📍नई दिल्ली | 2 months ago
Aero India 2025: डीआरडीओ यानी Defence Research and Development Organisation (DRDO) ने एलान किया है कि Light Combat Aircraft (LCA) Mk2 का प्रोटोटाइप 2025 के अंत तक पेश किया जाएगा। इसके बाद, 2026 की पहली तिमाही में इस लड़ाकू विमान की पहली उड़ान होगी। यह जानकारी Aeronautical Development Agency (ADA) के महानिदेशक जितेंद्र जे. जाधव ने दी।
Aero India 2025: भारतीय वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा LCA Mk2
जाधव ने बातचीत में बताया, “हम इस साल के अंत तक LCA Mk2 का पहला प्रोटोटाइप पेश करेंगे और 2026 की पहली तिमाही में इसकी पहली उड़ान होगी।” उन्होंने आगे कहा, “LCA Mk2 का प्रदर्शन बेहद अच्छा है और हमें पूरा भरोसा है कि इसका ऑपरेशन 2028-29 से शुरू हो जाएगा।” यानि कि वायुसेना में इसका इंडक्शन 2028-29 तक शुरू हो जाएगा।
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जाधव ने यह भी स्पष्ट किया कि LCA Mk2 में सभी सिस्टम स्वदेशी होंगे, जो इसे भारतीय वायुसेना के लिए एक ताकतवर और घातक प्लेटफॉर्म बनाएंगी। यह विमान न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन को भी मजबूत करेगा।
Aero India 2025: AMCA और LCA Mk2
जाधव ने आगे बताया कि Advanced Medium Combat Aircraft (AMCA) और LCA Mk2 के बीच काफी समानताएं हैं। इनमें सबसे खास एवियोनिक्स और सेंसर सिस्टम हैं। बता दें कि AMCA की पहली प्रोटोटाइप उड़ान 2026-27 तक पेश होने की उम्मीद है, और इसी प्रक्रिया में LCA Mk2 के कई सिस्टम अपग्रेड किए जा रहे हैं।
LCA Mk2 न केवल वायुसेना के बेड़े में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, बल्कि वायुसेना के मॉडर्नाइजेशन प्लान्स का भी अहम हिस्सा है। वर्तमान में वायुसेना के कई फाइटर स्क्वाड्रन रिटायर होने के कगार पर हैं, और LCA Mk2 इनकी जगह लेगा।
Aero India 2025: पुराने विमानों की जगह लेगा LCA Mk2
वायुसेना की मौजूदा योजना के अनुसार, LCA Mk2 पुराने रूसी मूल के MiG-21 (Bison), MiG-26 और Jaguar फाइटर जेट्स को रिप्लेस करेगा। योजना के मुताबिक अनुसार, 2025 से शुरू होकर 2032 तक Jaguar फाइटर जेट्स के छह स्क्वाड्रन कई चरणों में सेवा से बाहर किए जाएंगे। इसके बाद अगले दशक के अंत तक Mirage 2000 और MiG-29 के तीन-तीन स्क्वाड्रन को भी रिटायर किया जाएगा।
यह अनुमान लगाया गया है कि 2035 तक लगभग 15 फाइटर स्क्वाड्रन सेवा से बाहर हो जाएंगे। ऐसे में LCA Mk2 भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन गैप को भरने में मदद करेगा और देश की हवाई रक्षा क्षमताओं को मजबूत बनाएगा।
LCA Mk2 के एडवांस फीचर्स
जहां पुरानी पीढ़ी के LCA Mk1 में सात हार्ड पॉइंट्स थे, वहीं Mk2 में 11 हार्ड पॉइंट्स होंगे, जिसके बाद यह 6.5 टन तक हथियार भी ले जा सकेगा। वहीं, इसके मुकाबले Mk1 केवल 3.5 टन हथियार ले सकता था। इसके अलावा, Mk2 में फ्यूल कैपेसिटी भी बढ़ाई गई है।
जाधव ने बताया, “Mk1 में 2,450 किलोग्राम (लीटर) इंटरनल फ्यूल ले जाने की क्षमता थी, जबकि Mk2 में 3,320 किलोग्राम ईंधन स्टोरेज होगा। साथ ही, यह बाहरी टैंक में 4,700 किलोग्राम ईंधन भी ले सकता है।” इस अतिरिक्त ईंधन क्षमता के चलते इसकी रेंज 3,000 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकेगी, जिससे यह लंबे समय तक किसी भी मिशन को अंजाम दे सकेगा।
LCA Mk2 का पहला प्रोटोटाइप 2023 में पेश किया जाना था, लेकिन कुछ वजहों से इसकी डेडलाइन बढ़ा दी गई। अब यह विमान 2025 के अंत तक पेश किया जाएगा और 2026 की शुरुआत में इसकी पहली उड़ान भरेगा।
हालांकि इस देरी का असर वायुसेना के मॉर्डनाइजेशन प्लान पर भी पड़ा है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह फाइटर जेट भारतीय वायुसेना के लिए गेम-चेंजर साबित होगा। LCA Mk2 न केवल टेक्नीकली एडवांस है, बल्कि यह वायुसेना की बदलती जरूरतों के अनुरूप भी होगा। क्योंकि भारतीय वायुसेना लंबे समय से अपने पुराने फाइटर जेट्स को बदलने की योजना पर काम कर रही है। MiG-21 और Jaguar जैसे विमान पुराने हो चुके हैं। ऐसे में LCA Mk2 वायुसेना के बेड़े में एक नई जान फूंकेगा।