📍नई दिल्ली | 5 months ago
Harimau Shakti 2024: भारत और मलेशिया के बीच रक्षा संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने वाले संयुक्त सैन्य अभ्यास हरिमाऊ शक्ति 2024 का शुभारंभ हुआ। इस समारोह ने दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी सहयोग को और मजबूती देने और क्षेत्रीय सुरक्षा में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
Harimau Shakti 2024: समारोह की शुरुआत
समारोह की शुरुआत दोनों देशों की संयुक्त टुकड़ियों के शानदार मार्च पास्ट से हुई। भारतीय सेना की टुकड़ी ने एक प्रभावशाली परेड का प्रदर्शन किया, जिसमें उनकी उच्च प्रशिक्षण और संचालनात्मक तत्परता को दिखाया गया। इस अवसर पर मलेशियाई सेना के ब्रिगेडियर जनरल शहीर हफीजुल बिन अब्द रहमान ने दोनों देशों की टुकड़ियों के कमांडरों और अभ्यास में शामिल अंपायरों को विशेष आर्म बैंड सौंपे।
सद्भावना के प्रतीक
कार्यक्रम के दौरान भारतीय और मलेशियाई सेना के अधिकारियों ने आपसी सद्भावना और सहयोग को दर्शाते हुए स्मृति चिह्नों का आदान-प्रदान किया। यह कदम दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक और सकारात्मक प्रयास था।
ब्रिगेडियर जनरल का संबोधन
अपने उद्घाटन भाषण में ब्रिगेडियर जनरल शहीर हफीजुल बिन अब्द रहमान ने इस अभ्यास को औपचारिक रूप से शुरू करते हुए कहा कि वर्तमान समय की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए ऐसे संयुक्त सैन्य अभ्यास बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने विशेष रूप से आतंकवाद विरोधी अभियानों और शांति स्थापना कार्यों में इस तरह के सहयोग की भूमिका को रेखांकित किया।
तकनीकी प्रदर्शन
समारोह के बाद आधुनिक सैन्य उपकरणों और हथियारों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें नेगेव एलएमजी, मिनी-आरपीए, अनकूल्ड एचएचटीआई, एमटीएमएसएल और एमजीएल जैसे उन्नत हथियार शामिल थे। इन हथियारों ने दर्शकों को दोनों देशों की सैन्य ताकत और तकनीकी प्रगति की झलक दिखाई।
संयुक्त प्रशिक्षण और सहयोग की भूमिका
हरिमाऊ शक्ति 2024 का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे की संचालनात्मक क्षमताओं और रणनीतियों से परिचित कराना है। यह अभ्यास आतंकवाद विरोधी अभियानों और शांति स्थापना कार्यों में समन्वय और साझेदारी को बेहतर बनाने पर केंद्रित है।
इस अभ्यास के माध्यम से सैनिक न केवल एक-दूसरे के अनुभवों से सीखेंगे, बल्कि जमीनी हकीकत के आधार पर बेहतर तालमेल विकसित करने में भी सक्षम होंगे।
भारतीय रक्षा अटैच का योगदान
कार्यक्रम में भारत के डिफेंस अटैच कर्नल एस. प्रवीन ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने इस कार्यक्रम को दोनों देशों के सैन्य और कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
साझेदारी की नई ऊंचाइयां
हरिमाऊ शक्ति 2024 जैसे अभ्यास दोनों देशों के लिए केवल सैन्य सहयोग का ही नहीं, बल्कि आपसी विश्वास और साझेदारी को मजबूत करने का भी अवसर हैं। यह अभ्यास न केवल सैन्य क्षेत्र में तकनीकी और रणनीतिक कौशल को बढ़ावा देता है, बल्कि दो देशों के बीच सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाता है।
संयुक्त अभ्यास के दौरान सैनिकों को जमीनी संचालन, संघर्ष प्रबंधन और मानवीय सहायता जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा, दोनों सेनाएं अपने अनुभव साझा करेंगी और एक-दूसरे की चुनौतियों को समझकर समाधान खोजेंगी।
हरिमाऊ शक्ति 2024 भारत और मलेशिया की सेनाओं के लिए एक ऐसा मंच है, जहां वे एक-दूसरे से सीखते हुए क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। यह अभ्यास दोनों देशों के रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगा और आने वाले समय में क्षेत्रीय सुरक्षा में एक नई परिभाषा गढ़ेगा।
हरिमाऊ शक्ति 2024 सिर्फ एक सैन्य अभ्यास नहीं है, बल्कि यह भारत और मलेशिया के बीच एक गहरी साझेदारी और आपसी सहयोग का प्रतीक है। यह दोनों देशों के सैनिकों को एकजुट होने और एक साझा उद्देश्य की दिशा में काम करने का अवसर देता है। इस तरह के कार्यक्रम न केवल क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे हमारे सैनिकों को आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए और अधिक तैयार करते हैं।
हरिमाऊ शक्ति 2024 भारतीय सेना की क्षमता और प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो न केवल अपनी सीमाओं की सुरक्षा करती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति और स्थिरता में भी योगदान देती है।