📍नई दिल्ली | 3 months ago
Pakistan-Bangladesh Nexus: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) बांग्लादेश के जरिए भारत के लिए एक नई चुनौती खड़ी करने की योजना बना रही है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक ISI बांग्लादेश में अपनी पुरानी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है। बांग्लादेश के कुछ रणनीतिक इलाकों में ISI अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की योजना बना रही है। हाल ही में ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक ने ढाका का दौरा किया था, जहां उन्होंने बांग्लादेशी सेना के कट्टरपंथी धड़े के साथ गुप्त बैठकें कीं।
सूत्रों के अनुसार, ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक की ढाका यात्रा के दौरान पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच खुफिया सहयोग बढ़ाने और भारत विरोधी रणनीतियों पर चर्चा की। इस दौरान बांग्लादेश के कॉक्स बाजार, उखिया, टेकनाफ, मौलवीबाजार, हबीगंज और शेरपुर जैसे इलाकों में ISI की मौजूदगी को लेकर बातचीत हुई।
Pakistan-Bangladesh Nexus: बांग्लादेश में 1971 से पहले की जड़ें तलाश रही ISI
ISI ने रंगपुर, उखिया, टेकनाफ, मौलवीबाजार और हबीगंज जैसे इलाकों में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं, जहां पहले 1971 से पहले पाकिस्तानी सेना की मौजूदगी थी। अब, पाकिस्तान की कोशिश है कि इन इलाकों में अपने खुफिया नेटवर्क को फिर से खड़ा किया जाए। 1971 में बांग्लादेश के गठन से पहले, ये इलाके पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा थे और यहां पाकिस्तानी सेना की गहरी पकड़ थी। उस समय पाकिस्तानी सेना ने नागालैंड और मिजोरम जैसे भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में उग्रवादी गुटों को समर्थन दिया था। अब, ISI फिर से इन इलाकों में अपनी पकड़ बनाकर भारत के खिलाफ साजिशें रच रही है।
सूत्रों का कहना है कि ISI की इस चाल के पीछे बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों और सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का समर्थन भी प्राप्त है।बांग्लादेश सेना के क्वार्टर मास्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद फैज-उर-रहमान, जो कि कट्टरपंथी विचारधारा के समर्थक माने जाते हैं, ISI के संपर्क में हैं। इसके अलावा, बांग्लादेश सेना की 24 डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल मीर मुश्फिक रहमान भी इस गुप्त योजना में शामिल बताए जा रहे हैं।
Pakistan-Bangladesh Nexus: सिलिगुड़ी कॉरिडोर या “चिकन नेक” पर ISI की नजर
ISI प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक अरब अमीरात उड़ान (EK-586) से 21 जनवरी 2025 को ढाका पहुंचे थे। वे रैडिसन ब्लू होटल के तीसरी मंजिल पर ठहरे थे। उनके साथ पाकिस्तान के दो वरिष्ठ सैन्य अफसर मेजर जनरल शाहिद अमीर अफसर (डीजी ए) और मेजर जनरल आलम अमीर अवान (डीजी एसएंडए) भी मौजूद थे। इस दौरान लेफ्टिनेंट जनरल फैज-उर-रहमान ने ISI अधिकारियों की मुलाकात बांग्लादेश की खुफिया एजेंसी DGFI के प्रमुख मेजर जनरल जाहांगीर आलम से कराई थी। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान भारत के सिलिगुड़ी कॉरिडोर या “चिकन नेक” इलाके में अपनी पकड़ बनाना चाहता है, ताकि वहां अस्थिरता फैलाई जा सके।
ISI अधिकारियों ने बांग्लादेश के रंगपुर जिले का दौरा किया था, जो चिकन नेक से महज 130 किलोमीटर दूर स्थित है। इसके अलावा, पाकिस्तानी अधिकारी चटगांव हिल ट्रैक्ट्स जैसे संवेदनशील इलाकों में भी गए थे।
Pakistan-Bangladesh Nexus: ULFA को फिर से सक्रिय करने की साजिश
ISI ने असम के उग्रवादी संगठन ULFA (United Liberation Front of Assam) के साथ भी संपर्क साधा है। ULFA के नेता परेश बरुआ पहले भी पाकिस्तान और चीन से समर्थन लेते रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, ISI ने बांग्लादेश के जरिए ULFA को दोबारा सक्रिय करने का प्लान बनाया है ताकि भारत के पूर्वोत्तर में अस्थिरता पैदा की जा सके। बता दें कि 2009 से 2015 के बीच बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने ULFA के कई शीर्ष नेताओं को भारत को सौंपा था।
बांग्लादेशी सेना प्रमुख को हटाने की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल फैज-उर-रहमान को पाकिस्तान का समर्थन हासिल है और उसी के सहयोग से वह बांग्लादेश के वर्तमान सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमां को हटाने की साजिश रच रहे हैं। जनरल जमां को भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों का समर्थक माना जाता है। बताते हैं कि बांग्लादेश सेना के 24 डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल मीर मुशफिक रहमान भी लेफ्टिनेंट जनरल फैज के साथ शामिल हैं औऱ दोनों ने ISI और बांग्लादेश की कट्टरपंथी लॉबी के साथ मिल कर सेना के भीतर एक धड़ा खड़ा कर लिया है, जो जनरल जमां को हटाने के लिए तैयार है। अगर यह योजना सफल होती है, तो बांग्लादेश की सेना में भारत विरोधी ताकतों का प्रभाव और बढ़ सकता है।