Zorawar Light Tank: चीन सीमा के नजदीक पूर्वी लद्दाख में झंडे गाड़ रहा है भारत का यह स्वदेशी टैंक! जानें इस टैंक के लिए 2025 क्यों है अहम?

Photo of author

By हरेंद्र चौधरी

Kindly Promote Us:

📍नई दिल्ली | 4 months ago

Zorawar Light Tank: लद्दाख के दुर्गम और ऊंचाई वाले इलाकों में भारत के स्वदेशी ज़ोरावर लाइट टैंक के परीक्षण चल रहे हैं। ये परीक्षण भारतीय सेना की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने और पड़ोसी चीन की सैन्य रणनीतियों का मुकाबला करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। ज़ोरावर टैंक का फायरिंग परीक्षण सफल रहा है, और पूरी प्रक्रिया इस महीने के अंत तक खत्म होने की उम्मीद है।

Zorawar Light Tank: Trials of Indigenous Tank in Ladakh's High Altitudes Show Success, Completion Expected by Month-End

रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US

Zorawar Light Tank: लद्दाख के न्योमा में टेस्टिंग

सूत्रों के अनुसार, ज़ोरावर टैंक की टेस्टिंग चीन सीमे से 30 किमी दूर लद्दाख के न्योमा इलाके में हो रही है। इन परीक्षणों में टैंक को तीन प्रमुख मानदंडों पर परखा गया—फायरपावर, मोबिलिटी और सुरक्षा। परीक्षण पूरे होने के बाद इसे अगले साल भारतीय सेना के लिए उपयोगकर्ता परीक्षण (यूजर ट्रायल) के लिए सौंप दिया जाएगा।

चीन के मुकाबले रणनीतिक तैयारी

लद्दाख में चीन के हल्के टैंकों की तैनाती को देखते हुए भारतीय सेना को भी समान क्षमताओं की आवश्यकता महसूस हुई। इसी उद्देश्य से रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) ने इस परियोजना को मंजूरी दी।

Light Battle Tank Zorawar: भारत के स्वदेशी हल्के टैंक जोरावर को लेकर बड़ी खबर आई सामने, चीन सीमा पर भारतीय सेना कर रही ये बड़ी तैयारी!

ज़ोरावर टैंक, 59 टैंकों के उस ऑर्डर का हिस्सा है, जिसे DRDO और उसके निजी क्षेत्र के साझेदारों के साथ मिलकर विकसित किया जा रहा है। यह हल्का टैंक विशेष रूप से दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में तेजी से मूवमेंट और संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है।

स्वदेशी निर्माण: मेक इन इंडिया की पहल

इस परियोजना के तहत DRDO और भारत की प्रमुख निजी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत मिलकर काम किया। 25 टन वजन वाला यह टैंक न केवल ऊंचाई वाले इलाकों में तेजी से मूवमेंट करने में सक्षम है, बल्कि इसमें कई अत्याधुनिक तकनीकों का भी शामिल किया गया है।

टैंक की कुछ खास विशेषताएं:

  1. फायरपावर: दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले की क्षमता।
  2. मोबिलिटी: कठिन से कठिन इलाकों में भी तेजी से मूवमेंट करने की ताकत।
  3. सुरक्षा: टैंक को एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल और प्रोजेक्टाइल से बचाने के लिए एक सक्रिय सुरक्षा प्रणाली (Active Protection System) का उपयोग।

अम्फीबियस क्षमता और रणनीतिक महत्व

ज़ोरावर टैंक की एक अनोखी विशेषता उसकी अम्फीबियस (जल और जमीन दोनों पर चलने की) क्षमता है। यह विशेषता उसे लद्दाख के पेंगोंग त्सो झील जैसे क्षेत्रों में तैनात करने में उपयोगी बनाती है, जहां भारतीय सेना ने पहले भी चीनी हल्के टैंकों का सामना किया है।

अम्फीबियस क्षमता होने के कारण, ज़ोरावर न केवल पहाड़ी क्षेत्रों में बल्कि नदी और झील जैसे क्षेत्रों में भी तैनाती के लिए उपयुक्त है। इससे भारतीय सेना को सीमावर्ती इलाकों में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बढ़त मिलती है।

भारतीय सेना के लिए भविष्य की राह

भारतीय सेना की यह पहल सिर्फ सैन्य शक्ति को मजबूत करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। स्वदेशी टैंक का विकास भारतीय उद्योगों और वैज्ञानिकों के सामर्थ्य को दर्शाता है।

लद्दाख और पूर्वी सीमाओं पर मौजूदा चुनौतियों के बीच ज़ोरावर जैसे हल्के और गतिशील टैंक भारतीय सेना के लिए गेमचेंजर साबित हो सकते हैं। इन टैंकों का उपयोग न केवल निगरानी और सुरक्षा के लिए किया जा सकेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर दुश्मन को त्वरित और प्रभावी जवाब देने में भी सहायक होगा।

Zorawar Light Tank is a indigenous tank developed by India, which is currently undergoing testing in the vicinity of the China border in eastern Ladakh. This tank holds significant importance for India, with its anticipated deployment set for 2025.
Kindly Promote Us:
रक्षा समाचार WhatsApp Channel Follow US

Leave a Comment

Share on WhatsApp