📍नई दिल्ली | 5 months ago
China in Pakistan: चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉॉरिडोर (CPEC) से जुड़ी परियोजनाओं पर काम कर रहे अपने इंजीनियरों और कर्मचारियों पर बढ़ते आतंकी हमलों के बीच चीन ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है। चीन ने तीन प्राइवेट कंपनियों के साथ सिक्योरिटी और मिलिट्री कॉन्ट्रैक्ट्स पर दस्तखत किए हैं, जिनके तहत पाकिस्तानी भूमि पर अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

तीन सुरक्षा कंपनियां संभालेंगी जिम्मेदारी
चीन ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए Dewe Security Frontier Service Group, China Overseas Security Group, और Huaxin Zhongshan Security Service को तैनात किया है। इन कंपनियों का मुख्य कार्य पाकिस्तान में मौजूद चीनी नागरिकों की सुरक्षा करना होगा।
हाल ही में 6 अक्टूबर को बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के आत्मघाती हमले में दो चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। ऐसे हमलों की बढ़ती घटनाओं ने चीन को अपनी सुरक्षा नीति पर फिर से विचार करने पर मजबूर किया है।
पाकिस्तान में चीनी सैनिकों की तैनाती की संभावना
खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन अब अपने सैनिकों को भी पाकिस्तान में तैनात कर सकता है। इसका उद्देश्य CPEC परियोजनाओं में लगे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
चीन की बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर पाकिस्तान ने भी अपने रक्षा खर्च में भारी बढ़ोतरी की है। अगस्त में, पाकिस्तान ने “ऑपरेशन अज़्म-ए-इस्तेखाम” के तहत 60 अरब रुपये और हाल ही में चीनी नागरिकों और CPEC परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त 90 अरब रुपये स्वीकृत किए।
संयुक्त सुरक्षा कंपनी का प्रस्ताव
चीन ने पाकिस्तान के साथ मिलकर एक संयुक्त सुरक्षा कंपनी बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसका उद्देश्य CPEC से जुड़े कामगारों और निवेश की सुरक्षा को बेहतर बनाना है। साथ ही, चीन ने पाकिस्तान से आतंकवाद-विरोधी सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया है।
इस प्रस्ताव से बलूचिस्तान जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में चीनी उपस्थिति बढ़ने की संभावना है, जहां अलगाववादी गुट चीनी हितों को निशाना बना रहे हैं।
नए सुरक्षा उपकरण और प्रौद्योगिकी
CPEC के दूसरे चरण में, चीन ने सुरक्षा के लिए नई परियोजनाएं शामिल करने का सुझाव दिया है। इनमें मोबाइल सुरक्षा उपकरण और बुलेटप्रूफ वाहन जैसी तकनीकें शामिल हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य चीनी नागरिकों को सुरक्षित माहौल में काम करने की सुविधा प्रदान करना है।
संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यास
चीन और पाकिस्तान के बीच वर्तमान में “वारियर-VIII” नामक संयुक्त आतंकवाद विरोधी अभ्यास चल रहा है, जो 11 दिसंबर तक जारी रहेगा। यह अभ्यास दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करेगा।
30,000 चीनी नागरिक CPEC परियोजनाओं पर कार्यरत
वर्तमान में पाकिस्तान में लगभग 30,000 चीनी नागरिक CPEC से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहे हैं। इनमें इंजीनियर, तकनीशियन, निर्माण कार्यकर्ता और अन्य पेशेवर शामिल हैं। खासकर बलूचिस्तान और ग्वादर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में इनकी उपस्थिति ने सुरक्षा को एक बड़ी चुनौती बना दिया है।
चीन-पाकिस्तान साझेदारी का नया अध्याय
सुरक्षा चिंताओं को लेकर दोनों देशों के बीच एक आतंकवाद-विरोधी सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। यह समझौता चीन को अपने नागरिकों और निवेश की सुरक्षा के लिए पाकिस्तान में सैनिक तैनात करने का औपचारिक आधार प्रदान कर सकता है।
यह घटनाक्रम न केवल चीन और पाकिस्तान की साझेदारी को गहरा करेगा बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा पर भी दीर्घकालिक प्रभाव डालेगा।