Jashimuddin Rahmani: दिसंबर में गुपचुप भारत आया था बांग्लादेश का यह खुंखार आतंकवादी, बड़ी साजिश का हुआ पर्दाफाश

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📍नई दिल्ली | 4 months ago

Jashimuddin Rahmani: बांग्लादेश का कुख्यात आतंकी जशीमुद्दीन रहमानी को लेकर बड़ खुलाासा हुआ है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक रहमानी ने पिछले दिनों भारत का गुपचुप दौरा किया था। अल-कायदा से जुड़े आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) का प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी ने पश्चिम बंगाल का दौरा किया था।

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Jashimuddin Rahmani
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इस दौरान उसने भारत में मौजूद अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) से जुड़े स्लीपर सेल के सदस्यों से मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि रहमानी भारत में किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद, अंतरिम सरकार ने रहमानी को जेल से रिहा कर दिया था। रहमानी को 2013 में एक ब्लॉगर की हत्या के लिए गिरफ्तार किया गया था।

Jashimuddin Rahmani: कैसे की भारत में एंट्री?

खुफिया सूत्रों ने बताया कि आतंकी जशीमुद्दीन रहमानी के अल-कायदा से गहरे संबंध हैं। उसका संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) अलकायदा के ईशारों पर काम करता है। बांग्लादेशी इस्लामी कट्टरपंथी जशीमुद्दीन रहमानी साल 2024 में दिसंबर के आखिरी सप्ताह में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद आया था। वह मुर्शिदाबाद में लगभग साढ़े पांच घंटे भारत में रहा। इस दौरान उसने एबीटी स्लीपर सेल के सदस्यों के साथ मुलाकात की और एक गुप्त जगह पर दो घंटे की बैठक के बाद वह वापस लौट गया। सूत्रों ने बताया कि रहमानी ने भारत में प्रवेश कास्बा बॉर्डर के जरिए किया। उसे एबीटी के जिहादियों ने रिसीव किया और एक अज्ञात स्थान पर ले गए, जहां बैठक आयोजित की गई।

एबीटी और अल-कायदा: भारत के लिए बढ़ता खतरा

अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) भारत में सुरक्षा के लिए लगातार खतरा बनता जा रहा है। अल-कायदा के भारतीय उपमहाद्वीप शाखा (AQIS) से जुड़े इस प्रतिबंधित संगठन ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी गतिविधियों से भारत और बांग्लादेश के खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। मई 2024 की एक सुबह, असम में सुरक्षा बलों ने एक बड़े आतंकी साजिश को विफल कर दिया। जांच से पता चला कि इस साजिश के पीछे एबीटी का हाथ था। एबीटी ने असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में स्लीपर सेल का नेटवर्क तैयार कर रखा है। इस नेटवर्क का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाना और आतंकी गतिविधियों के लिए उन्हें तैयार करना है।

खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एबीटी ने पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के साथ हाथ मिलाया है। दोनों भारत में बड़े पैमाने पर हमले की योजना बना रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, दोनों संगठनों ने ट्रेनिंग और हथियार भी जुटा लिए हैं। बांग्लादेश में, एबीटी लंबे समय से सक्रिय है। इसे 2016 में शेख हसीना सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन हसीना सरकार गिरने के बाद से ही इस संगठन ने फिर से अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। बांग्लादेश से सटे भारतीय क्षेत्रों में इसका प्रभाव बढ़ता जा रहा है।

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Jashimuddin Rahmani: बांग्लादेश का करना चाहते हैं तालिबानीकरण

सुरक्षा विशेषज्ञ शफी मोहम्मद मोस्तोफा और नताली जे. डॉयल की रिसर्च के मुताबिक, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) की उत्पत्ति अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) के सहयोगी संगठन के रूप में हुई थी। इसके 3,000 बांग्लादेशी लड़ाकों ने अफगानिस्तान में अमेरिका और नाटो बलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। ये लोग कट्टरपंथी विचारधारा के साथ बांग्लादेश लौटे। उनका उद्देश्य था बांग्लादेश को तालिबानीकृत अफगानिस्तान में बदलना। इसी उद्देश्य के तहत, 1992 में हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी बांग्लादेश (HuJIB) और 1998 में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) और जाग्रत मुस्लिम जनता बांग्लादेश (JMJB) का गठन किया गया।

