📍नई दिल्ली | 4 months ago
Ganga Task Force: भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army) ने गोमती नदी के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। भारत की पवित्र नदियों की स्वच्छता और संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, दुनिया की पहली कंपोजिट इकोलॉजिकल टास्क फोर्स (CETF), जिसे गंगा टास्क फोर्स (GTF) के नाम से जाना जाता है, उसने एक बड़ी पहल की है। इस मिशन के तहत गंगा टास्क फोर्स (Ganga Task Force) की एक नई कंपनी को लखनऊ में तैनात किया गया है। गंगा टास्क फोर्स (GTF) अभी तक गंगा नदी की स्वच्छता और संरक्षण में जुटती थी, लेकिन अब गोमती नदी के पुनर्जीवन के लिए भी काम करेगी। इस पहल का औपचारिक शुभारंभ 1 जनवरी 2025 को लखनऊ छावनी में हुआ।
गंगा नदी की स्वच्छता और संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान देने वाली गंगा टास्क फोर्स (GTF) अब गोमती नदी के लिए भी काम करेगी। इस टास्क फोर्स में अधिकांश सदस्य पूर्व सैनिक हैं, जिनका एकमात्र उद्देश्य गंगा की पवित्रता को बनाए रखना है।
उद्घाटन समारोह के दौरान टेरिटोरियल आर्मी के ग्रुप हेडक्वार्टर के कमांडर ब्रिगेडियर चिन्मय मधवाल ने गंगा टास्क फोर्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अरविंद प्रसाद एस को प्रतीकात्मक ध्वज सौंपा। इस कार्यक्रम में सैन्य और नागरिक क्षेत्रों के कई गणमान्य लोग मौजूद थे, जिनमें बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. वेंकटेश दत्ता भी शामिल थे।
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डॉ. दत्ता ने गोमती नदी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इसके सामने मौजूद समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए इसे नदी के पुनर्जीवन के लिए एक सकारात्मक पहल बताया।
क्या करेगी Ganga Task Force?
भारतीय सेना की गंगा टास्क फोर्स बटालियन ने इस अभियान के तहत प्रदूषण की निगरानी को प्राथमिकता दी है। गंगा टास्क फोर्स की टीमें नदी के घाटों और किनारों पर नियमित गश्त करेंगी। यह गश्त न केवल प्रदूषण के कारणों की पहचान करेगी, बल्कि उन्हें रोकने के लिए ठोस कदम भी उठाएगी।
इसके साथ ही, यह टीम सार्वजनिक जागरूकता अभियान भी शुरू करेगीी। इन अभियानों का उद्देश्य स्थानीय लोगों को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक करना है। स्वच्छता बनाए रखने, कचरा प्रबंधन और नदी के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने पर जोर दिया जाएगा।
गोमती नदी के किनारों को मजबूत करने के लिए किनारों का स्थिरीकरण एक अहम हिस्सा होगा। इस प्रयास का लक्ष्य कटाव रोकना और नदी के किनारों को संरक्षित करना है, जिससे यह लंबे समय तक सुरक्षित और स्थिर बने रहें।
इसके अलावा, प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र का पुनर्निर्माण भी इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। नदी के आसपास पौधारोपण और पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के जरिए जैव विविधता को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के कई जिलों से होकर बहती है गोमती नदी
गोमती नदी गंगा की एक सहायक नदी है, और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से होकर बहती है। गोमती को लखनऊ शहर की जीवनरेखा माना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में बढ़ते प्रदूषण और अतिक्रमण ने इसे संकट में डाल दिया है। नदी का जल स्तर कम होता जा रहा है, और इसका पारिस्थितिकीय संतुलन बिगड़ चुका है।
राजीव गांधी ने शुरू किया था गंगा एक्शन प्लान
गंगा सफाई का प्रयास पिछले कई दशकों से चलता आ रहा है। 1986 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए गंगा एक्शन प्लान शुरू किया था। गंगा नदी को स्वच्छ और संरक्षित करने के लिए नमामि गंगे मिशन की शुरुआत 2014 में की गई थी। इस मिशन के तहत कई नालों को गंगा में गिरने से रोका गया, घाटों को साफ किया गया, और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए।
वहीं, गंगा टास्क फोर्स के माध्यम से प्रदूषण की निगरानी, प्लास्टिक कचरे को हटाने और स्वच्छता अभियानों को लागू किया गया। इसके साथ ही, स्थानीय समुदायों को जागरूक करने और उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए।
नई कंपनी को जल शक्ति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG) के तहत स्थापित किया गया है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा सितंबर 2024 में आदेश जारी किए गए थे।
गंगा टास्क फोर्स का यह प्रयास सेना और आम नागरिकों के बीच एक मजबूत सहयोग का प्रतीक है। यह पहल न केवल गोमती नदी के लिए, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक राष्ट्रीय जागरूकता अभियान का हिस्सा है। भारतीय सेना ने इस पहल के माध्यम से यह संदेश दिया है कि हर व्यक्ति का योगदान महत्वपूर्ण है।
The Ganga Task Force is a specialized team responsible for the preservation and restoration of the Ganga River. Committed to maintaining the ecological balance and promoting sustainable practices, the Ganga Task Force plays a crucial role in ensuring the long-term health and vitality of this iconic waterway. Through their diligent efforts, the Ganga Task Force strives to protect the river’s sacred and environmental significance for future generations.