📍नई दिल्ली | 4 months ago
Agniveer Death: 12 दिसंबर 2024 को सियाचिन ग्लेशियर पर एक बहादुर जवान अग्निवीर मुमताज़ अली ने देश की रक्षा करते हुए शहादत प्राप्त की। उनकी वीरता और समर्पण को याद करते हुए, फायर एंड फ्यूरी कोर के GOC और सभी रैंक्स ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कठिन समय में उनकी शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त की गई हैं। मुमताज़ अली का बलिदान न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। इससे पहले अक्टूबर 2023 में सियाचिन में तैनात अग्निवीर जवान अक्षय लक्ष्मण गावते की ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी।
Agniveer Death: सियाचिन ग्लेशियर पर कठिन सेवा
सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊँचा युद्धक्षेत्र है, जहाँ सेना के जवानों को अत्यधिक ठंड और कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। यह स्थान न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी सैनिकों के लिए अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है। यहाँ पर तैनात भारतीय सेना के जवान हर दिन अपने जीवन को खतरे में डालकर देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं। 12 दिसंबर को मुमताज़ अली ने भी अपनी जान दांव पर लगाकर अपने कर्तव्य का निर्वहन किया और देश की सेवा में शहीद हो गए।
GOC, Fire and Fury Corps and All Ranks salute Agniveer Mumtaz Ali, who made supreme sacrifice in the line of duty at #SiachenGlacier on 12 Dec 2024. We offer deep condolences to the bereaved family in this hour of grief.@adgpi@NorthernComd_IA pic.twitter.com/Z9Yw3c4TNK
— @firefurycorps_IA (@firefurycorps) December 13, 2024
इससे पहले सियाचिन में तैनात अग्निवीर अक्षय लक्ष्मण गावते की ड्यूटी के दौरान अक्टूबर 2023 में मौत हो गई थी। वे भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर (14 कोर) का हिस्सा थे, जो लद्दाख क्षेत्र में तैनात है। अक्षय लक्ष्मण गावते पहले अग्निवीर थे, जिनका निधन ड्यूटी के दौरान हुआ। उनके परिवार को सरकार की तरफ से 1.3 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई थी।
अक्षय गावते के निधन के बाद, भारतीय सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। पोस्ट में लिखा था, “बर्फ में खामोश हैं, जब बिगुल बजेगा तो वे उठेंगे और फिर से मार्च करेंगे।”
मिलेगी इतनी मदद
अग्निपथ योजना के लागू होने के दौरान सरकार ने स्पष्ट किया था कि ड्यूटी के दौरान किसी अग्निवीर की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को बीमा राशि के साथ-साथ आर्थिक सहायता दी जाएगी। योजना के तहत अग्निवीरों को हर महीने ₹30,000 से ₹40,000 तक की सैलरी मिलती है। पहले साल में ₹4.76 लाख का पैकेज मिलता है, जो चार साल के कार्यकाल तक ₹6.92 लाख तक बढ़ सकता है।
वहीं गावते के परिवार को एक करोड़ 30 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई थी। इनमें 48 लाख रुपये गैर-अंशदायी बीमा (इंश्योरेंस कवर), 44 लाख रुपये की अनुग्रह राशि (एकमुश्त एक्स-ग्रेशिया), आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन से 30,000 रुपये, आर्मी सेंट्रल वेलफेयर फंड से 8 लाख रुपये, सेवा निधि में अग्निवीर द्वारा दिए गए 30 फीसदी योगदान, जिसमें सरकार का भी बराबर योगदान होता है और पूरी राशि पर ब्याज दिया गया है। इसके अलावा परिजनों को मृत्यु की तारीख से चार साल पूरे होने तक शेष कार्यकाल के लिए भी वेतन भी दिया गया था।
वहीं सेना का स्पष्ट कहना है कि अगर कोई अग्निवीर सुसाइड कर लेता है, तो गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया जाएगा।