2005 में, जेएमबी ने एक साथ बांग्लादेश के 64 में से 63 जिलों में 459 बम विस्फोट किए। इन हमलों ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इसके बाद तत्कालीन सरकार ने जेएमबी और इसके वरिष्ठ नेताओं पर प्रतिबंध लगा दिया सरकार की सख्ती और हुजीब व जेएमबी के कमजोर होने के चलते अल-कायदा ने अपने आंदोलन को नया मोर्चा दिया। उसने बांग्लादेश में अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) और अंसार अल-इस्लाम (AAI) जैसे संगठनों के जरिए अपनी गतिविधियां जारी रखीं।

ABT के शुरुआती सदस्य अल-कायदा के कट्टरपंथी प्रीचर अनवर अल-अवलाकी से प्रेरित थे। अवलाकी, जिसे 2011 में यमन में मार गिराया गया था, इस्लामिक आतंकवाद के प्रचार-प्रसार में अहम भूमिका निभा रहा था।

बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने इस्लामी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को इसी साल अगस्त में रिहा किया था। रहमानी को एक ब्लॉगर राजीब हैदर की हत्या में मदद करने और आतंकी संगठन अल-कायदा व उसके सहयोगी अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) का सक्रिय समर्थक होने का दोषी ठहराया गया था। रहमानी अगस्त 2013 से गाजीपुर स्थित काशिमपुर हाई-सिक्योरिटी सेंट्रल जेल में बंद था। रहमानी को 2013 से 2016 के बीच सेक्युलर ब्लॉगरों और पत्रकारों की टारगेट किलिंग में शामिल पाया गया था। इन हत्याओं की जिम्मेदारी उनके संगठन एबीटी ने ली थी।

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एबीटी के आठ आतंकी तीन राज्यों से हुए थे गिरफ्तार

हाल ही में असम पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने 17 और 18 दिसंबर को एक ऑपरेशन के दौरान तीन राज्यों से अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक बांग्लादेशी आतंकी मोहम्मद शाद रादी उर्फ मोहम्मद शाब शेख को केरल से गिरफ्तार किया गया था। वह देशभर में स्लीपर सेल बनाने के लिए नवंबर में भारत आया था। इस ऑपरेशन के तहत दो आतंकियों, मिनारूल शेख और मोहम्मद अब्बास अली, को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया गया। वहीं, पांच अन्य नूर इस्लाम मंडल, अब्दुल करीम मंडल, मोजीबर रहमान, हमीदुल इस्लाम और एनामुल हक को असम से पकड़ा गया। सूत्रों ने यब भी बताया कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में जसीमुद्दीन शाद रदी के भाई सजीबुल के घर में ठहरा था। वहीं सजीबुल, मुस्तकीम से पूछताछ में सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। जसीमुद्दीन ने नउदा क्षेत्र में अपना ठिकाना बनाया था।

कर चुका है पश्चिम बंगाल को आजाद करने की मांग

हाल ही में जशीमुद्दीन रहमानी का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें उसने भारत की अखंडता को चुनौती दी। इस वीडियो में रहमानी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मोदी सरकार से बंगाल को आज़ाद कर, इसे स्वतंत्र घोषित करने की मांग की थी। रहमानी ने अपने विवादित बयान में भारत को “खंडित” करने और दिल्ली में “इस्लामी झंडा फहराने” की धमकी दी थी। यह वीडियो पिछले साल सितंबर के पहले सप्ताह में एक अस्पताल के वार्ड में शूट किया गया था, जिसमें रहमानी ने शेख हसीना के गिरने के एक महीने का जिक्र करते हुए “क्रांति” का संदर्भ अगस्त 5 को समाप्त हुए उन विरोध प्रदर्शनों से किया था, जिसके बाद शेख हसीना देश छोड़कर भाग गई थीं।

