📍नई दिल्ली | 4 months ago
Abdul Rehman Makki: मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (JuD) का डिप्टी चीफ हाफिज अब्दुल रहमान मक्की की शुक्रवार को लाहौर में दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मक्की लश्कर-ए-तैयबा का शीर्ष नेता और कमांडर था और भारत में हुईं आतंकवादी गतिविधियों में उसकी सक्रिय भूमिका थी।

Abdul Rehman Makki: मुंबई हमलों का षड्यंत्रकारी
मक्की आतंकी हाफिज सईद का करीबी था और 2008 में मुंबई हमलों की योजना बनाने में शामिल रहा था। इन हमलों में 166 लोगों की मौत हुई थी। मक्की का नाम कई बड़े आतंकी हमलों की साजिशों में भी सामने आया था।
मक्की, जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद का बहनोई था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मक्की को आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित किया गया था। जमात-उद-दावा के एक अधिकारी ने बताया कि मक्की पिछले कुछ दिनों से बीमार था और उसे लाहौर के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। उसका डायबिटीज का इलाज चल रहा था और आज सुबह उन्हें दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई।
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2020 में, एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने मक्की को आतंकवाद के फंडिंग के आरोप में छह महीने की सजा सुनाई थी। इसके बाद से वह लो प्रोफाइल हो गया था और सार्वजनिक तौर पर ज्यादा सक्रिय नहीं था।
हालांकि, मक्की की आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक भूमिका बनी रही। उसकी गतिविधियों के चलते पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच दबाव का माहौल बना रहा।
2023 में, संयुक्त राष्ट्र ने मक्की को एक वैश्विक आतंकवादी घोषित किया, जिसके तहत उसकी संपत्तियां फ्रीज कर दी गईं थी, और यात्रा पर प्रतिबंध लगाया गया था। और हथियारों पर प्रतिबंध लागू किया गया। यह कार्रवाई उनके आतंकवादी नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना गया।
पाकिस्तान मुताहिदा मुस्लिम लीग (PMML) ने मक्की को “पाकिस्तान की विचारधारा का समर्थक” बताया।
Abdul Rehman Makki: भारत में कई आतंकी हमलों में हाथ
अब्दुल रहमान मक्की का नाम भारत में कई बड़े आतंकी हमलों से जुड़ा हुआ है। 2000 में लाल किले पर हुए हमले की साजिश में भी मक्की का हाथ माना जाता है। इसके अलावा, रामपुर आतंकी हमला, 2018 में श्रीनगर में हुए अटैक और बारामूला के हमलों में भी मक्की की भूमिका थी।
30 मई 2018 को बारामूला में हुए आतंकी हमले में तीन निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। वहीं, श्रीनगर में एक अन्य हमले के दौरान वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी और उनके दो सहयोगियों की हत्या कर दी गई थी। ये सभी हमले लश्कर-ए-तैयबा द्वारा अंजाम दिए गए थे, जिसमें मक्की की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
गौरतलब है कि लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक और मक्की का साला हाफिज सईद है, जिसने इन आतंकी गतिविधियों को संचालित करने में अहम भूमिका निभाई। मक्की लंबे समय तक लश्कर-ए-तैयबा का हिस्सा था और भारत में आतंक फैलाने के लिए सक्रिय रहा। ये घटनाएं उसकी आतंकी गतिविधियों और योजनाओं की स्पष्ट तस्वीर पेश करती हैं।
पाकिस्तान की आतंकवाद नीति पर सवाल
मक्की जैसे आतंकवादी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई और उसकी मौत से यह सवाल उठता है कि पाकिस्तान अपनी आतंकवाद नीति में कितना गंभीर है। मक्की पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद, उसका संगठन जमात-उद-दावा और उससे जुड़े समूह खुले तौर पर काम करते रहे।