📍नई दिल्ली | 24 Dec, 2024, 12:26 PM
Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर ‘कर्तव्य पथ’ पर भारत की सांस्कृतिक धरोहर और विकास को प्रदर्शित करने के लिए 15 राज्यों और 11 केंद्रीय मंत्रालयों की झांकियां शामिल होंगी। रक्षा मंत्रालय ने इस बार झांकियों की थीम ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ (Golden India: Heritage and Development) रखी है।
Republic Day 2025: भारत पर्व 26 जनवरी से 31 जनवरी तक
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को घोषणा की कि 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां इस साल कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित की जाएंगी। इनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, त्रिपुरा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इसके अलावा, 11 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की झांकियां भी परेड का हिस्सा होंगी।
गणतंत्र दिवस परेड में शामिल न हो पाने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ‘भारत पर्व’ में अपनी झांकियां प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा। यह आयोजन 26 जनवरी से 31 जनवरी 2025 तक लाल किले में आयोजित किया जाएगा।
Republic Day 2025: ‘स्वर्णिम भारत’ थीम पर झांकियां
इस वर्ष की थीम का उद्देश्य भारत की सांस्कृतिक विविधता और विकास यात्रा को प्रदर्शित करना है। इस थीम के तहत झांकियां न केवल भारत की सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करेंगी, बल्कि आधुनिक भारत की विकास यात्रा को भी दर्शाएंगी।
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि झांकियों के चयन की प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष और योग्यता आधारित रही। चयन समिति में कला, संस्कृति, संगीत, वास्तुकला और कोरियोग्राफी के विशेषज्ञ शामिल थे। झांकियों के चयन में मौलिकता, रचनात्मकता, सौंदर्य और ‘विरासत और विकास’ के बीच संतुलन पर जोर दिया गया।
चयन प्रक्रिया और नई पहल
इस वर्ष झांकियों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने पहले से ही एक सुसंगठित प्रक्रिया अपनाई। अप्रैल 2024 में आयोजित एक वरिष्ठ स्तर की बैठक में झांकियों को और बेहतर बनाने के सुझाव दिए गए थे, जिन्हें इस प्रक्रिया में शामिल किया गया।
सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों से झांकियों के प्रस्ताव मांगे गए थे। चयन प्रक्रिया के दौरान विशेषज्ञों की समिति ने झांकियों को उनकी मूल संरचना, संदेश की स्पष्टता और कलात्मक प्रस्तुति के आधार पर चुना।
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इस बार की झांकियों में आधुनिक तकनीक और पारंपरिक कलाओं का मिश्रण होगा। हर झांकी को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि वह न केवल देखने में सुंदर हो, बल्कि संदेशप्रद भी हो।
झांकियां: भारत की विविधता और विकास का प्रतीक
कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित होने वाली झांकियां भारत की सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध इतिहास को दर्शाएंगी। उदाहरण के तौर पर:
- गुजरात की झांकी में भारत की प्राचीन वास्तुकला और पर्यावरण संरक्षण को प्रदर्शित किया जा सकता है।
- कर्नाटक की झांकी में ‘होयसला मंदिर समूह’, जो हाल ही में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हुआ है, को दर्शाया जा सकता है।
- उत्तर प्रदेश अपनी झांकी में काशी विश्वनाथ धाम और राम मंदिर अयोध्या जैसे आधुनिक विकास परियोजनाओं को शामिल कर सकता है।
केंद्रीय मंत्रालयों की झांकियां विभिन्न राष्ट्रीय योजनाओं और परियोजनाओं को दर्शाएंगी। उदाहरण के लिए, ‘स्वच्छ भारत मिशन’, ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे अभियानों को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया जाएगा।
‘भारत पर्व’ का आयोजन
गणतंत्र दिवस परेड में शामिल न होने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए ‘भारत पर्व’ एक विशेष अवसर है। यह आयोजन लाल किले पर 26 जनवरी से 31 जनवरी तक होगा। इसमें राज्यों की झांकियां, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, हस्तशिल्प, और पारंपरिक व्यंजन शामिल होंगे।
‘भारत पर्व’ का उद्देश्य भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को देशभर के नागरिकों और विदेशी पर्यटकों के सामने प्रस्तुत करना है। यह आयोजन न केवल एक उत्सव है, बल्कि भारत के विकास और प्रगति का भी प्रतीक है।
15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का चयन
कर्तव्य पथ पर झांकियों की संख्या सीमित होने के कारण केवल 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रदर्शनी के लिए चुना गया है। ये राज्य और यूटी हैं:
- आंध्र प्रदेश
- बिहार
- चंडीगढ़
- दादरा और नगर हवेली एवं दमन और दीव
- गोवा
- गुजरात
- हरियाणा
- झारखंड
- कर्नाटक
- मध्य प्रदेश
- पंजाब
- त्रिपुरा
- उत्तराखंड
- उत्तर प्रदेश
- पश्चिम बंगाल
11 केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की भागीदारी
इन राज्यों के अलावा, 11 केंद्रीय मंत्रालय और विभाग भी झांकियों के माध्यम से अपनी उपलब्धियों और योजनाओं को प्रस्तुत करेंगे।