📍नई दिल्ली | 1 Feb, 2025, 2:07 PM
Defence Budget 2025-26: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025 में भारत के रक्षा बजट को 6.21 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 5.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इस बजट में आत्मनिर्भर भारत अभियान, सैन्य आधुनिकीकरण और निजी क्षेत्र की भागीदारी पर विशेष जोर दिया गया है। बजट में रक्षा क्षेत्र को अधिक वित्तीय संसाधन आवंटित किए गए हैं, जिससे स्वदेशी रक्षा उत्पादन और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 2025 के केंद्रीय बजट को भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने वाला बजट बताया है।
इस साल रक्षा क्षेत्र के लिए 6.21 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष के 5.94 लाख करोड़ रुपये की तुलना में अधिक है। यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 1.89% है। इस रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) के लिए निर्धारित किया गया है, जो नए हथियारों की खरीद, मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्चर के अपग्रेडेशन और डिफेंस टेक्नोलॉजी में निवेश के लिए जरूरी होता है।
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रतिक्रिया देते हुए 2025 के केंद्रीय बजट को भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय के लिए 6,81,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 9.5% अधिक है। यह केंद्रीय बजट का 13.4% हिस्सा है।
Defence Budget 2025-26: रक्षा बलों के आधुनिकीकरण पर विशेष जोर
रक्षा मंत्री ने कहा कि डिफेंस फोर्सेस के मॉर्डेनाइजेशन को हमारी सरकार की टॉप प्राथमिकताओं में रखा गया है, और इसके लिए 1,80,000 करोड़ रुपये की पूंजीगत राशि आवंटित की गई है। यह धनराशि भारतीय सशस्त्र बलों के टेक्नोलॉजिकल एडवांसमेंट, अत्याधुनिक हथियारों और सैन्य उपकरणों की खरीद और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में खर्च की जाएगी, जिससे भारत की रक्षा तैयारियों को और मजबूती मिलेगी।
Defence Budget 2025-26: रक्षा सुधारों और स्वदेशी उद्योग को बढ़ावा
रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता (Aatmanirbhar Bharat) को प्राथमिकता दे रही है और रक्षा आधुनिकीकरण बजट का 75% हिस्सा भारतीय रक्षा उद्योग से खरीद पर खर्च किया जाएगा। इससे देश के स्वदेशी रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और रक्षा क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
Union Budget 2025-26: Increased Focus on Defence Modernization, Indigenous Procurement; Military R&D Expected
उन्होंने बताया कि रक्षा बलों के आधुनिकीकरण के लिए 3,11,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में दस गुना अधिक है। यह राशि नई तकनीकों के विकास, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष रक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी अत्याधुनिक क्षमताओं के विकास में खर्च की जाएगी।
Defence Budget 2025-26: पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं
पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से Comprehensive Pension Contingency Health Scheme (CPHS) के लिए 8,300 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह राशि पिछले वर्ष के बराबर है और सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों की भलाई के लिए दी जा रही प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
सीमा सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए बड़ी योजना
इस वर्ष के बजट में सीमा बुनियादी ढांचे (Border Infrastructure) को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण राशि आवंटित की गई है। पूंजीगत बजट (Capital Head) के तहत सीमा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क, पुल और सुरंगों के निर्माण में तेजी आएगी।
रक्षा बजट से आत्मनिर्भर भारत को मजबूती
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार का लक्ष्य रक्षा आयात को कम कर देश में निर्मित रक्षा उत्पादों का उपयोग बढ़ाना है। यह केवल भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूत करने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भारतीय रक्षा उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा।
रक्षा मंत्री ने भरोसा जताया कि यह बजट भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना को आधुनिक तकनीक से लैस करने के साथ-साथ भारतीय रक्षा उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
बता दें कि 2025 की शुरुआत में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की थी कि 2025 सुधारों का वर्ष होगा। आने वाले महीनों में, संयुक्त थिएटर कमांड (Integrated Theatre Commands), साइबर और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसे नए क्षेत्रों, आसान और समयबद्ध अधिग्रहण (Simpler and Time-bound Acquisitions), तकनीक हस्तांतरण (Tech Transfer) को सरल बनाने और रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने से जुड़े कई महत्वपूर्ण सुधारों को लागू किए जाने की संभावना है।
कुल रक्षा बजट – 6.21 लाख करोड़ रुपये
- 2024-25 (Revised Estimates) – 5.94 लाख करोड़ रुपये
- 2024-25 (Budget Estimates) – 5.72 लाख करोड़ रुपये
- वृद्धि – सिर्फ 35,000 करोड़ रुपये (लगभग 5%)
आत्मनिर्भर भारत: स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा
सरकार ने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों को और गति दी है। इस वर्ष के बजट में निम्नलिखित क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है:
- स्वदेशी लड़ाकू विमान निर्माण: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) जैसी कंपनियों को अधिक वित्तीय सहायता मिलेगी।
- डोमेस्टिक मिसाइल सिस्टम और रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स: भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) जैसी कंपनियों को फायदा होगा।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी: रक्षा क्षेत्र में स्टार्टअप और प्रमुख उद्योगों को अधिक अवसर दिए जाएंगे, जिससे अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों और सैन्य बुनियादी ढांचे का विकास होगा।
सैन्य आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे का विकास
बजट में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए अधिक पूंजीगत व्यय आवंटित किया गया है, जिससे उन्नत सैन्य उपकरण, लड़ाकू विमान, पनडुब्बियां और ड्रोन की खरीद में तेजी आएगी।
- विशेष रूप से सीमा सुरक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाई गई है, खासकर उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर।
- एआई-आधारित रक्षा तकनीक, साइबर युद्ध क्षमताओं और सैटेलाइट-आधारित निगरानी प्रणाली के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिससे भारत की रणनीतिक तैयारियों को मजबूती मिलेगी।
रक्षा अनुसंधान और विकास (R&D) को बढ़ावा
भारत में रक्षा अनुसंधान और इनोवेशन को बढ़ाने के लिए, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के बजट में वृद्धि की गई है। इस बजट में मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों पर जोर दिया गया है:
- नई पीढ़ी के युद्धक वाहनों और हथियार प्रणालियों का विकास
- साइबर सुरक्षा और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली को मजबूत करना
- निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी को बढ़ावा देना, जिससे डिफेंस इनोवेशन में तेजी आए
सरकार का लक्ष्य है कि रक्षा R&D के लिए अधिक निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स को जोड़ा जाए, ताकि स्वदेशी सैन्य तकनीक विकसित हो और विदेशी हथियारों पर निर्भरता कम हो।
निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा
भारत सरकार ने रक्षा आयात पर निर्भरता कम करने और स्वदेशी रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:
- निजी रक्षा निर्माताओं के लिए कर प्रोत्साहन ताकि वे उत्पादन क्षमता का विस्तार कर सकें।
- रक्षा बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) को प्रोत्साहित करना।
- रक्षा स्टार्टअप्स के लिए वित्तीय सहायता, जिससे नए रक्षा नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।