📍नई दिल्ली | 5 months ago
Army chief General Upendra Dwivedi Nepal Visit: अगले हफ्ते भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी नेपाल के आधिकारिक दौरे पर जाएंगे। यह दौरा भारत और नेपाल के बीच मजबूत सैन्य कूटनीति को और गहराई देगा। दशकों पुरानी साझेदारी, सांस्कृतिक जुड़ाव और भौगोलिक निकटता के कारण दोनों देशों के बीच विशेष संबंध हैं, जो क्षेत्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारत-नेपाल सैन्य संबंधों की गहराई
भारत और नेपाल के बीच सैन्य सहयोग की एक लंबी और गौरवशाली परंपरा रही है। नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम, सैन्य उपकरणों की आपूर्ति और संयुक्त अभ्यास ने इस संबंध को मजबूती दी है। जनरल द्विवेदी का यह दौरा इन साझेदारियों को और गहराई देने का अवसर होगा।
सैन्य प्रशिक्षण और सहयोग
नेपाल और भारत के बीच सैन्य प्रशिक्षण का आदान-प्रदान एक महत्वपूर्ण पहलू है। इस साल अब तक 300 से अधिक नेपाली सैनिकों ने भारत में काउंटर-इंसर्जेंसी, नेतृत्व विकास और शांति मिशन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण लिया है। इसी तरह भारतीय सैनिक भी नेपाल में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं।
संयुक्त सैन्य अभ्यास “सूर्य किरण”
दोनों देशों के बीच “सूर्य किरण” नामक वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास, आपसी सहयोग को बढ़ाने का महत्वपूर्ण माध्यम है। इस साल दिसंबर में इसका 18वां संस्करण नेपाल में आयोजित होगा। यह अभ्यास आतंकवाद-रोधी अभियानों, आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता पर केंद्रित होता है।
सैन्य आधुनिकीकरण में सहयोग
भारत ने नेपाल को छोटे हथियारों, वाहनों और आधुनिक प्रशिक्षण सिमुलेटर सहित सैन्य उपकरणों की आपूर्ति की है। दोनों देशों ने “नेपाल-भारत द्विपक्षीय परामर्श समूह” के माध्यम से सैन्य जरूरतों और आपदा प्रबंधन को बेहतर बनाने पर चर्चा की है। जनरल द्विवेदी का दौरा इन मुद्दों पर चर्चा को और गति देगा।
सम्मानजनक सैन्य रैंक और जनसंपर्क
भारत और नेपाल के बीच सैन्य संबंधों में एक खास परंपरा है—दोनों देशों के सेना प्रमुखों को मानद जनरल का पद दिया जाता है। जनरल द्विवेदी का यह दौरा इस प्रतीकात्मक बंधन को और मजबूत करेगा।
नेपाल में लगभग 88,000 भारतीय सेना के पूर्व सैनिक रहते हैं, जो शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में योगदान देकर दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को गहरा करते हैं।
मुक्तिनाथ मंदिर की यात्रा
अपने दौरे के दौरान जनरल द्विवेदी श्री मुक्तिनाथ मंदिर भी जा सकते हैं। भारत के पहले सीडीएस, जनरल बिपिन रावत का भी यहां जाने का सपना था। उनकी स्मृति में मंदिर में ‘बिपिन बेल’ स्थापित की गई थी।
क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए साझेदारी
जनरल उपेंद्र द्विवेदी का यह दौरा भारत-नेपाल सैन्य कूटनीति में एक और महत्वपूर्ण कदम है। यह दोनों देशों के बीच साझा सुरक्षा, स्थिरता और आतंकवाद जैसे खतरों से निपटने के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह यात्रा न केवल द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को मजबूत करेगी, बल्कि दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में भी योगदान देगी।