📍नई दिल्ली | 2 months ago
LCA Tejas Engine: भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (Tejas) के लिए अच्छी खबर है। लगभग दो साल से जीई की तरफ से इंजन सप्लाई में हो रही देरी के चलते भारतीय सेनाओं को तेजस की डिलीवरी नहीं हो रही थी। लेकिन अब अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) ने तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) के लिए F-404 इंजन की सप्लाई फिर से शुरू करने का वादा किया है।
LCA Tejas Engine: वायुसेना में स्क्वाड्रन की कमी
भारतीय वायुसेना इन दिनों स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही है। वायुसेना के पास फिलहाल 31 एक्टिव स्क्वाड्रन हैं, जबकि 42 स्क्वाड्रन की जरूरत है। जिसके चलते वायुसेना पर नए लड़ाकू विमानों की कमी को पूरा करने का जबरदस्त दबाव है। तेजस की प्रोडक्शन में तेजी आने से भारतीय सेना को थोड़ी राहत मिल सकती है।
जीई का वादा- इस साल मार्च से पहला इंजन
जनरल इलेक्ट्रिक ने एकबार फिर से तेजस Mk-1 के लिए F-404 इंजन की सप्लाई जल्द शुरू करने का वादा किया है। अब कंपनी ने कहा है कि वह इस साल मार्च से इंजन डिलीवरी करना शुरू कर देगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, GE 26 इंजनों की आपूर्ति में पीछे है, लेकिन उन्होंने पहला इंजन समय पर भेजने का वादा किया है और इसके बाद उत्पादन में तेजी लाई जाएगी। जीई को तेजस के लिए एक साल में 26 इंजन सप्लाई करने हैं और पहला इंजन वह मार्च तक भेज देगी। हालांकि कंपनी की तरफ से कोई तारीख तय नहीं हुई है।
Aero India 2025: आर्मी चीफ से किया वादा पूरा करेंगे वायुसेना प्रमुख, दोनों कोर्समेट पहली बार LCA तेजस में एक साथ भरेंगे उड़ान
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के लिए दो साल चुनौती भरे रहे हैं। लेकिन अब नए डिलीवरी शेड्यूल के साथ, HAL को उम्मीद है कि इंजन के आते ही तेजस के उत्पादन में तेजी लाई जा सकेगी। एचएएल सूत्रों का कहना है कि पहले की तरह ही वे सिर्फ इंतजार कर सकते हैं। अब देखते हैं कि जीई इस बार भी अपना वादा पूरा करती है या फिर से कोई नई डेडलाइन जारी करती है।
LCA Tejas Engine: नासिक में नई असेंबली लाइन लगाने की तैयारी
HAL के पास बेंगलुरु में दो और नासिक में एक प्रोडक्शन लाइन है। नासिक फैसिलिटी से मार्च तक पहला तेजस विमान डिलीवर किया जाएगा और GE के इंजनों के आने के बाद प्रोडक्शन में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। नए डिलीवरी शिड्यूल के मुताबिक HAL की मार्च या अप्रैल तक पांच तेजस Mk-1A फाइटर जेट और चार ट्रेनर एयरक्राफ्ट तैयार करने की योजना है। अगर इंजन समय पर आते हैं, तो असेंबली कुछ ही दिनों में पूरी हो सकती है।
वहीं, एचएएल कंपनी नासिक में चौथी असेंबली लाइन स्थापित करने की तैयारी कर रही है। HAL की बेंगलुरु में दो असेंबली लाइन्स की सालाना उत्पादन क्षमता आठ लड़ाकू विमानों की है। इसके अलावा नासिक में भी एक असेंबली लाइन है, जो सालाना आठ तेजस विमान बना सकती है। हालांकि, नासिक में नई असेंबली लाइन बनाने की योजना तभी पूरी हो सकेगी जब GE इंजन की नियमित आपूर्ति शुरू करेगा। नई असेंबली लाइन को तैयार करने में लगभग 1.5 साल का समय लगने की संभावना है।
वायुसेना को 180 तेजस Mk-1A और 108 तेजस Mk-2 विमानों की जरूरत
रक्षा मंत्रालय ने 2021 में HAL के साथ 83 तेजस Mk-1A विमानों की सप्लाई के लिए 45,696 करोड़ रुपये का बड़ा सौदा किया था। इसमें 73 फाइटर जेट और 10 ट्रेनर विमान शामिल हैं। इन विमानों के लिए GE को 99 F-404 इंजन की सप्लाई करनी थी। अब तक HAL ने 40 तेजस LCA विमानों में से 38 की डिलीवरी भारतीय वायुसेना को कर दी है। वहीं, भारतीय वायुसेना को कम से कम 180 तेजस Mk-1A और 108 तेजस Mk-2 विमानों की जरूरत है।
LCA Tejas Engine: तेजस Mk-1A में एडवांस AESA रडार
तेजस Mk-1A में एडवांस AESA रडार लगाया गया है, जो दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को दूर से ट्रेक कर सकता है। इस रडार के जरिए विमान कई टारगेट्स पर एक साथ हमला कर सकता है और दुश्मन की जामिंग टेक्नोलॉजी से भी बच सकता है। इसके अलावा, तेजस Mk-1A में एडवांस कंप्यूटर सिस्टम, बेहतर कॉकपिट डिस्प्ले और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम लगाए गए हैं। तेजस में अस्त्रा और डर्बी जैसी एयर-टू-एयर मिसाइलें भी लगाई जा सकती हैं।
वहीं, तेजस का सबसे एडवांस वर्जन तेजस Mk-2 है, जो अभी डेवलपमेंट फेज में है। Mk-2 का साइज बड़ा होगा और यह ज्यादा ताकतवर इंजन के साथ आएगा, जिससे यह ज्यादा ईंधन और हथियार ले जा सकेगा। इसमें और भी एडवांस रडार और वेपन सिस्टम्स लगे होंगे। जिससे भारत की मल्टी-रोल फाइटर (बहु-भूमिका वाले लड़ाकू विमान) की जरूरतें पूरी होंगी।