📍नई दिल्ली | 4 months ago
ECHS Scam: पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए बनाई गई ईसीएचएस (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme) योजना देशभर में लाखों लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रही है। हालांकि, हाल ही में इस योजना में बड़े घोटाले सामने आए हैं, जिससे न केवल लाभार्थियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है बल्कि पूरी योजना की साख पर भी सवाल उठ रहे हैं। इन समस्याओं को रोकने के लिए भारतीय सेना ने सख्त कदम उठाते हुए नई गाइडलाइंस जारी की हैं।

ECHS Scam: ईसीएचएस योजना में घोटाले और शिकायतें
बीते समय में ईसीएचएस योजना में कई घोटाले और गड़बड़ियां उजागर हुई हैं। फरवरी 2024 में सीबीआई ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ईसीएचएस कार्यालयों से जुड़े कई मामलों में घूसखोरी के आरोप में कई लोगों को गिरफ्तार किया। एक अधिकारी को रंगे हाथों 80,000 रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। यह मामला सिर्फ एक उदाहरण है; ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं, जहां लाभार्थियों को उनकी दवाइयां नहीं मिलीं या उनके क्लेम का भुगतान समय पर नहीं हुआ।
इन घोटालों से न केवल लाभार्थी परेशान हैं, बल्कि सेना की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है। इसके चलते सेना ने एक कड़ी एडवाइजरी जारी की है, जिसमें नई गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य किया गया है।
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जियो-टैग फोटोग्राफी: घोटाले रोकने का कदम
ईसीएचएस योजना में अब जियो-टैग फोटोग्राफी को अनिवार्य कर दिया गया है। जियो-टैग फोटोग्राफ वह फोटो होती है, जिसमें फोटो खींचने की जगह, समय और अन्य भौगोलिक जानकारी होती है। यह सुनिश्चित करेगा कि लाभार्थी वास्तव में अस्पताल में भर्ती हैं या किसी सुविधा का लाभ ले रहे हैं।
इस नई गाइडलाइंस के अनुसार, अस्पतालों और हेल्थकेयर संस्थानों को इन नियमों का पालन करना होगा:
- आईसीयू में भर्ती मरीजों की फोटो: मरीज की फोटो उसी समय खींची जानी चाहिए जब वह आईसीयू या किसी अन्य वार्ड में भर्ती हो।
- फोटो खिंचवाने से इनकार करने पर: यदि कोई मरीज फोटो खिंचवाने से इनकार करता है, तो यह मामला तुरंत रीजनल सेंटर और पॉलीक्लिनिक को ईमेल के माध्यम से सूचित करना होगा।
- सीसीटीवी फुटेज की अनिवार्यता: यदि कोई मरीज बिना जानकारी दिए अस्पताल छोड़ देता है, तो अस्पताल को मरीज के बाहर जाने की सीसीटीवी फुटेज जमा करनी होगी।
ECHS Scam: कार्ड और पहचान की सख्ती
ईसीएचएस के तहत मरीज के पास उसका ईसीएचएस कार्ड होना अनिवार्य है। कार्ड के बिना किसी मरीज को भर्ती नहीं किया जाएगा। भर्ती के दौरान यह कार्ड अस्पताल के पास जमा रहेगा और डिस्चार्ज के समय मरीज को वापस किया जाएगा।
- अनकांशस मरीजों के मामले: यदि कोई मरीज बेहोशी की हालत में है और उसके पास कार्ड नहीं है, तो उसका ईआईआर (ईसीएचएस इंटेलिजेंस रिपोर्ट) जनरेट नहीं होगा।
- 70 साल से अधिक उम्र के मरीज: बिना रेफरल के आने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी जियो-टैग फोटोग्राफी अनिवार्य है।
घोटालों से बचाव के उपाय
ईसीएचएस ने घोटाले रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाए हैं:
- सख्त निगरानी: अस्पताल और हेल्थकेयर संस्थानों पर अब सीसीटीवी और जियो-टैग फोटोग्राफी के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी।
- सूचना का आदान-प्रदान: किसी भी अनियमितता की स्थिति में तुरंत संबंधित अधिकारियों को सूचित करना होगा।
- कार्ड और पहचान: मरीजों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास ईसीएचएस कार्ड है और वे निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करें।
इन गाइडलाइंस का पालन करना लाभार्थियों की भी जिम्मेदारी है। यह सुनिश्चित करें कि:
- अस्पताल में भर्ती होते समय ईसीएचएस कार्ड साथ लेकर जाएं।
- फोटो खिंचवाने में कोई आपत्ति न करें।
- यदि कोई दिक्कत आती है, तो इसे संबंधित अधिकारियों के ध्यान में लाएं।
यह कदम न केवल योजना को घोटालों से बचाएगा बल्कि जरूरतमंदों तक सही समय पर चिकित्सा सुविधाएं पहुंचाने में मदद करेगा। ईसीएचएस योजना के तहत आने वाले सभी लाभार्थियों को इन गाइडलाइंस का पालन करना होगा ताकि भविष्य में किसी भी समस्या से बचा जा सके।