📍नई दिल्ली | 5 months ago
Tear Smoke Shell 2.0: सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भीड़ पर काबू पाने के लिए अधिक प्रभावी और सुरक्षित तरीक अपनाने जा रही है। बीएसएफ अब मौजूदा Tear Smoke Shell (TSS) की जगह नई पीढ़ी की “Tear Smoke Shell 2.0” का इस्तेमाल करेगी, जो भीड़ नियंत्रण के दौरान कम हानिकारक और अधिक प्रभावी होगा।
इस नए संस्करण में, पहले के मुकाबले कम जहरीले आंसू गैस के गोला-बारूद का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे लोगों को कम से कम नुकसान पहुंचेगा। BSF के Tear and Smoke Unit (TSU) की तरफ से बनए गए इस नए गोला-बारूद का उद्देश्य भीड़ को नियंत्रित करते वक्त उनकी सेहत पर पड़ने वाले घतक असर को कम करना है।
पुरानी तकनीकों के मुकाबले सुरक्षित
पारंपरिक आंसू गैस के गोला-बारूद का उपयोग करते वक्त स्वास्थ्य संबंधी कई जोखिम होते हैं, जैसे कि सांस लेने में दिक्कत और आंखों में गंभीर चोटें। इस नए संस्करण में इन जोखिमों को कम करने का प्रयास किया गया है, जबकि भीड़ पर इसके प्रभाव में कोई कमी नहीं आएगी।
नई दिल्ली स्थित BSF मुख्यालय में आयोजित 44वीं वार्षिक बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने की।
TSU की नई खोजें
Tear and Smoke Unit (TSU) ने भीड़ नियंत्रण के लिए गैर-घातक गोला-बारूद के विकास में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसमें शामिल हैं:
- लैक्रिमेटरी म्यूनिशन्स: ये गोला-बारूद भीड़ को बिना स्थायी नुकसान पहुंचाए नियंत्रित करने के लिए बनाए गए हैं।
- फ्लैश-बैंग म्यूनिशन्स: ये उपकरण भीड़ को अस्थायी रूप से भ्रमित और विचलित करते हैं, बिना स्थायी नुकसान के।
- इंपैक्ट म्यूनिशन्स: ये कम हानिकारक विकल्प हैं, जो भीड़ नियंत्रण में मदद करते हैं।
- कस्टमाइज्ड म्यूनिशन्स: विशेष संचालन जरूरतों के लिए तैयार किए गए गोला-बारूद।
ड्रोन आधारित Tear Smoke Launcher (DTSL) की सफलता
ड्रोन Tear Smoke Launcher (DTSL) तकनीक ने भीड़ नियंत्रण के तरीकों को नया रूप दिया है। इस तकनीक के माध्यम से आंसू गैस के गोले बिना किसी खतरे के सटीक तरीके से ड्रोन द्वारा दागे जा सकते हैं। पारंपरिक तरीके से आंसू गैस को मैन्युअली फायर करने की तुलना में यह अधिक सुरक्षित और प्रभावी है।
कानून और व्यवस्था बनाए रखने में होगा कारगर
बीएसएफ का यह कदम भारत में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के तरीकों में बदलाव लाएगा। सुरक्षा और प्रभावशीलता पर जोर देते हुए, TSU द्वारा विकसित यह नया गोला-बारूद निश्चित रूप से सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने में सहायक साबित होगा, जबकि नागरिकों की भलाई की रक्षा भी करेगा।