📍नई दिल्ली | 5 months ago
India-China: पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और डेपसांग में भारत और चीन के बीच पेट्रोलिंग को लेकर चल रही बातचीत एक बार फिर से अटक गई है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच पेट्रोलिंग के तरीके और रूट्स पर सहमति बनाने को लेकर अभी तक कोई ठोस हल नहीं निकला है। वहीं, सेना का कहना है कि 21 अक्टूबर 2024 को दोनों देशों के बीच बनी सहमति के आधार पर दोनों पक्षों ने प्रभावी रूप से डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी कर ली है। वहीं भारतीय सेना ने अपने इलाकों में पेट्रोलिंग भी फिर से शुरू कर दी है। दोनों ही पक्ष आपसी सहमति का पालन कर रहे हैं, और किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं है।
क्या हैं चीन की आपत्तियां?
सूत्रों के अनुसार, चीन ने पेट्रोलिंग पॉइंट्स (PP) 10 और 11 पर भारतीय सेना के पेट्रोलिंग करने पर आपत्ति जताई है। इसके अलावा, PPs 11A, 12, और 13 पर भी पेट्रोलिंग की दूरी को लेकर चीन ने आपत्ति दर्ज की है।
भारत और चीन के बीच यह समझौता एक महीने पहले अक्टूबर में विदेश सचिव विक्रम मिस्री की तरफ से डेमचोक और डेपसांग में पेट्रोलिंग रूट्स को फिर से शुरू करने के एलान के बाद हुआ था। समझौते के बाद से दोनों सेनाओं के बीच पेट्रोलिंग के तरीके और दूरी को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन अभी ततक सहमति नहीं बन पाई है।
भारतीय सेना का पक्ष
भारतीय सेना के मुताबिक, 21 अक्टूबर 2024 को दोनों पक्षों के बीच सहमति बन चुकी है और भारत ने अपने पारंपरिक पेट्रोलिंग क्षेत्रों में पेट्रोलिंग फिर से शुरू कर दी है। सेना ने स्पष्ट किया है कि दोनों पक्ष सहमति का पालन कर रहे हैं और कहीं कोई रुकावट नहीं है। उन्होंने पेट्रोलिंग में किसी भी प्रकार की रुकावट को गलत बताया है।
Certain Media Articles on 06-07 November 2024 have speculated about roadblocks/objections in the disengagement process consequent to the consensus between the Indian and Chinese sides on 21 October 24. It is unambiguously stated that the disengagement at Depsang and Demchok has… pic.twitter.com/SHxT8Mvmf2
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) November 7, 2024
डेपसांग का सामरिक महत्व
डेपसांग का क्षेत्र सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके पूर्व में अक्साई चिन क्षेत्र है, जिस पर चीन ने 1950 के दशक से कब्जा कर रखा है। यहां स्थित पेट्रोलिंग पॉइंट्स चीन द्वारा बनाए गए नए हाईवे G695 के समीप हैं, जो इस इलाके में चीन की बढ़ती गतिविधियों का संकेत देता है।
पेट्रोलिंग का तरीका
पेट्रोलिंग के दौरान दोनों पक्ष एक-दूसरे को सूचित करते हैं ताकि सीधे टकराव की स्थिति से बचा जा सके। हालांकि, भारतीय सेना की पेट्रोलिंग को लेकर चीन की बार-बार की आपत्तियां और असहमति इस प्रक्रिया को कठिन बना रही हैं। पेट्रोलिंग की सीमा और दूरी को लेकर चीनी पक्ष अपने रुख पर अड़ा हुआ है, जो भारतीय सेना के लिए चुनौती बनता जा रहा है।
CSG का रोल और सलाह
पेट्रोलिंग रूट्स और सीमाओं पर फैसला चीन स्टडी ग्रुप (CSG) के बाद तय किया गया है, जो 1975 में गठित हुआ था और वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल इसकी अध्यक्षता कर रहे हैं। यह समूह सरकार को चीन से जुड़े नीतिगत मामलों में सलाह देता है।
हालांकि भारतीय सेना ने स्पष्ट किया है कि पेट्रोलिंग में किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं है और दोनों पक्षों में सहमति का पालन हो रहा है। सेना का कहना है कि 21 अक्टूबर 2024 को दोनों देशों के बीच बनी सहमति के आधार पर दोनों पक्षों ने प्रभावी रूप से डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी कर ली है। वहीं भारतीय सेना ने अपने इलाकों में पेट्रोलिंग भी फिर से शुरू कर दी है। दोनों ही पक्ष आपसी सहमति का पालन कर रहे हैं, और किसी भी तरह की कोई रुकावट नहीं है।
लेकिन जिस तरह से चीन की आपत्तियां और बातचीत में रुकावट सामने आई है, उससे लगता है कि क्षेत्र परी तरह से तनाव खत्म करने में लंबा वक्त लग सकता है। डेपसांग जैसे सामरिक महत्व वाले इलाके में पेट्रोलिंग की फिर से शुरुआत और सीमाओं पर दोनों देशों का भरोसा बहाल करना दोनों के लिए महत्वपूर्ण चुनौती बना हुआ है।
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