📍नई दिल्ली | 2 months ago
MANPADS: एरो इंडिया 2025 में जहां दुनिया की कंपनियां अपने मिलिट्री प्रोडक्ट्स को पेश कर रही हैं, तो दूसरी तरफ वे नए साझेदार भी तलाश रही हैं। भारतीय सेना ने भी एक नया पार्टनर तलाशा है। ब्रिटेन ने भारतीय सेना को मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम्स (MANPADS) की सप्लाई के लिए एक बड़ी डिफेंस डील की है। इसके साथ ही, यूके ने भारत के साथ रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए डिफेंस पार्टनरशिप–इंडिया (DP-I) की भी औपचारिक शुरुआत की है।
इस साल के अंत तक मिलेगी MANPADS की पहली खेप
ब्रिटेन के रक्षा मंत्री लॉर्ड वर्नोन कोकर ने यूके-इंडिया डिफेंस पार्टनरशिप पवेलियन का उद्घाटन करते हुए इस साझेदारी का एलान किया। इस मौके पर उन्होंने बताया कि यूके के रक्षा मंत्रालय में एक विशेष प्रोग्राम ऑफिस स्थापित किया गया है, जो भारत के साथ रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के तौर पर काम करेगा।
ब्रिटेन और भारत के बीच हुए इस समझौते के तहत थेल्स यूके (Thales UK) और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (BDL) के बीच नेक्स्ट जनरेशन हथियारों पर सहयोग बढ़ाने का फैसला लिया गया है। इसके तहत लेजर बीम राइडिंग MANPADS (LBRMs) की सप्लाई के लिए एक समझौते हुआ है। इस सौदे के तहत हाई वेलोसिटी मिसाइल्स (StarStreak) और लॉन्चर्स की पहली खेप इस साल के अंत तक भारत को सौंप दी जाएगी।
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गौरतलब है कि BDL पहले ही भारतीय सेना से आपातकालीन खरीद (इमरजेंसी प्रोक्योरमेंट) के तहत ऐसे ही एक कॉन्ट्रैक्ट पर दस्तखत कर चुकी है। डिफेंस सोर्सेज का कहना कि इस सौदे का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना के मौजूदा पुराने रूसी Igla-S सिस्टम्स को बदलना है।
UK secures deal to supply MANPADS to the Indian Army and launches a new India-focused defence programme. Thales UK and Bharat Dynamics Limited sign a contract to deliver Laser Beam Riding MANPADS, with the first batch of High Velocity Missiles and launchers arriving this year.… pic.twitter.com/9K1ayn6sFO
— Raksha Samachar *रक्षा समाचार*🇮🇳 (@RakshaSamachar) February 10, 2025
इस प्रारंभिक LBRM कॉन्ट्रैक्ट पर दस्तखत के बाद, थेल्स यूके और BDL भविष्य में लाइटवेट मल्टीरोल मिसाइल्स (LMM) के प्रोडक्शन में भी सहयोग करेंगे।
हैदराबाद में ASRAAM असेंबली और टेस्ट फैसिलिटी
थेल्स यूके के साथ इस सौदे के अलावा, BDL ब्रिटेन की MBDA यूके के साथ भी काम कर रहा है। हैदराबाद में एडवांस्ड शॉर्ट-रेंज एयर टू एयर मिसाइल (ASRAAM) की असेंबली और टेस्ट फैसिलिटी बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
नई पीढ़ी के नेवी प्लेटफॉर्म्स के लिए सहयोग
ब्रिटेन और भारत ने भारत के अगली पीढ़ी के लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक (LPD) बेड़े के लिए इंटीग्रेटेड फुल इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन (IFEP) सिस्टम के डिजाइन और डेवलपमेंट के लिए एक स्टेटमेंट ऑफ इंटेंट पर भी दस्तखत किए हैं।
इसके अगले चरण के तहत, GE वर्नोवा और BHEL भारत की पहली मैरीटाइम लैंड बेस्ड टेस्टिंग फैसिलिटी का डेवलपमेंट करेंगे। यह कदम भारतीय नौसेना के भविष्य के प्लेटफॉर्म्स के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
क्या हैं STARStreak मिसाइल्स?
स्टारस्ट्रीक (STARStreak) हाई वेलोसिटी मिसाइल (HVM) एक लेटेस्ट एडवांस्ड एयर डिफेंस सिस्टम है, जिसे पारंपरिक हवाई खतरों जैसे फिक्स्ड-विंग फाइटर जेट्स और हेलिकॉप्टर के खिलाफ नजदीकी सुरक्षा यानी क्लोज एयर डिफेंस देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस मिसाइल को थेल्स कंपनी ने बनाया है।
STARStreak मिसाइल की खूबियां
- इस मिसाइल से पारंपरिक हवाई खतरों जैसे लड़ाकू विमानों और हेलिकॉप्टरों के खिलाफ नजदीकी सुरक्षा मिलती है।
- 7 किलोमीटर से अधिक की रेंज के साथ यह छोटे और तेजी से उड़ने वाले टारगेट्स के खिलाफ भी प्रभावी है।
- यह मिसाइल कम समय में तेजी से निशाना बनाने में सक्षम है, जिससे अचानक सामने आए हवाई खतरों से निपटना आसान होता है।
- इसका लेजर बीम राइडिंग गाइडेंस सिस्टम छोटे लक्ष्यों पर भी सटीकता से निशाना साधता है, जिन्हें पारंपरिक मिसाइलों से भेदना कठिन होता है।
- फ्लाइट के दौरान मिसाइल में ऑटोमैटिक कट-ऑफ की सुविधा है, जिससे फ्रैट्रिसाइड (गलती से अपने ही सैनिकों को नुकसान) से बचा जा सकता है।
- इस मिसाइल की कोई सर्विसिंग आवश्यकता नहीं होती, जिससे मेंटेनेंस लागत में कमी आती है।
- इसका वजन केवल 14 किलोग्राम, जिससे इसे आसानी से तैनात किया जा सकता है।
- मैक 3+ की हाई स्पीड, जिससे यह तेज़ी से लक्ष्य तक पहुंचती है।
- इसकी रेंज 7000 मीटर से ज्यादा है।
कैसे काम करती है स्टारस्ट्रीक मिसाइल?
स्टारस्ट्रीक मिसाइल के अंदर तीन डार्ट्स (तीरनुमा हिटाइल्स) होते हैं जो टारगेट को तुरंत निशाना बना सकते हैं। जैसे ही कोई एरियल टारगेट रडार पर दिखाई देता है, ऑपरेटर तुरंत ट्रिगर दबाता है और मिसाइल लॉन्च हो जाती है। इसका रॉकेट मोटर मिसाइल को मैक 3 की से भी ज्यादा रफ्तार देता है।
जब मिसाइल लक्ष्य के पास पहुंचती है, तो यह तीन डार्ट्स छोड़ती है जो तेजी से टारगेट में घुसते हैं और विस्फोट करते हैं। ये डार्ट्स काइनेटिक एनर्जी और एक्सप्लोसिव एनर्जी के जरिए जबरदस्त नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे भारी ऑर्मर्ड और लाइट एरियल टार्गेट्स भी इसके सामने ठहर नहीं पाते।