Defence Ministry Report: रक्षा मंत्रालय ने जारी की सालाना रिपोर्ट; सीमा पर तैयारियों, एतिहासिक बजट और गगनयान कार्यक्रम को लेकर दी जानकारी

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By News Desk

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📍नई दिल्ली | 4 months ago

Defence Ministry Report: रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें भारतीय सेना के अभियानों, ऐतिहासिक रक्षा बजट, और महत्वाकांक्षी गगनयान कार्यक्रम की जानकारी दी। यह रिपोर्ट सीमावर्ती तैयारियों, रक्षा क्षेत्र में हो रहे विकास, और भारत के अंतरिक्ष मिशन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है। इस रिपोर्ट में भारतीय सेना की बॉर्डर इलाकों में सतर्कता, रक्षा बजट में ऐतिहासिक वृद्धि, और गगनयान कार्यक्रम की सफलता को बताया गया है। सााथ ही, रक्षा मंत्रालय ने आत्मनिर्भर भारत और राष्ट्रीय सुरक्षा के अपने लक्ष्यों को प्राथमिकता देते हुए देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा किया है।

Defence Ministry Report: Highlights on Border Readiness, Record Budget & Gaganyaan Progress
Credit: Defence Ministry
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Defence Ministry Report: एलएसी और एलओसी पर ऑपरेशनल तैयारी

भारतीय सेना ने वर्ष 2024 में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) और लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर अपनी उच्च स्तर की ऑपरेशनल तत्परता बनाए रखी। एलएसी के साथ सीमा विवादों के समाधान और सैनिकों की तैनाती में बड़ा बदलाव देखा गया।

  • एलएसी अपडेट
    21 अक्टूबर 2024 को भारत और चीन के बीच एक व्यापक सहमति बनी, जिसके तहत एलएसी पर स्थिति को बहाल किया गया। डेपसांग और डेमचोक जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में सैनिकों को पीछे हटाया गया और परंपरागत गश्त दोबारा शुरू हुई। यह कदम विकसित भारत विज़न के तहत सीमा क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के साथ जोड़ा गया।
  • एलओसी स्थिरता और आतंकवाद विरोधी अभियान
    एलओसी पर 2021 में डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) समझौते के बाद से शांति बनी हुई है। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद सुरक्षा स्थिति में सुधार हुआ है, हालांकि समय-समय पर हिंसा में बढ़ोतरी के मामले सामने आते हैं।
  • भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व के क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों पर भी ध्यान केंद्रित किया। सेना ने स्थानीय समुदायों के साथ बेहतर तालमेल बैठाकर विकास परियोजनाओं में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
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Defence Ministry Report: वित्तीय वर्ष 2024-25 का रक्षा बजट:

त्तीय वर्ष 2024-25 के लिए रक्षा बजट ₹6.22 लाख करोड़ (लगभग 75 बिलियन डॉलर) तक पहुंच गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 18.43% की वृद्धि है।

  • प्रमुख खर्च श्रेणियां
    बजट का 27.66% पूंजीगत व्यय के लिए आवंटित किया गया है, जिसका फोकस स्वदेशी रक्षा उद्योग से खरीदारी पर है।

    • वेतन और भत्ते: 30.66% बजट सैन्य कर्मियों के वेतन और भत्तों के लिए है।
    • पेंशन: पेंशन के लिए 22.70% आवंटित किया गया है।
  • कुल बजट का हिस्सा
    यह रक्षा बजट भारत के कुल बजट अनुमान का 12.9% है। रक्षा मंत्रालय ने घरेलू उद्योगों को प्राथमिकता देने और आत्मनिर्भर भारत अभियान को आगे बढ़ाने के लिए इन संसाधनों का उपयोग किया।

Defence Ministry Report: सामाजिक पहल और सैनिकों का कल्याण

  • वन रैंक वन पेंशन योजना (ओआरओपी)
    सरकार ने इस साल ओआरओपी के तहत पेंशन विसंगतियों को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए। यह योजना लगभग 25 लाख पेंशनभोगियों को लाभान्वित कर रही है।
  • शहीदों के परिवारों के लिए योजनाएं
    शहीद सैनिकों के परिवारों को आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सहायता के लिए नई योजनाएं शुरू की गईं।
  • अग्निवीर योजना
    इस योजना के तहत भर्ती हुए युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें सेना की मुख्यधारा में शामिल किया गया।

