल का निर्माण करेगी।
एसएमपीपी प्राइवेट लिमिटेड: यह कंपनी टैंक और तोप के गोला-बारूद के उत्पादन के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड: यह कंपनी प्रोपल्शन गियरबॉक्स और सहायक पावर गैस टर्बाइन के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
एक्सपो मशीन टूल्स प्राइवेट लिमिटेड: 100 करोड़ रुपये के निवेश के साथ यह कंपनी कार्बन कंपोजिट, सिरेमिक मैट्रिक्स कंपोजिट और मिसाइल तथा लड़ाकू विमान के लिए घटकों का निर्माण कर रही है।
जय साईं अनु ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड: यह कंपनी 100 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एक प्रिसिशन कंपोनेंट निर्माण इकाई स्थापित कर रही है।
UPDIC: अन्य प्रस्तावित परियोजनाएं
होराइजन एयरोस्पेस (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड: यह कंपनी फाइटर एयरक्राफ्ट सस्टेनमेंट सेंटर और सबसिस्टम निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
सक्सेना मरीन टेक प्राइवेट लिमिटेड: यह कंपनी युद्धपोत और वाहनों के निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।
सिंडिकेट इनोवेशन इंटरनेशनल लिमिटेड: यह कंपनी छोटे हथियारों और गोला-बारूद के निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।
स्पाइसजेट प्राइवेट लिमिटेड: यह कंपनी 125 करोड़ रुपये के निवेश से एक रक्षा रखरखाव, मरम्मत और संचालन (एमआरओ) इकाई स्थापित करने की योजना बना रही है।
इन्वेस्ट यूपी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अभिषेक प्रकाश ने कहा, “अलीगढ़ उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्र है। यह उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे (यूपीडीआईसी) में एक प्रमुख नोड के रूप में उभर रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “अलीगढ़ की सफलता, क्षेत्र की अपार क्षमता को दर्शाती है। अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और अनुकूल व्यावसायिक माहौल ने इस नोड को मजबूत किया है। 3,421 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव और प्रमुख कंपनियों के संचालन ने इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खास पहचान दी है।”
UPDIC: यूपी डिफेंस कॉरिडोर की विशेषताएं
यूपीडीआईसी की स्थापना आत्मनिर्भर भारत पहल के तहत की गई थी। इसका उद्देश्य रक्षा उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है। कानपुर, झांसी, लखनऊ, अलीगढ़, आगरा और चित्रकूट जैसे नोड्स ने अपनी-अपनी भूमिकाएं निभाई हैं, लेकिन अलीगढ़ का प्रदर्शन इसे सबसे अलग बनाता है। अलीगढ़ की सफलता ने अन्य नोड्स के लिए एक प्रेरणा का काम किया है। आधुनिक तकनीक, कुशल मानव संसाधन और अनुकूल नीति माहौल ने अलीगढ़ को देश का एक अग्रणी रक्षा उत्पादन केंद्र बना दिया है।
अलीगढ़ में हो रहे रक्षा निवेश से न केवल क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि यह भारत की रक्षा क्षमता को भी मजबूत कर रहा है। यह कदम उत्तर प्रदेश को देश का रक्षा विनिर्माण हब बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है।
यूपी सरकार की अहम भूमिका
यूपी सरकार का “विकसित भारत” विज़न इस डिफेंस कॉरिडोर परियोजना का मूल आधार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में राज्य सरकार ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कई पहलें की हैं। राज्य सरकार ने औद्योगिक नीति में सुधार करते हुए न केवल भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज किया, बल्कि उद्योगों के लिए टैक्स लाभ और बिजली सब्सिडी जैसी सुविधाएं भी प्रदान की हैं।
वहीं भारत सरकार के “आत्मनिर्भर भारत” अभियान के तहत अलीगढ़ नोड ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रक्षा उत्पादन के लिए स्वदेशीकरण पर जोर देकर, यह नोड न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर रहा है, बल्कि आयात पर निर्भरता भी कम कर रहा है। अलीगढ़ नोड में स्थापित हो रही नई औद्योगिक इकाइयों से स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर खुल रहे हैं। कंपनियां न केवल विशेषज्ञों को रोजगार दे रही हैं, बल्कि स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के जरिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित भी कर रही हैं।