📍नई दिल्ली | 5 months ago
K9 Vajra Guns: भारतीय सेना की मारक क्षमता को और मजबूत करने के लिए 100 और K-9 वज्र सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्ज़र तोपों की मांग का प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) के सामने रखा जाएगा। इस प्रस्ताव पर फैसला होते ही लार्सन एंड टूब्रो (L&T) को इन तोपों की मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने का आदेश जारी किया जाएगा।
K9 Vajra Guns: भारत की सीमा सुरक्षा का मजबूत हथियार
K-9 वज्र तोपें 155 मिमी, 52-कैलिबर की ट्रैक सेल्फ-प्रोपेल्ड गन हैं। इन्हें पहले ही चीन के साथ लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (LoC) पर तैनात किया जा चुका है। इन तोपों ने अत्यधिक गर्मी और ठंडे मौसम में अपनी उपयोगिता साबित की है।
गुजरात के “आर्मर्ड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स” में L&T इन तोपों को बना रही है। इन्हें बनाने की टेक्नोलॉजी दक्षिण कोरियाई रक्षा कंपनी हनवा डिफेंस से ली गई है, लेकिन इसे भारत में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्तर पर कई कंपोनेंट्स के साथ बनाया गया है। K-9 वज्र, हनवा डिफेंस के बनाए K-9 थंडर सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर का एक कस्टमाइज्ड वैरिएंट है। एलएंडटी डिफेंस ने भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए K-9 थंडर को भारत के मुताबिक तैयार किया है। इस कस्टमाइजेशन में 18,000 से अधिक भारत में निर्मितत कंपोनेंट्स का उपयोग किया गया है।
वज्र तोपों की खासियत
- एक K-9 वज्र तोप का वजन लगभग 50 टन है।
- यह तोप 50 किलोमीटर से भी अधिक दूरी तक गोलाबारी कर सकती है।
- आधुनिक तकनीक से लैस यह तोप भारतीय सेना की फायर पावर को कई गुना बढ़ा सकती है।
वहीं, भारतीय सेना भी K-9 वज्र की प्रदर्शन क्षमताओं से संतुष्ट है। इसकी प्रभावशीलता को देखते हुए, इसके नए बैच में विशेष विंटर क्लाइमेटाइजेशन किट्स लगाई जाएंगी, जो इन्हें लद्दाख के सर्दियों के कठोर उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने में उपयोगी बनाएंगी।
2017 के बाद दूसरी बड़ी डील
L&T को 2017 में पहली बार 100 K-9 वज्र तोपों का ऑर्डर मिला था, जिसे 2021 में तय समय से पहले पूरा कर लिया गया। यह डील लगभग 4500 करोड़ ररुपये की थी। हालांकि, इस बार 100 तोपों की लागत इससे अधिक होने की संभावना है।
प्रस्ताव में देरी की वजह
सूत्रों के मुताबिक, सेना ने एक साल पहले ही इन तोपों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी थी, लेकिन 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के कारण इस प्रक्रिया में देरी हो रही है।
आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और कदम
L&T ने K-9 वज्र तोपों में बड़ी संख्या में स्वदेशी घटकों को शामिल कर इसे “मेक इन इंडिया” का हिस्सा बनाया है। यह कदम न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है, बल्कि भारत को वैश्विक रक्षा बाजार में एक मजबूत स्थान दिलाने में भी मदद करता है।
सेना की फायर पावर में बढ़ोतरी
K-9 वज्र तोपों का नया बैच सेना की ताकत को और बढ़ाएगा। इन तोपों की तैनाती से भारत की सीमा सुरक्षा और मजबूत होगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहां चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव बना रहता है। वहीं, भारतीय सेना का यह कदम न केवल उसकी रणनीतिक ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि यह भारत के रक्षा उत्पादन और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। अब देखना होगा कि कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी इस प्रस्ताव को कब मंजूरी देती है और भारतीय सेना को कब ये नई तोपें मिलती हैं।