📍नई दिल्ली | 4 months ago
INNOYODHA 2024: भारतीय सेना ने हाल ही में नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में ‘इननो-योद्धा’ कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें सेना के जवानों की तरफ से तैयार किए गए 75 नए इनोवेशंस पेश किए गए थे। इन कार्यक्रम का उद्देश्य मॉर्डन वारफेयर की चुनौतियों का सामना करना और भारतीय सेना को और अधिक मजबूत बनाना है।
इस कार्यक्रम का आयोजन सेना डिजाइन ब्यूरो ने किया था, जो भविष्य की युद्ध नीति के लिए टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट पर जोर देती है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इस पहल के बारे में बात करते हुए कहा, “हाल के युद्धों ने यह सिद्ध कर दिया है कि इनोवेशन केवल एक शब्द नहीं है, यह एक मानसिकता है। यह वह चिंगारी है जो प्रगति को प्रेरित करती है और भविष्य को आकार देती है।”
इस आयोजन में कुल 75 इनोवेशन दिखाए गए थे, जिनमें से 22 को सम्मानित किया गया। इन इनोवेशंस में ड्रोन से लेकर साइबर रक्षा उपकरण तक शामिल थे। इन परियोजनाओं को ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान के तहत आगे और विकसित किया जाएगा और फिर बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए निजी उद्योग को सौंपा जाएगा।
INNOYODHA 2024: अग्निवीर ने बनाया AI प्रोजेक्ट
इस आयोजन में खास बात यह थी कि इसमें अग्निवीर गारे प्रतीक (Gare Pratik) ने बी अपना प्रोजेक्ट पेश किया था। वे पहले बैच के अग्निवीरों में से एक हैं। उन्होंने सेना के उत्तरी कमांड के तहत विकसित किए गए Ten AI-Enabled Weapon System (TAIWS) में अहम भूमिका निभाई। गारे प्रतीक ने अनुभवी अधिकारियों के साथ मिलकर इस सिस्टम के AI एल्गोरिदम को बेहतर बनाने और यूजर इंटरफेस को डिज़ाइन करने में मदद की।
गारे प्रतीक ने कहा, “इस तरह के इनोवेशन का हिस्सा बनना मेरे जीवन का महत्वपूर्ण अनुभव रहा है। इसने मुझे यह दिखाया कि कैसे तकनीक और टीमवर्क हमारे राष्ट्रीय रक्षा दृष्टिकोण को नया रूप दे सकते हैं।”
TAIWS एक अत्याधुनिक प्रणाली है, जो AI आधारित निर्णय लेने और मल्टी-सेंसर फ्यूजन का उपयोग करती है, जिससे युद्ध के मैदान में स्थिति की समझ और ऑपरेशनल प्रभावशीलता को बढ़ावा मिलता है। लेफ्टिनेंट कर्नल प्रशांत अग्रवाल ने इसे कम दृश्यता वाले इलाकों के लिए एक गेम-चेंजर बताया। उन्होंने कहा, “प्रयोगों, मजबूतकरण और उचित प्रक्रिया के बाद इस बिना चालक वाले हथियार को सेना में शामिल किया जा सकता है।”
INNOYODHA 2024 की सफलता और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
इननो-योद्धा कार्यक्रम में कुछ इनोवेशंस को भी सम्मानित किया गया, जिनमें ‘एक्सप्लोडर’, ‘अग्निास्त्र’ और ‘विद्युत रक्षक’ जैसी परियोजनाएं शामिल हैं, जो अब निजी उद्योग को सौंप दी गई हैं। इस पहल के चार वर्षों में 26 बौद्धिक संपदा अधिकार (IPRs) भारतीय सेना को मिले हैं, जो भारतीय सेना के आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों को मजबूत करते हैं।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, “इन इनोवेशन ने हमें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाने में मदद की है। हमें विश्वास है कि यह प्रयास भविष्य में हमारी रक्षा क्षमता को और बेहतर बनाएगा।”
INNOYODHA 2024 के आयोजन से साबित होता है कि भारतीय सेना समय के साथ तकनीकी इनोवेशंस और आत्मनिर्भरता को प्राथमिकता दे रही है। लैंड वारफेयर में आने वाली नई चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए इनोवेशन की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस हो रही है। विशेषकर साइबर सुरक्षा, ड्रोन तकनीकी और आर्टिफिशियल इटेंलिजेंस जैसे क्षेत्रों में विकास की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं।
इन तकनीकी नवाचारों से न केवल भारतीय सेना की लड़ाई की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि इससे भारतीय रक्षा क्षेत्र को भी वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी। ‘इननो-योद्धा’ जैसी पहल भारत को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में और भी मजबूत करेगी, और यह साबित करेगा कि भारतीय सेना को केवल ताकतवर लड़ाकू बल ही नहीं, बल्कि तकनीकी दृष्टिकोण से भी दुनिया में सबसे अग्रणी माना जाएगा।