📍नई दिल्ली | 5 months ago
Navy Day 2024: 4 दिसंबर को मनाए जाने वाले नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए नौसेना की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान ऑपरेशन ट्राइडेंट में नौसेना के साहसिक प्रदर्शन को याद करते हुए हमारे वीर जवानों की वीरता को नमन किया।
कराची पर किया गया ऐतिहासिक हमला
नौसेना प्रमुख ने ऑपरेशन ट्राइडेंट की बात करते हुए कहा, “जब हमारे मिसाइल बोट से दागे गए मिसाइलों ने कराची बंदरगाह को आग के हवाले कर दिया, वह हमारे सैनिकों की अदम्य वीरता और साहस का प्रतीक है। यह समय है कि हम उन सभी वीर सैनिकों को याद करें जिन्होंने उस युद्ध में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।”
पिछले साल सिंधुदुर्ग में आयोजित हुए नौसेना दिवस के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मुख्य अतिथि थे। इस बार का आयोजन पुरी में किया गया है, जो एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध स्थान है।
पुरी में होगा समारोह
उन्होंने बताया कि इस वर्ष नौसेना दिवस का मुख्य कार्यक्रम ओडिशा के पुरी में आयोजित किया जाएगा, जहां राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सुप्रीम कमांडर मुख्य अतिथि होंगे। यह आयोजन भारतीय नौसेना के सामरिक महत्व और उसके राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान को उजागर करेगा।
नौसेना के सफल ऑपरेशन्स
नौसेना प्रमुख ने बताया कि भारतीय नौसेना की ताकत केवल युद्ध क्षेत्र तक सीमित नहीं है। उन्होंने ऑपरेशन के कई उदाहरण दिए, जैसे कि अदन की खाड़ी और उत्तरी अरब सागर में की गई एंटी-पायरेसी ऑपरेशन्स। नौसेना ने 2000 किलोमीटर दूर समुद्र में मार्कोस कमांडो को पैराड्रॉपिंग कर एक असाधारण अभियान को अंजाम दिया।
नौसेना प्रमुख ने हाल ही में हुए एमवी रुएन मामले का जिक्र किया और बताया कि हमारी नौसेना ने ड्रग्स की तस्करी रोकने के लिए कई सफल अभियानों को अंजाम दिया है। साथ ही, रक्षा मंत्री ने हाल ही में एसएसबीएन आईएनएस अरिघाट को कमीशन किया, जो देश की सामरिक ताकत को और बढ़ाता है।
- गुल्फ ऑफ एडन और उत्तरी अरब सागर में तैनात नौसेना इकाइयों ने समुद्री डकैती के खिलाफ सफल ऑपरेशन किए।
- एडमिरल ने बताया कि भारतीय नौसेना ने 2000 किलोमीटर दूर अरब सागर में मार्कोस कमांडो को पैराड्रॉप कर एक असाधारण मिशन पूरा किया।
- नौसेना ने एमवी रुएन जैसे ड्रग्स तस्करी मामलों में भी उल्लेखनीय सफलता हासिल की है।
उन्होंने रक्षा मंत्री द्वारा हाल ही में आईएनएस अरिघाट के कमीशन को नौसेना की सामरिक क्षमता में एक मील का पत्थर बताया।
आत्मनिर्भर भारत में नौसेना की भूमिका
नौसेना प्रमुख ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत नौसेना की उपलब्धियों पर चर्चा की। आत्मनिर्भर भारत अभियान में नौसेना की भूमिका पर चर्चा करते हुए, एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि आज 62 जहाज और एक पनडुब्बी देश में ही निर्माणाधीन हैं। उन्होंने कहा, “भारतीय नौसेना आत्मनिर्भरता के मोर्चे पर हमेशा अग्रणी रही है।” वहीं, परीक्षण में सफल होने के बाद के-4 मिसाइल को जल्द ही नौसेना में शामिल करने की योजना है।
उन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और मिनिकॉय द्वीपों के विकास कार्यों पर भी प्रकाश डाला। जब उनसे अमेरिका के साथ सहयोग पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय नौसेना को किसी और की सहायता की आवश्यकता नहीं है।
पाकिस्तान और चीन पर नजर
भारतीय महासागरों में अन्य देशों की मौजूदगी पर नौसेना प्रमुख ने कहा, “महासागर सभी के लिए खुले हैं। कोई भी देश यहां संचालन कर सकता है, बशर्ते वह हमारी सुरक्षा को प्रभावित न करे।”
एडमिरल त्रिपाठी ने पाकिस्तान नौसेना की अप्रत्याशित वृद्धि पर टिप्पणी करते हुए कहा, “वे 50 जहाजों की नौसेना बनने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह आश्चर्यजनक है कि वे इतने जहाज कैसे प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने अपने लोगों के कल्याण के बजाय हथियारों को प्राथमिकता दी है।”
चीन के साथ बांग्लादेश के सहयोग पर उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया हो सकती है, लेकिन भारतीय नौसेना हर गतिविधि पर पैनी नजर रख रही है। उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे राष्ट्रीय हितों पर कोई प्रभाव न पड़े।”
भविष्य की योजनाएं और नई परियोजनाएं
नौसेना प्रमुख ने बताया कि अगले वर्ष से हर महीने औसतन एक नया जहाज नौसेना में शामिल होगा।
- आईएनएस विक्रमादित्य का मरम्मत कार्य चार महीने में पूरा होगा।
- दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने पर बातचीत चल रही है।
- रफाल एम और तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की डील अगले महीने तक साइन होने की संभावना है।
- परमाणु हमला पनडुब्बी (SSN) के लिए 2036-37 की समयसीमा तय की गई है।
नौसेना का बढ़ता वैश्विक प्रभाव
एडमिरल ने बताया कि इस साल भारतीय नौसेना ने रिमपैक और रूस में एक साथ जहाज तैनात कर अपनी वैश्विक क्षमताओं का प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, “यह भारतीय नौसेना की पहुंच, स्थायित्व और परिचालन क्षमता को दर्शाता है।”
नौसेना का संदेश
एडमिरल त्रिपाठी ने प्रधानमंत्री के एक उद्धरण का जिक्र करते हुए कहा, “युद्ध के रूप, संसाधन और तकनीक बदल रही है। भारतीय नौसेना इन बदलावों के साथ खुद को ढालते हुए हमेशा देश की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने अंत में कहा कि नौसेना देश की संप्रभुता, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के प्रति हमेशा समर्पित है। इस नौसेना दिवस पर हमें हमारे वीर सैनिकों के साहस और बलिदान को याद करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए।