📍नई दिल्ली | 5 months ago
Dr. Jitendra Singh: भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. जितेंद्र सिंह को फ्रांस के स्पेसफ्लाइट इंस्टीट्यूट में पहले कमर्शियल अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण बैच के लिए चुना गया है। खास बात यह है कि इस बैच में वह अकेले भारतीय हैं। यह उपलब्धि न केवल उनके मेहनत और समर्पण की गवाही देती है, बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान में भारत की बढ़ती मौजूदगी को भी दर्शाती है।
वैज्ञानिक करियर की शुरुआत
डॉ. सिंह ने 1997 में रक्षा मंत्रालय के तहत रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) में वैज्ञानिक के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। वह भारत के एकमात्र फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर (FTE) हैं, जिन्होंने सैन्य और वाणिज्यिक दोनों विमान परीक्षणों में काम किया है। उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों में एयरबस A320neo का परीक्षण और टाइप सर्टिफिकेशन शामिल है।
शैक्षिक उपलब्धियां
डॉ. सिंह ने पीईसी चंडीगढ़ से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बी.ई. (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने टीयू डेल्फ्ट, नीदरलैंड्स और आईएसएई सुपएरो, फ्रांस से मास्टर डिग्री पूरी की। उनकी थीसिस स्विट्जरलैंड के प्रतिष्ठित ईटीएच ज्यूरिख में हुई।
उन्हें एआरडीबी डीआरडीओ नेशनल मेरिट स्कॉलरशिप से सम्मानित किया गया था, जो उनकी शैक्षणिक उत्कृष्टता का प्रमाण है।
करियर
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कई महत्वपूर्ण भूमिकाओं में काम किया है, जैसे:
- राष्ट्रीय नागरिक विमान विकास कार्यक्रम (USD 2 बिलियन):
उन्होंने भारत के क्षेत्रीय विमान विकास परियोजना के लिए कार्यक्रम प्रबंधक के रूप में कार्य किया। - डीआरडीओ वैज्ञानिक:
उन्होंने हल्के लड़ाकू विमान (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के लिए “कावेरी” इंजन परियोजना में रक्षा मंत्रालय के तहत काम किया। - टर्बोमेका हेलिकॉप्टर इंजन:
वह इंजीनियरिंग और गुणवत्ता निदेशक के रूप में जुड़े, जहां उन्होंने अर्दिडेन इंजन पर काम किया। - हनीवेल इंटरनेशनल, चेक गणराज्य:
उन्होंने कोर टेक्नोलॉजी कार्यक्रम प्रबंधक के रूप में योगदान दिया। - जीई पावर सिस्टम्स, न्यूयॉर्क, यूएसए:
उन्होंने आरएंडडी इंजीनियर के रूप में काम किया।
कॉमर्शियल अंतरिक्ष यात्री बनने की उपलब्धि
स्पेसफ्लाइट इंस्टीट्यूट में यह प्रशिक्षण अंतरिक्ष अभियानों में उपयोग होने वाले तकनीकी और भौतिक कौशल को विकसित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। डॉ. सिंह का चयन भारतीय अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने का प्रतीक है।
वैश्विक मंच पर भारत का नाम रोशन
डॉ. सिंह का यह चयन देश की “आत्मनिर्भर भारत” पहल को और मजबूती देता है। उनके अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होने से न केवल भारत को वैश्विक मंच पर पहचान मिलेगी, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा।