📍नई दिल्ली | 4 months ago
KZF Jagjeet Singh: आमतौर पर जब विदेश में बसे किसी भारत वंशी को उस देश में कोई सम्मानित पद हासिल होता है, तो पूरे भारत के लिए गर्व की बात होती है। ब्रिटिश सेना के सिख सैनिक जगजीत सिंह ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया है। हाल ही में पंजाब में पुलिस ठिकानों पर ग्रेनेड हमलों की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पंजाब पुलिस ने खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के रंजीत सिंह नीटा मॉड्यूल से जुड़े एक ब्रिटिश सेना के सिख सैनिक जगजीत सिंह को इन हमलों के पीछे होने का संदेह जताया है। यह सिख सैनिक अफगानिस्तान में अपनी सेवा दे चुका है और अब भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
KZF Jagjeet Singh: दादा, पिता और भाई भारतीय सेना में रहे
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने एक्स पर एक पोस्ट में इस सिख सैनिक की पहचान जगजीत सिंह के रूप में की, जो ब्रिटेन में फतेह सिंह ‘बागी’ के नाम से जाना जाता है। पुलिस के अनुसार, जगजीत सिंह का संबंध पंजाब के तरनतारन जिले के एक सैन्य परिवार से है। उनके दादा, पिता और भाई भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं।
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पुलिस सूत्रों के अनुसार, जगजीत सिंह करीब 10 साल पहले स्टूडेंट वीजा पर ब्रिटेन गया था, जहां उसने ईस्ट लंदन यूनिवर्सिटी से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। इसके बाद वह ब्रिटिश सेना में शामिल हो गया। पुलिस का कहना है कि उसने ब्रिटिश सेना की इंफेंट्री रेजिमेंट चौथी बटालियन, द राइफल्स, में सेवा दी और अफगानिस्तान में एक मिशन पर तैनात रहा। राइफल्स रेजिमेंट इराक, अफगानिस्तान, कोसोवो और सिएरा लियोन में कई ऑपरेशनों में शामिल रह चुका है।
KZF Jagjeet Singh: आतंकवाद में शामिल होने का आरोप
पंजाब पुलिस ने दावा किया है कि यह पहली बार है जब किसी व्यक्ति, जिसने ब्रिटिश सेना में सेवा दी है, को भारत के खिलाफ आतंकवादी मॉड्यूल का नेतृत्व करते हुए पाया गया है। पुलिस ने ब्रिटिश एजेंसियों के माध्यम से मामले की जांच शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक, यह भी जांच की जा रही है कि क्या पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने जगजीत को खालिस्तानी आतंकवाद के लिए भर्ती किया था। आईएसआई अक्सर ब्रिटेन और कनाडा की सेनाओं में मौजूद सिख सैनिकों पर नजर रखती है ताकि खालिस्तान आंदोलन के लिए समर्थन जुटाया जा सके।
पंजाब में KZF मॉड्यूल का खुलासा
पंजाब पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि पिलीभीत में मारे गए तीन संदिग्ध आतंकियों का संबंध KZF के जगजीत सिंह-नीटा मॉड्यूल से था। इस मॉड्यूल का उद्देश्य पुलिस थानों और सरकारी संस्थानों पर ग्रेनेड हमले करना था।
पुलिस के मुताबिक, इस मॉड्यूल में भर्ती किए गए लोग खालिस्तान विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध नहीं थे। मॉड्यूल में ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जो मामूली अपराधों में शामिल थे।
आतंकवाद और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर असर
जगजीत सिंह की कथित भूमिका ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। पुलिस ने कहा कि यह ब्रिटिश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जांच करे कि क्या उनके सरकारी संस्थानों में और भी ऐसे लोग मौजूद हैं जो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में ब्रिटिश सरकार से सहयोग प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। अक्सर विदेशी एजेंसियां ऐसे मामलों में अपनी नागरिकता वाले किसी व्यक्ति की संलिप्तता से इनकार करती हैं। पंजाब पुलिस ने कहा कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रही है और मॉड्यूल की गहराई तक जांच कर रही है।
जगजीत सिंह का परिवार सैन्य पृष्ठभूमि का है। उनके दादा भारतीय सेना में थे, पिता सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हुए और भाई सिख रेजिमेंट में सेवा दे चुके हैं। ऐसी पृष्ठभूमि से आने के बावजूद, जगजीत का आतंक की राह पर जाना कई सवाल खड़े करता है।