गगनयान कार्यक्रम: भारत का अंतरिक्ष में नया अध्याय

गगनयान कार्यक्रम का उद्देश्य निम्न पृथ्वी कक्षा (Low Earth Orbit) में मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमताओं का प्रदर्शन करना है। फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायुसेना के चार अधिकारियों को ‘स्पेस विंग्स’ से सम्मानित किया। यह भारतीय अंतरिक्ष इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था।

अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण:

  • समर्पित अंतरिक्ष यात्री: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को NASA में Axiom-4 मिशन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
  • अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) मिशन: 2025 में होने वाले इस मिशन के जरिए भारत अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।

बॉर्डर एरिया में इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने पर जोर

सरकार ने अपनी ‘विकसित भारत विज़न’ योजना के तहत सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास को तेज किया है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने नई सड़कों, पुलों और सुरंगों का निर्माण किया है, जो सेना की त्वरित तैनाती और नागरिकों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है।

  • शिंकुन ला सुरंग परियोजना, जो दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी, तेजी से प्रगति पर है। इस सुरंग के पूरा होने के बाद लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के बीच बेहतर कनेक्टिविटी होगी।
  • पूर्वोत्तर क्षेत्रों में पुल और सड़कों के निर्माण ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूत किया है।

सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में कदम

भारतीय सशस्त्र बलों ने अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए नए उपकरणों और हथियार प्रणालियों की खरीद की है।

  • आत्मनिर्भरता पर जोर
    रक्षा मंत्रालय ने 2024 में 80% से अधिक खरीदारी स्वदेशी कंपनियों से की, जिसमें हल्के लड़ाकू विमान तेजस, अर्जुन टैंक और पिनाका रॉकेट सिस्टम शामिल हैं।
  • ड्रोन और एआई प्रौद्योगिकी का उपयोग
    सेना ने ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित प्रणालियों का उपयोग बढ़ाया है। ये प्रौद्योगिकियां निगरानी और खुफिया अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

स्थानीय रक्षा उद्योग को बढ़ावा

  • मेक इन इंडिया: घरेलू रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
  • नई परियोजनाएं: तीन नई पनडुब्बियां और 26 नौसैनिक लड़ाकू विमानों के लिए अनुबंध अगले महीने तक पूरा होने की संभावना है।

नौसेना और वायुसेना की उपलब्धियां

  • नौसेना का विस्तार
    भारतीय नौसेना ने वर्ष 2024 में आईएनएस विक्रांत और आईएनएस अरिहंत जैसे प्रमुख युद्धपोतों को शामिल कर अपनी ताकत बढ़ाई। इसके अलावा, स्वदेशी तकनीक से बने पनडुब्बियों और जहाजों के निर्माण में भी तेजी लाई गई।
  • वायुसेना में नई प्रौद्योगिकियां
    भारतीय वायुसेना ने नई पीढ़ी के लड़ाकू विमानों, जैसे तेजस एमके1ए, और राफेल विमानों को शामिल किया। इसके साथ ही, एंटी-ड्रोन प्रणालियों और उन्नत मिसाइल तकनीकों को भी अपनाया गया।

भारत की सामरिक क्षमताओं का विस्तार

रक्षा मंत्रालय ने इस वर्ष परमाणु क्षमता वाले मिसाइलों और अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) की तैनाती पर भी ध्यान केंद्रित किया।

  • अग्नि-6 परीक्षण
    भारत ने 2024 में सफलतापूर्वक अग्नि-6 का परीक्षण किया, जो देश की सामरिक क्षमताओं को और मजबूत करता है।
  • परमाणु पनडुब्बियां
    अरिहंत वर्ग की पनडुब्बियां देश के परमाणु त्रिकोण को संतुलित और सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
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