चीन के साथ “चिकन नेक” काटने की धमकी

रहमानी ने पश्चिम बंगाल को भारत से अलग करने और भारत के खिलाफ विभिन्न अलगाववादी आंदोलनों को समर्थन देने की बात कही थी। उसने कहा, “हम ममता बनर्जी से कहेंगे कि बंगाल को मोदी के शासन से आज़ाद करें और इसे स्वतंत्र घोषित करें।” चेतावनी देते हुए उसने कहा कि अगर भारत ने बांग्लादेश के प्रति आक्रामक रुख अपनाया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। “बांग्लादेश, सिक्किम या भूटान की तरह नहीं है। यह 18 करोड़ मुसलमानों का देश है।

उसने आगे धमकी दी कि अगर भारत ने कोई कदम उठाया, तो वह चीन की मदद से सिलिगुड़ी कॉरिडोर, जिसे “चिकन नेक” कहा जाता है, को काट देंगे। उन्होंने पूर्वोत्तर के राज्यों को भारत से अलग होने और “स्वतंत्रता आंदोलन” में शामिल होने के लिए कहा। रहमानी ने कश्मीर को स्वतंत्रता के लिए तैयार होने का संदेश दिया था और पाकिस्तान व अफगानिस्तान से मदद से कश्मीर को आज़ाद करने की बात कही। उसने खालिस्तान आंदोलन का भी समर्थन करते हुए पंजाब में अलगाववाद को प्रोत्साहित करने की बात कही थी।

इससे पहले रक्षा समाचार ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान ने एक मालवाहक जहाज से 70 से ज्यादा प्रशिक्षित आतंकियों को बांग्लादेश भेजा था और ये सभी आतंकी कुछ देर बाद ही रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। खुफिया सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान, रोहिंग्या शरणार्थियों का इस्तेमाल कर बांग्लादेश में जमात-उल-मुजाहिदीन (JMB) को सक्रिय करने की कोशिशों में भी जुटा है। खुफिया सूत्रों ने बताया कि 13 नवंबर को कराची से आए एक कार्गो जहाज से 70 “अज्ञात पाकिस्तानी नागरिक” चटगांव बंदरगाह उतारे गए। ये सभी व्यक्ति कुछ ही घंटों में बिना किसी दस्तावेज़ और ट्रेस के गायब हो गए। सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान अब रोहिंग्या मुसलमानों का इस्तेमाल करके जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) को सक्रिय करने की योजना बना रहा है। खासकर उत्तर बांग्लादेश में बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी (BJI) के माध्यम से इस साजिश को अंजाम देने की तैयारी है।

बांग्लादेश से 70 पाकिस्तानी आतंकवादी हुए लापता!

इससे पहले रक्षा समाचार ने खुलासा किया था कि पाकिस्तान ने एक कार्गो जहाज के जरिए 70 से अधिक प्रशिक्षित आतंकवादियों को बांग्लादेश भेजा, जो कुछ ही समय बाद रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। खुफिया सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान अब रोहिंग्या शरणार्थियों का उपयोग कर बांग्लादेश में जमात-उल-मुजाहिदीन (JMB) को सक्रिय करने की कोशिश कर रहा है।

खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 13 नवंबर को कराची से आए एक मालवाहक जहाज से चटगांव बंदरगाह पर 70 “अज्ञात पाकिस्तानी नागरिक” उतारे गए। लेकिन कुछ ही घंटों के भीतर, ये सभी लोग बिना किसी आधिकारिक दस्तावेज या ट्रेस के गायब हो गए। सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान अब रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय का इस्तेमाल करते हुए जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) को पुनः सक्रिय करने की योजना बना रहा है। यह साजिश खासकर उत्तर बांग्लादेश में, बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी (BJI) के माध्यम से अंजाम देने की तैयारी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान की इस रणनीति का उद्देश्य बांग्लादेश में अस्थिरता फैलाना और भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में असुरक्षा की स्थिति पैदा करना है। बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियां और अंतरराष्ट्रीय खुफिया नेटवर्क इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं।

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